कानपुर के ग्रीन पार्क स्टेडियम में जैसे ऋषभ पंत ने चौका लगाया, टीम इंडिया को ऐतिहासिक जीत मिली. ऐतिहासिक इसलिए क्योंकि भारतीय टीम ने महज ढाई दिन में इस मैच को जीता. इस टेस्ट के पहले दिन सिर्फ 35 ओवर हो पाए, इसके बाद दूसरे और तीसरे दिन एक भी ओवर नहीं फेका जा सका. इसके बावजूद टीम इंडिया ने आखिरी दो दिनों में बांग्लादेश को धराशाई कर दिया. भारतीय टीम की ये जीत हर खिलाड़ी और फैंस के चेहरे पर मुस्कान लेकर आई लेकिन इन सब से ज्यादा ये जीत गौतम गंभीर के लिए बेहद स्पेशल रही. वो इसलिए क्योंकि इस जीत के साथ ही उनका 20 साल पुराना जख्म भी भर गया. आइए आपको बताते हैं कि आखिर ये मामला है क्या?
गौतम गंभीर का 20 साल पुराना ‘ज़ख्म’ भरा
कानपुर में जैसे ही टीम इंडिया ने विजयी पताका लहराई उसके साथ ही बतौर हेड कोच गौतम गंभीर पहली टेस्ट सीरीज जीत गए. वैसे खिलाड़ी के तौर पर गौतम गंभीर के लिए टेस्ट सीरीज बेहद ही खराब रही थी. गंभीर ने साल 2004 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट डेब्यू किया था. भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच हुई उस सीरीज में टीम इंडिया अपने ही घर पर 1-2 से हार गई थी. हालांकि गंभीर को उस सीरीज में एक ही मैच खेलने का मौका मिला. वो ब्रेबॉर्न टेस्ट में खेले जिसे टीम इंडिया ने जीता लेकिन गंभीर उस मैच की दो पारियों में कुल 4 ही रन बना पाए. लेकिन बतौर हेड कोच उनका टेस्ट डेब्यू कमाल रहा है और वो पहली ही सीरीज में क्लीन स्वीप कर जीते हैं.
रोहित शर्मा ने भी जीत के बाद गौतम गंभीर को सलाम किया. रोहित ने कहा कि वो गौतम गंभीर के साथ काफी क्रिकेट खेले हैं. उनकी मानसिकता ये है कि वो खिलाड़ियों को खुलकर खेलने की इजाजत देते हैं. ये अभी शुरुआती दिन हैं लेकिन शुरुआत कमाल है.
आगे है ‘गंभीर’ चैलेंज
भारतीय टीम अब वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप की अंक तालिका में और मजबूत हो गई है. वो नंबर 1 पोजिशन पर है. लेकिन गौतम गंभीर का असली टेस्ट अब शुरु होगा. टीम इंडिया को अब वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल से पहले 8 टेस्ट मैच खेलने हैं. ये टेस्ट मैच भी वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप जीतने वाली टीमों से हैं. टीम इंडिया को अब न्यूजीलैंड के खिलाफ तीन मैचों की टेस्ट सीरीज खेलनी है और उसके बाद भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया दौरे पर पांच मैचों की टेस्ट सीरीज खेलेंगी.