Breaking
मुसलमानों का करें बॉयकॉट… इस बयान पर सज्जाद नोमानी ने मांगी माफी, महाराष्ट्र नतीजे के बाद बदले सुर भाई की हार के बाद छलका मंत्री किरोड़ी लाल मीणा का दर्द, भीतरघात को बताया हार की वजह आंखों में जलन-घुटन…दिल्ली की हवा में ‘जहर’, रेड जोन में 9 इलाके, AQI 400 के पार मंदिर, गुरुद्वारा और चर्च जाऊंगी… सीसामऊ से जीत के बाद ऐसा क्यों बोलीं सपा उम्मीदवार नसीम सोलंकी? बिहार: जंगल से मिला लड़के का शव…रेत दिया गया था गला, पुलिस ने दो दोस्तों से की पूछताछ, एक ने लगा ली ... किरणपाल मर्डर केस: दिल्ली में बदमाश रॉकी का एनकाउंटर, ड्यूटी पर तैनात कांस्टेबल की कर दी थी हत्या संभल में शाही मस्जिद के सर्वे पर बवाल, पुलिस पर भीड़ ने किया पथराव माफी मांगो नहीं तो केस…कैश कांड पर तावड़े का पलटवार, खरगे-राहुल और सुप्रिया को नोटिस बिहार में नेशनल हाइवे का नेटवर्क अमेरिका के बराबर हो जाएगा: गडकरी रेवड़ी के मुद्दे पर बीजेपी को घेर रहे केजरीवाल, विनिंग फॉर्मूल से चौथी बार दिल्ली फतह का प्लान

आतिशी की नई कैबिनेट के 3 संदेश… अहलावत से नॉर्थ-वेस्ट दिल्ली सेट, एक मंत्री पद छोड़कर 5 MLA को साधा

Whats App

आतिशी को मुख्यमंत्री नामित करने के बाद आम आदमी पार्टी ने दिल्ली के मंत्रियों के नाम भी फाइनल कर लिए हैं. सूत्रों के मुताबिक आतिशी के साथ कुल 5 मंत्री शपथ लेंगे. जिन चेहरे को कैबिनेट में शामिल करने का फैसला किया गया है, उनमें गोपाल राय, सौरभ भारद्वाज, कैलाश गहलोत, इमरान हुस्सैन और मुकेश अहलावत का नाम हैं.

कैबिनेट विस्तार से क्या साध रही आप?

1. दलित कोटे से अहलावत पर नॉर्थ-वेस्ट पर ज्यादा फोकस

Whats App

मुकेश अहलावत को आतिशी कैबिनेट में दलित कोटे से शामिल किया गया है. पहले कोंडली से विधायक कुलदीप कुमार मंत्री पद के लिए फ्रंटरनर थे. आप के हाईकमान से उनकी मुलाकात भी हुई थी, लेकिन आखिरी बाजी अहलावत के ही हाथ लगी. कहा जा रहा है कि अहलावत के जरिए आप नॉर्थ-वेस्ट दिल्ली को साधना चाहती है.

नॉर्थ वेस्ट दिल्ली का यह इलाका दलित बाहुल्य है. नॉर्थ-वेस्ट दिल्ली में विधानसभा की कुल 10 सीटें हैं, जिसमें से 3 दलितों के लिए रिजर्व है. 2020 के चुनाव में 10 में से 9 सीटों पर आम आदमी पार्टी को जीत मिली थी, लेकिन 2024 के लोकसभा चुनाव में आप और कांग्रेस गठबंधन को यहां बड़ा झटका लगा था.

लोकसभा चुनाव में जहां नॉर्थ-वेस्ट दिल्ली में आप और कांग्रेस की करारी हार हुई, वहीं उसे विधानसभा की 10 में से सिर्फ 1 सीट पर बढ़त हासिल हुई. जिस सीट पर बढ़त हासिल हुई, वो मुकेश अहलावत की सुलतानपुर माजरा ही है.

2. सरकार से सिर्फ केजरीवाल बदले आप की टीम नहीं

आतिशी कैबिनेट में 4 उन मंत्रियों को जगह दी गई है, जो पहले केजरीवाल कैबिनेट में थे. आतिशी को जोड़ दिया जाए तो यह संख्या 5 हो जाती है. आप ने आतिशी की नई कैबिनेट से संदेश दिया है कि सिर्फ केजरीवाल बदले गए हैं, कैबिनेट नहीं.

मुख्यमंत्री नामित होने के बाद आतिशी ने भी कहा था कि हमारा लक्ष्य केजरीवाल को फिर से मुख्यमंत्री बनाना है. आप का कहना है कि कानूनी पंचड़ों में फंसने और परेशान होने की वजह से केजरीवाल ने यह पद छोड़ा है.

आप दिल्ली का आगामी चुनाव केजरीवाल को न्याय के मुद्दे पर ही लड़ेगी. हाल ही में आप के एक कार्यक्रम में अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि आप सिर्फ एक सवाल पर वोट देना- केजरीवाल ईमानदार है या नहीं?

कहा जा रहा है कि दिल्ली विधानसभा चुनाव में आप अपने कैंपेन में इसी को सबसे बड़ा मुद्दा बनाएगी.

3. आतिशी कैबिनेट में एक पद रिक्त छोड़ दिया ये संदेश

दिल्ली में विधानसभा की कुल 70 सीटें हैं. समीकरण के लिहाज से सरकार में मुख्यमंत्री समेत 7 सदस्य शामिल हो सकते हैं. आतिशी कैबिनेट में मुख्यमंत्री समेत 6 सदस्यों को शामिल किया गया है. एक पद अभी रिक्त रखा गया है.

एक पद रिक्त रखने की 2 वजहे हैं. पहला, आम आदमी पार्टी यह संदेश देने की कोशिश कर रही है कि हम मिनिमम गवर्मेंट रखकर मैक्सिमम गवर्नेंस देंगे. यानी कम रिसोर्स में ज्यादा काम किया जाएगा. दिल्ली में अब से 4 महीने बाद चुनाव होने हैं.

दूसरा कारण पार्टी में आंतरिक दावेदारी भी है. मंत्री पद के लिए विशेष रवि, दुर्गेश पाठक, सोमनाथ भारती, संजीव झा और जरनैल सिंह दावेदार थे. सभी हाईकमान के करीबी माने जाते हैं और इनमें से किसी एक को बनाना आसान नहीं था.

आम आदमी पार्टी ने आतिशी कैबिनेट में एक पद रिक्त छोड़ सभी दावेदारों की दावेदारी को जीवित छोड़ दिया है.

21 सिंतबर को शपथ, तभी बंटेंगे विभाग

आतिशी और पूरी कैबिनेट 21 सितंबर को शपथ ले सकती है. इस संबंध में उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने गृह मंत्रालय और राष्ट्रपति को पत्र भेजा है. आतिशी ने 17 सितंबर को सरकार बनाने का दावा पेश किया था. शपथ ग्रहण के बाद नए मंत्रियों के विभाग बांटे जाएंगे.

विभाग बंटवारे में सबसे ज्यादा नजर शिक्षा और वित्त पर रहेगी. केजरीवाल सरकार में यह दोनों विभाग पहले मनीष सिसोदिया और फिर आतिशी के मिली थी.

आतिशी अब खुद मुख्यमंत्री बन गई हैं. ऐसे में देखना है कि क्या पहले की तरह ही खुद दोनों विभाग संभालेंगी या केजरीवाल की तरह बिना कोई विभाग लिए मुख्यमंत्री का काम करेंगी. 2013 में मुख्यमंत्री बनने के बाद से ही अरविंद केजरीवाल बिना विभागों के मुख्यमंत्री थे. केजरीवाल सिर्फ मंत्रियों के कामों की निगरानी करते थे.

कहा जा रहा है कि शपथ ग्रहण के बाद सरकार के विभागों का बंटवारा कर दिया जाएगा.

मुसलमानों का करें बॉयकॉट… इस बयान पर सज्जाद नोमानी ने मांगी माफी, महाराष्ट्र नतीजे के बाद बदले सुर     |     भाई की हार के बाद छलका मंत्री किरोड़ी लाल मीणा का दर्द, भीतरघात को बताया हार की वजह     |     आंखों में जलन-घुटन…दिल्ली की हवा में ‘जहर’, रेड जोन में 9 इलाके, AQI 400 के पार     |     मंदिर, गुरुद्वारा और चर्च जाऊंगी… सीसामऊ से जीत के बाद ऐसा क्यों बोलीं सपा उम्मीदवार नसीम सोलंकी?     |     बिहार: जंगल से मिला लड़के का शव…रेत दिया गया था गला, पुलिस ने दो दोस्तों से की पूछताछ, एक ने लगा ली फांसी     |     किरणपाल मर्डर केस: दिल्ली में बदमाश रॉकी का एनकाउंटर, ड्यूटी पर तैनात कांस्टेबल की कर दी थी हत्या     |     संभल में शाही मस्जिद के सर्वे पर बवाल, पुलिस पर भीड़ ने किया पथराव     |     माफी मांगो नहीं तो केस…कैश कांड पर तावड़े का पलटवार, खरगे-राहुल और सुप्रिया को नोटिस     |     बिहार में नेशनल हाइवे का नेटवर्क अमेरिका के बराबर हो जाएगा: गडकरी     |     रेवड़ी के मुद्दे पर बीजेपी को घेर रहे केजरीवाल, विनिंग फॉर्मूल से चौथी बार दिल्ली फतह का प्लान     |