देश के ज्यादातर राज्यों के लोग शहरों में रहना पसंद करते हैं. यही वजह है कि शहरों की आबादी ग्रामीण इलाकों की अपेक्षा बहुत अधिक है. वहीं कुछ राज्यों में ऐसे भी शहर हैं, जहां आज भी सबसे कम लोग रहते हैं. किस राज्य के शहरों में सबसे कम लोग रहते हैं. इसको लेकर एसबीआई ने एक आंकड़ा जारी किया है. आंकड़ों के मुताबिक हिमाचल प्रदेश, बिहार, असम और ओडिशा सबसे कम शहरी आबादी वाले राज्य हैं.
किस राज्य में कितने प्रतिशत लोग शहरों में रहते हैं इसको लेकर एसबीआई की एक रिपोर्ट के मुताबिक, देश की राजधानी दिल्ली में सबसे ज्यादा आबादी शहरों में रहते हैं. वहीं गोवा में 76 फीसदी आबादी शहरों में रहती है. जबकि हिमाचल प्रदेश में सबसे कम लोग शहरों में रहते हैं. आंकड़ों के मुताबिक हिमाचल में 10 फीसदी लोग ही शहरों में रहते हैं.
0-14 साल वालों की संख्या 6 फीसदी घटी
पिछले कई साल के आंकड़ों को देखने पर पता चलता है कि देश में बच्चों की संख्या सबसे ज्यादा घटी और कामकाजी लोगों की संख्या सबसे ज्यादा बढ़ी है. 0-14 साल से वाले बच्चों की संख्या में 6 फीसदी कमी आई है. वहीं 15-59 साल वाले लोगों की संख्या में 5 फीसदी बढ़त हुई है. आंकड़ों पर नजर डाले तो सबसे ज्यादा 15-59 साल वाले लोगों की संख्या 91 करोड़ है.
इन राज्यों के शहरों में रहते हैं सबसे कम लोग
देश में बढ़ती जनसंख्या के साथ ही ग्रामीण इलाकों में आबादी बढ़ी है लेकिन शहरी इलाके में ये संख्या दो गुने से भी अधिक हो गई है. वहीं कुछ राज्य ऐसे हैं जहां आज भी दूसरे राज्यों की अपेक्षा शहरों की आबादी सबसे कम है. हिमाचल प्रदेश में 10 फीसदी आबादी शहरों में रहती है. वहीं बिहार में 12.4 फीसदी लोग शहरों में रहते हैं, असम में 15.7 फीसदी लोग और ओडिशा में 19 फीसदी लोग ही शहरों में रहते हैं. जबकि गोवा में सबसे ज्यादा 76 फीसदी लोग शहरों में रहते हैं.
इस राज्य में सबसे अधिक शहरी आबादी
गोवा देश का पहला राज्य है जिसकी सबसे ज्यादा 76 फीसदी आबादी शहरों में रहती है. वहीं केरल की 77.4 फीसदी, तमिलनाडु की 54 फीसदी, महाराष्ट्र की 48.8 फीसदी आबादी शहरों में रहती है. वहीं अगर केंद्र शासित राज्यों की बात करें तो दिल्ली में सबसे ज्यादा लोग शहरों में रहते हैं. संख्या के आधार पर महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा लोग 6.2 करोड़ शहरी आबादी रहती है. यूपी में 5.75 करोड़ और तमिलनाडु में 4.17 करोड़ आबादी शहरों में रहती है.
देश में 2011 में शहरी आबादी 31.1 फीसदी थी जो अब बढ़कर करीब 37 फीसदी पहुंच गई है. संख्या के आधार पर देखें तो 16.6 फीसदी आबादी शहरी है. ये आंकड़ा 2021 में 16 फीसदी था, जिसमें 0.6 फीसदी का इजाफा हुआ है.