दिल्ली विधानसभा के सत्र की गुरुवार से शुरुआत हो गई है. सीएम पद से इस्तीफा देने के बाद केजरीवाल का सदन में ये पहला दिन है. सदन में उन्होंने बीजेपी पर जमकर हमला बोला. कहा, मुझे जेल भेजने के पीछे बीजेपी का मकसद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी को बदनाम करना था. ये लोग 27 साल से दिल्ली की सत्ता से बाहर हैं. इसलिए यहां की जनता को परेशान करके सत्ता में आना चाहते हैं.
अरविंद केजरीवाल ने कहा, मैं सुप्रीम कोर्ट का शुक्रगुजार हूं. ईश्वर और देश के करोड़ों लोगों का शुक्रिया अदा करता हूं. मैं हमेशा कहता हूं मोदी जी बहुत ताकतवर हैं. उनके पास अथाह पैसा है लेकिन मोदी जी भगवान नहीं हैं. मैं आज मुख्यमंत्री आतिशी के साथ दिल्ली यूनिवर्सिटी की एक रोड का इंस्पेक्शन करने गया था. मुझे बताया गया कि पहले वहां की सड़कें बहुत अच्छी थीं जो अब खराब हैं. मुझे उम्मीद है कि सड़कें ठीक होंगी.
मैंने बीजेपी के एक नेता से पूछा कि गिरफ्तार करके क्या मिला?
आम आदमी पार्टी नेता अरविंद केजरीवाल ने सदन बड़ा दावा किया. उन्होंने तीन चार दिन पहले मैं बीजेपी के एक बड़े नेता से मिला और उनसे पूछा कि मुझे गिरफ्तार करके क्या मिला. उन्होंने कहा कि आपके पीछे दिल्ली को ठप कर दिया. मैं सोच में पड़ गया कि दिल्ली के दो करोड़ लोगों के कामों को रोककर कामों को ठप्प करके कोई कैसे खुश हो सकता है?
केजरीवाल ने कहा कि27 साल से बीजेपी दिल्ली की सत्ता से बाहर है. लोग इन्हें वोट नहीं देते. इसी बात के लिए लोगों को परेशान कर रहे हैं. अरे आपके पास केंद्र सरकार है. मनीष सिसोदिया ने 700 स्कूल बनाए. 500 मोहल्ला क्लिनिक बनाए, आप 7000 बना दो. दिल्ली सरकार को बदनाम करके वोट लेना चाहते हो? जनता सब समझती है वो बेवकूफ नहीं है. जनता चुप रहती है और मतदान के दिन बोलती है.
अब मैं वापस आ गया हूं और लोगों के सारे काम करूंगा
‘आप’ नेता ने कहा कि दिल्ली बीजेपी के नेताओं पर हमला बोलते हुए कहा कि केंद्र सरकार से 5000 करोड़ रुपये लाकर दिल्ली के काम कर दो. मेरे पीछे (जेल जाने के बाद) दिल्ली की सड़कों की रिपेयरिंग रोक दी, काम रोक दिया. अब मैं वापस आ गया हूं और लोगों के सारे काम करूंगा.
स्पीकर साहब, विपक्ष के लोगों को तीर्थयात्रा पर भेजो
अरविंद केजरीवाल ने कहा, मेरे जेल जाने के बाद बस मार्शल हटा दिए. पेंशन बंद करवा दी गई. तीर्थयात्रा बंद करवा दी गई. आप (बीजेपी) लोग भी तीर्थयात्रा करके आए. कभी थोड़ा भगवान के सामने हाथ जोड़कर शांति से सोचा करो कि क्या कर रहे हो. स्पीकर साहब, विपक्ष के लोगों को तीर्थयात्रा पर भेजो.
दिल्ली के पूर्व सीएम ने कहा कि केजरीवाल कुछ भी हो सकता है लेकिन बेईमान नहीं हो सकता है. ये केजरीवाल को बेईमान साबित करना चाहते थे. ये सबको जेल में डाल देते हैं. मैं चैलेंज करता हूं कि दो लोगों को तुम्हारी पार्टी से जेल में डाल दिया ना तो तुम्हारी पार्टी भी टूट जाएगी. हमारे तो 5 नेताओं को जेल में डाला फिर भी हमारी पार्टी नहीं टूटी.
अब जनता तय करेगी कि कौन चोर है
केजरीवाल ने कहा कि आरएसएस वाले नहीं कहते कि केजरीवाल भ्रष्ट है. मेरे जेल जाने से दिल्ली के 2 करोड़ लोगों का नुकसान हुआ है. थोड़ा भगवान से डरो, मैनें जेल में गीता और रामायण बहुत पढ़ी. अब जनता तय करेगी कि कौन चोर है. सौरभ भारद्वाज बता रहा था कि मेरे जेल जाने के बाद पेड़ भी काटे गए.
उन्होंने कहा कि लोगों के सामने साफ है कि केजरीवाल कट्टर ईमानदार है. हमारी पार्टी के सभी बड़े नेताओं को जेल में डाल दिया लेकिन हम नहीं टूटे. ये लोग चाहते थे कि मुझे जमानत न मिले. मगर, सुप्रीम कोर्ट ने जमानत दे दी. जमानत मिलने के बाद मैंने इस्तीफा दे दिया, जबकि किसी ने इस्तीफा मांगा भी नहीं था.
केजरीवाल ने कहा, ये (बीजेपी) कहते हैं कि जेल जाने से नुकसान हुआ. जेल जाने से अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया का नहीं दिल्ली का नुकसान हुआ. अब दिल्ली की जनता जवाब देगी कि किसको चुनना है. जब इतिहास लिखा जाएगा तो बीजेपी के कारनामे भी लिखे जाएंगे और हमारे भी.
जीवन में ऐसे 3 मौके आए जब मैंने इस्तीफा दिया
केजरीवाल ने कहा, मेरे जीवन में ऐसे तीन मौके आए जब मैंने इस्तीफा दिया. 2006 में आयकर विभाग की नौकरी से इस्तीफा दिया. 2013 में जब हम सत्ता में आए तो मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिया. मुझे कुर्सी का लालच नहीं है. अब फिर से बिना मांगे मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया. मुझे RSS के एक नेता मिले. उन्होंने बताया कि 75 साल का नियम लागू रहेगा लेकिन वो (पीएम मोदी) मान नहीं रहे हैं. सत्ता छोड़ा इतना आसान नहीं है.
दिल्ली के पूर्व सीएम ने कहा कि 75 साल पर रिटायरमेंट का रूल बनाया. आडवाणी जी से लेकर कई नेताओं को रिटायर कर दिया. जब खुद की बारी आई तो कहते हैं कि उन पर ये लागू नहीं होता. आज जब RSS के कार्यकर्ता घर-घर जाते हैं तो उनसे ये सवाल पूछा जाता है. मैं यही कहूंगा कि दिल्ली बहुत खूबसूरत है. हम सबको मिलकर इसको बनाना है. बस काम नहीं रोकना, चुनाव के टाइम पर ही राजनीति करनी है.