Breaking
जिन कर्मियों के कंधों पर स्वच्छता का जिम्मा, उनकी सेहत की ही नगर निगम को नहीं चिंता नेहरू के खत लौटाए जाएं… इतिहासकार रिजवान कादरी ने सोनिया गांधी से क्यों की ये मांग? तो ये था पूरा प्लान…मोसाद और CIA ने मिलकर कैसे तबाह किया था ईरान का न्यूक्लियर प्रोग्राम? शादी की दाल में सोने का तड़का, अंबानी को गिफ्ट देने पर करण जौहर बोले- हमारी क्या औकात है चेन्नई में अश्विन की बल्ले-बल्ले, बांग्लादेश को हराने के बाद बोले ये, 3 साल में दूसरी बार ऐसा करते ह... क्या वोडाफोन-आइडिया की डूबती नैया को किनारे ले जाएगी ये डील? 30,000 करोड़ का है मामला अगर यूपीआई पर लग गया चार्ज तो क्या होगा? इस सर्वे में हुआ हैरान करने वाला खुलासा WhatsApp के ये सिग्नल बताते हैं कोई देख-सुन रहा है अपकी चैट, ऐसे करें पहचान सबसे ताकतवर हथियार ब्रह्मास्त्र के पीछे की कहानी क्या है? परमाणु से भी ज्यादा खतरनाक डेलावेयर से न्यूयॉर्क पहुंचे पीएम मोदी, हुआ भव्य स्वागत, जानें क्या है आज का पूरा कार्यक्रम?

प्रदेशभर के आउटसोर्स कर्मचारी भोपाल में जुटे, नीलम पार्क में प्रदर्शन

Whats App

 भोपाल। प्रदेशभर के सभी शासकीय विभाग, अर्द्धसरकारी संस्थानों में नौकरी करने वाले आउटसोर्स कर्मचारी रविवार को भोपाल में प्रदर्शन कर रहे हैं। अलग-अलग जिलों से आए सैंकड़ों की संख्या में प्रदर्शनकारी नीलम पार्क में एकत्रित हुए हैं। इसमें चौकीदार, भृत्य, पंप आपरेटर, सफाईकर्मी, स्कूलों , छात्रावासों के अंशकालीन और अस्थाई कर्मचारी शामिल हैं। उनकी मांग है कि उनको नौकरी में सुरक्षा दी जाए और न्यूनतम वेतन 21 हजार रुपये मिले।

आंदोलन का नेतृत्व कर रहे आउटसोर्स, अस्थाई, अंशकालीन, ग्राम पंचायत कर्मचारी संयुक्त मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष वासुदेव शर्मा का कहना है कि मप्र में सरकारी विभागों में ठेकेदारों काम करवा रहे है। विभागों का 80 फीसदी निजीकरण हो चुका है। सरकारी विभागों में काम करने वाले कर्मचारियों की नौकरी में न सुरक्षा बची है और न ही सरकार का तय न्यूनतम वेतन मिलता है। कर्मचारी अन्याय के शिकार हैं। इसी के तहत कामगार क्रांति आंदोलन किया जा रहा है।
Whats App
प्रदेशभर से हजारों कर्मचारी आंदोलन में शामिल होकर न्याय के लिए अपनी आवाज बुलंद कर रहे हैं। आउटसोर्स कर्मचारियों के वेतन से 18% जीएसटी तक काटा जा रहा है। न्यूनतम वेतन रिवाइज करके कम कर लिया गया है, यह अन्याय है।इस प्रदर्शन में प्रदेश अधिकांश विभागों के आउटसोर्स कर्मचारी शामिल हैं।
जैसे ग्राम पंचायतों के चौकीदार, भृत्य, पंप आपरेटर, सफाईकर्मी, स्कूलों, छात्रावासों के अंशकालीन, अस्थाई कर्मचारी, निगम मंडल, नगरीय निकाय, सहकारिता के आउटसोर्स, अस्थाई कर्मी, शासकीय विभागों के आउटसोर्स कंप्यूटर ऑपरेटर, अस्पताल, मेडिकल कॉलेजों के वार्ड न्याय, सुरक्षाकर्मी, सहित चतुर्थ श्रेणी आउटसोर्स कर्मचारी, मंडियों, राष्ट्रीयकृत एवं सहकारी बैंकों, उच्च शिक्षा, तकनीकी शिक्षा, यूनिवर्सिटी, आयुष विभाग के योग प्रशिक्षक, शिक्षा विभाग के व्यावसायिक प्रशिक्षकों सहित सभी शासकीय अर्द्धशासकीय विभागों के अस्थायी, आउटसोर्स कर्मचारी “नौकरी में सुरक्षा और न्यूनतम 21000 रूपए वेतन” की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। शनिवार देर रात उनको जिला प्रशासन की ओर से इस प्रदर्शन की अनुमति मिली है।

जिन कर्मियों के कंधों पर स्वच्छता का जिम्मा, उनकी सेहत की ही नगर निगम को नहीं चिंता     |     नेहरू के खत लौटाए जाएं… इतिहासकार रिजवान कादरी ने सोनिया गांधी से क्यों की ये मांग?     |     तो ये था पूरा प्लान…मोसाद और CIA ने मिलकर कैसे तबाह किया था ईरान का न्यूक्लियर प्रोग्राम?     |     शादी की दाल में सोने का तड़का, अंबानी को गिफ्ट देने पर करण जौहर बोले- हमारी क्या औकात है     |     चेन्नई में अश्विन की बल्ले-बल्ले, बांग्लादेश को हराने के बाद बोले ये, 3 साल में दूसरी बार ऐसा करते हुए बनाए 8 रिकॉर्ड     |     क्या वोडाफोन-आइडिया की डूबती नैया को किनारे ले जाएगी ये डील? 30,000 करोड़ का है मामला     |     अगर यूपीआई पर लग गया चार्ज तो क्या होगा? इस सर्वे में हुआ हैरान करने वाला खुलासा     |     WhatsApp के ये सिग्नल बताते हैं कोई देख-सुन रहा है अपकी चैट, ऐसे करें पहचान     |     सबसे ताकतवर हथियार ब्रह्मास्त्र के पीछे की कहानी क्या है? परमाणु से भी ज्यादा खतरनाक     |     डेलावेयर से न्यूयॉर्क पहुंचे पीएम मोदी, हुआ भव्य स्वागत, जानें क्या है आज का पूरा कार्यक्रम?     |