विनेश फोगाट हरियाणा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की टिकट पर जुलाना से चुनाव लड़ रही हैं. फिलहाल वह चुनाव प्रचार में व्यस्त हैं. इस बीच उन्होंने एक इंटरव्यू दिया, जिसमें दिए एक बयान दिया ने तहलका मचा दिया है. उनका ये बयान आग की तरह सोशल मीडिया पर आग की तरह फैल चुका है. दरअसल, विनेश ने कहा कि एक वक्त वह बहुत ज्यादा परेशान हो गई थीं. उन्हें लगने लगा था कि इस देश में उनके लिए कुछ नहीं बचा है और उन्होंने देश छोड़कर जाने का सोच लिया था. इसके लिए उन्होंने जाने की सारी तैयारी भी कर ली थी.
प्रियंका गांधी की वजह से बदला फैसला
विनेश फोगाट ने पेरिस ओलंपिक में अपने प्रदर्शन से देश भर के लोगों दिल जीत लिया था. हालांकि, ओलंपिक में जाने से पहले वो काफी विवादों में रही थीं. भारतीय कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण सिंह के खिलाफ उन्होंने मोर्चा खोल रखा था. विनेश ने उन पर कई महिला पहलवानों के यौन शोषण का आरोप लगाया था. साक्षी मलिक और बजरंग पूनिया के साथ कई दिनों तक जंतर-मंतर पर धरना देने के बावजूद उनकी मांग नहीं सुनी गई. वहीं उन पर राजनीति करने के भी आरोप लगे थे. विनेश फोगाट से इन्हीं वाकयों को लेकर द लल्लनटॉप पर सवाल किया गया.
एक घटना का जिक्र करते हुए पूछा गया कि जब उनके हाथों में तिरंगा था और वह सड़क गिरी हुई थीं. तब उनके अंदर क्या चल रहा था. इस सवाल का जवाब देते हुए विनेश ने कहा कि वो इससे बहुत आहत हुई थीं. वो इतना परेशान थीं कि देश छोड़ने की सारी तैयारी कर ली थी. इसी दौरान उनकी मुलाकात कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी से हुई. जब विनेश ने उनकी बातों को सुना तो उन्हें हौसला मिला. इसके बाद उन्होंने देश में ही रहकर महिला पहलवानों के लिए लड़ाई लड़ने की ठानी.
विनेश के साथ क्या हुआ था?
करीब 2 साल पहले WFI के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह पर कई महिला पहलवानों ने संगीन आरोप लगाए थे. विनेश फोगाट ने इसी को लेकर जंतर-मंतर पर धरना दिया था. इसमें महिला पहलवान साक्षी मलिक और बजरंग पूनिया ने भी उनका साथ दिया था. वहीं कई पहलवानों ने जंतर-मंतर पर ही डेरा डाल दिया था, जिसके बाद उनकी झड़प पुलिस से हुई थी. इसी दौरान विनेश का साथ तिरंगे वाला वाकया हुआ. महीनों तक धरने पर बैठने के बाद बृजभूषण शरण सिंह पर एक्शन लिया गया था.
वहीं दूसरी ओर विनेश पर ट्रायल नहीं देने और दूसरे पहलवानों के हक छिनने के आरोप लगे थे. इसके बाद उन्होंने पेरिस ओलंपिक से नेशनल खेला, ट्रायल दिया और अपनी ओरिजिनल कैटेगरी 53 किलोग्राम में हारने के बाद 50 किलोग्राम के जरिए पेरिस ओलंपिक के लिए क्वॉलिफाई किया था. इस कैटेगरी में वह फाइनल तक पहुंच गई थीं. लेकिन वजन ज्यादा होने के कारण उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया दिया गया था. इसके बाद उन्होंने कुश्ती से संन्यास ले लिया और अब हरियाणा विधानसभा का चुनाव लड़ रही हैं.