Breaking
छत्तीसगढ़ः ताबड़तोड़ एक्शन जारी, एनकाउंटर में मारे 5 नक्सली, 2 जवान भी घायल Bihar: लोग इन्हें कहते हैं ‘God of Birds’… इन्होंने बचाई सैकड़ों पक्षियों की जान; जानिए इनकी कहानी झांसी मेडिकल कॉलेज अग्निकांड: वो 7 सवाल, जिनके जवाब मिलने अभी बाकी जान्हवी कपूर या खुशी कपूर, दोनों बहनों में से किसका बॉयफ्रेंड है ज्यादा अमीर? बच्ची की बलि, सीना चीरकर निकाला दिल, बिना कपड़ों में तंत्र पूजा; सिद्धी पाने के लिए कातिल बनी मां देश को आजादी दिलाने में सिर्फ एक पार्टी या एक परिवार नहीं, आदिवासी समाज का भी बड़ा योगदान: PM मोदी दिल्ली में अमित शाह ने किया बिरसा मुंडा की प्रतिमा का अनावरण, वजन 3 हजार kg महाराष्ट्रः औरंगाबाद की 2 सीटों पर जीत को लेकर ऐसे ही कॉन्फिडेंट नहीं हैं ओवैसी, 5 महीने पहले ही मिल... पप्पू यादव को धमकी देने का मामला निकला फर्जी, किसी और को फंसाने के लिए रची साजिश इसके साथ ही जेवर एयरपोर्ट के पहले चरण का संचालन शुरू करने की कवायद तेज हो गई है. जेवर एयरपोर्ट का 39...

म्यांमार में यागी तूफान से तबाही में 74 लोगों की मौत, 89 लापता, विदेशों से लगाई मदद की गुहार

Whats App

म्यांमार में यागी तूफान के आने से तबाही मच गई है, जिसमें कम से कम 74 लोगों की मौत की खबर सामने आई हैं. पहल यह संख्या 33 थी लेकिन अब मौत का आंकड़ा बढ़ गया है. इसके अलावा करीब 89 लोग लापता हैं. इसके साथ ही बताया यह भी जा रहा है कि अभी मरने वालों और लापता लोगों की संख्या में और इजाफा हो सकता है. क्योंकि फिलहाल जानकारी जुटाना मुश्किल हो रहा है.

रिपोर्ट्स के मुताबिक इससे पहले यागी तूफान ने वियतनाम, उत्तरी थाईलैंड और लाओस में तबाही मचाई थी, जिसमें करीब 260 से भी ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी और बहुत ज्यादा विनाश हुआ था. इस तूफान में मरने वाले और लापता लोगों को लेकर आए यह ताजे आंकड़े सत्तारूढ़ सैन्य परिषद के सीनियर जनरल मिन आंग ह्लाइंग की अनाउंसमेंट के बाद आए हैं, जिसमें उन्होंने कहा था कि म्यांमार विदेशों से मदद की मांग कर रहा है.

पहले बाढ़ ने मचाई तबाही

Whats App

इससे पहले बुधवार को ही म्यांमार के मांडले और बागो और राजधानी नेपीताव के निचले इलाकों में बाढ़ ने बड़े लेवल पर तबाही मचाई थी, जिसके बाद शुक्रवार को मिन आंग ह्लाइंग और सैन्य अधिकारियों ने प्रभावित इलाकों का दौरा किया और नेपीताव में राहत कार्यों की जानकारी हासिल की. जनरल ने बचाव और राहत कार्यों के मैनेजमेंट की जरूरी कार्रवाई पर जोर दिया और पीड़ितों के लिए विदेशी मदद की मांग की.

पहले 2008 में चक्रवात नरगिस

रिपोर्ट्स के अनुसार 100 से ज्यादा लोग लापता हैं. म्यांमार में चल रहे गृहयुद्ध, जो 2021 में आंग सान सू की सरकार से सेना के अधिग्रहण के बाद शुरू हुआ था. उसने राहत बचाव कार्यों को और मुश्किल बना दिया है. म्यांमार का मानसून अक्सर खतरनाक मौसम लेकर आता है, जिससे तबाही देखने को मिलती है. साल 2008 में चक्रवात नरगिस की वजह 138,000 से ज़्यादा लोगों की मौत हो गई थी.

भारी बारिश से मची तबाही में 24 पुल, 375 स्कूल भवन, एक बौद्ध मठ, पांच बांध, चार पैगोडा, 14 ट्रांसफार्मर, 456 लैंपपोस्ट और 65,000 से अधिक घर समेत कई और जरूर चीजों को भारी नुकसान हुआ. इसे पिछले 60 सालों में सबसे खराब बारिश बताया गया है, जिसने बागान में कई प्राचीन मंदिरों को भी नुकसान पहुंचाया.

छत्तीसगढ़ः ताबड़तोड़ एक्शन जारी, एनकाउंटर में मारे 5 नक्सली, 2 जवान भी घायल     |     Bihar: लोग इन्हें कहते हैं ‘God of Birds’… इन्होंने बचाई सैकड़ों पक्षियों की जान; जानिए इनकी कहानी     |     झांसी मेडिकल कॉलेज अग्निकांड: वो 7 सवाल, जिनके जवाब मिलने अभी बाकी     |     जान्हवी कपूर या खुशी कपूर, दोनों बहनों में से किसका बॉयफ्रेंड है ज्यादा अमीर?     |     बच्ची की बलि, सीना चीरकर निकाला दिल, बिना कपड़ों में तंत्र पूजा; सिद्धी पाने के लिए कातिल बनी मां     |     देश को आजादी दिलाने में सिर्फ एक पार्टी या एक परिवार नहीं, आदिवासी समाज का भी बड़ा योगदान: PM मोदी     |     दिल्ली में अमित शाह ने किया बिरसा मुंडा की प्रतिमा का अनावरण, वजन 3 हजार kg     |     महाराष्ट्रः औरंगाबाद की 2 सीटों पर जीत को लेकर ऐसे ही कॉन्फिडेंट नहीं हैं ओवैसी, 5 महीने पहले ही मिल गए थे संकेत     |     पप्पू यादव को धमकी देने का मामला निकला फर्जी, किसी और को फंसाने के लिए रची साजिश     |     इसके साथ ही जेवर एयरपोर्ट के पहले चरण का संचालन शुरू करने की कवायद तेज हो गई है. जेवर एयरपोर्ट का 3900 मीटर लंबा रनवे तैयार है. जेवर एयरपोर्ट का एक टर्मिनल बिल्डिंग और एटीसी टावर लगभग तैयार हो गया है. जेवर एयरपोर्ट पर पिछले दिनों कई विमान रनवे के ऊपर से होते हुए गुजरे भी हैं. टर्मिनल फिनिशिंग का चल रहा है काम जेवर एयरपोर्ट के टर्मिनल बिल्डिंग में फिनिशिंग का काम चल रहा है. जेवर एयरपोर्ट पर घने कोहरे विमानों को लैंड कराने के लिए तैयारी की जा रही है. जेवर एयरपोर्ट पर कैट एक और कैट तीन उपकरण स्थापित हो चुके हैं. जो कोहरे में विमान की ऊंचाई और दृश्यता की जानकारी देते हैं. इस एयरपोर्ट पर टिकट की बुकिंग फरवरी 2025 से शुरू हो जाएगी. इस एयरपोर्ट पर संचालन का काम भी 2025 से ही शुरू होगा.     |