जम्मू कश्मीर में जीत के लिए बीजेपी ने वोटिंग फॉर्मूला तैयार किया है. गृह मंत्री अमित शाह खुद इस फॉर्मूला को अमलीजामा पहनाने में जुटे हैं. फॉर्मूला को जमीन पर अमल में लाने की जिम्मेदारी कार्यकर्ताओं को सौंपी गई है. कहा जा रहा है कि जम्मू में अगर यह फॉर्मूला सफल होता है तो पहली बार घाटी में बीजेपी की पूर्ण बहुमत की सरकार बन सकती है. जम्मू कश्मीर में 90 सीटों के लिए 18 सितंबर, 25 सितंबर और 1 अक्टूबर को मतदान प्रस्तावित है.
पहले जीत के उस फॉर्मूला को जानिए
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को संगठन की बैठक में सभी कार्यकर्ताओं को एक टास्क सौंपा. इसके मुताबिक सुबह 11 बजे तक कार्यकर्ता अपने परिवार के साथ-साथ 3 और परिवार का वोट डलवाएंगे. यानी एक कार्यकर्ता के जिम्मे कम से कम 4 परिवारों का वोट कराना है.
बूथ अध्यक्ष को इस काम के मॉनिटरिंग का जिम्मा दिया गया है. जम्मू में कार्यकर्ताओं के साथ मीटिंग में शाह ने कहा कि बूथ मालिक (अध्यक्ष) अगर अपना टास्क पूरा करते हैं तो बीजेपी को जम्मू में सरकार बनाने से कोई नहीं रोक सकता है.
शाह ने बीजेपी कार्यकर्ताओं से कहा कि आप सभी लोगों के बीच जाएं और उन्हें मोदी सरकार के किए कामों के बारे में बताएं. हमने 370 हटाया है और पत्थरबाजी खत्म की है. उन्होंने आगे कहा कि जम्मू की भागीदारी के बिना अब कश्मीर में सरकार नहीं बन पाएगी.
4 परिवार से 45 लाख वोट साधने की रणनीति
बीजेपी ने एक कार्यकर्ता को 4 परिवार से वोट डलवाने का टास्क सौंपा है. पार्टी इस रणनीति से सीधे 45 लाख मतदाताओं को साधना चाहती है. दरअसल, एक परिवार में औसत 2 वोट होते हैं. ऐसे में एक कार्यकर्ताओं को 8 वोट डलवाने का लक्ष्य मिला है.
2015 के एक आंकड़े के मुताबिक जम्मू-कश्मीर में बीजेपी के पास करीब 5.50 लाख सदस्य हैं. अगर एक सदस्य 8 वोट डलवाने में सफल होते हैं तो इससे सीधे 45 लाख वोटों पर असर पड़ सकता है. यह कुल वोटों का करीब 50 फीसद है.
पार्टी कार्यकर्ताओं को टास्क सौंपकर जम्मू में शुरू हुई आंतरिक बगावत को भी शांत करना चाहती है. हाल ही टिकट वितरण के बाद जम्मू के कई सीटों पर सीधे तौर पर बगावत देखने को मिला है.
जम्मू-कश्मीर में करीब 87 लाख वोटर्स हैं
चुनाव आयोग के मुताबिक घाटी में करीब 87 लाख मतदाता हैं. इनमें 44.34 लाख पुरुष और 42.58 लाख महिला वोटर्स हैं. चुनाव आयोग के मुताबिक इस बार वोटर लिस्ट में 2.31 लाख नए मतदाताओं को शामिल किया है.
हालिया लोकसभा चुनाव में जम्मू-कश्मीर में 56 प्रतिशत वोट पड़े हैं. संख्या के हिसाब से देखा जाए तो लोकसभा चुनाव में करीब 50 लाख मतदातओं ने मतदान किया था. आयोग के मुताबिक अब तक का यह रिकॉर्ड है.
बीजेपी की नजर घाटी से ज्यादा जम्मू की सीटों पर
जम्मू-कश्मीर दो जोन में बंटा हुआ है, एक जम्मू और दूसरा कश्मीर. बीजेपी जम्मू पर ज्यादा फोकस कर रही है. जम्मू में विधानसभा की 43 सीटें हैं, जबकि कश्मीर में 47. लोकसभा चुनाव के दौरान तो बीजेपी ने कश्मीर की 3 सीटों पर उम्मीदवार भी नहीं उतारा था.
कार्यकर्ताओं की मीटिंग में अमित शाह ने कहा कि आप जम्मू में अच्छा परफॉर्मेंस कर लोगे तो सरकार में आ जाओगे. जम्मू कश्मीर में सरकार बनाने के लिए कम से कम 46 सीटों की जरूरत है. जम्मू-कश्मीर में विधानसभा की 90 सीटें हैं.
हालिया लोकसभा चुनाव में पार्टी को जम्मू की 29 विधानसभा सीटों पर बढ़त मिली थी. बीजेपी की कोशिश इस आंकड़े को बढ़ाकर 40 के पार पहुंचाने की है.
जम्मू जीतने के लिए इन रणनीतियों पर भी काम जारी
जम्मू में विधानसभा का आखिरी चुनाव 2014 में हुआ था, तब बीजेपी को 25 सीटें मिली थी. पार्टी ने पीडीपी के साथ गठबंधन कर सरकार बनाया. वर्तमान में बीजेपी के पास कश्मीर में कोई भी दल नहीं है. बीजेपी यहां जीत दर्ज करने के लिए मुद्दा तय करने के साथ-साथ उम्मीदवारों के चयन में भी काफी सावधानी बरत रही है.
हाल ही में बीजेपी ने जो लिस्ट जारी किए हैं, उनमें से पार्टी के दिग्गज नेताओं की जगह नए नेताओं को मौका दिया गया है. इसी तरह पुराने नेता राम माधव को संगठन में वापसी कराकर उन्हें जम्मू का प्रभार सौंपा गया है.
बीजेपी जम्मू में 370, तिरंगा और आतंकवाद को बड़ा मुद्दा बना रही है. पार्टी ने इन तीनों ही मुद्दे को डोर-टू-डोर कैंपेन के जरिए लोगों तक पहुंचाएगी.