काठमांडू में रवाना होते ही यात्री बोले-नमस्कार सर… नेपाल से निकालने पर प्रशासनिक विभाग को बहुत-बहुत धन्यवाद
जबलपुर। हम सभी लोग सुबह 7:00 के आसपास हम सभी लोग सोनाली बॉर्डर के लिए निकल गए हैं हम भारत सरकार मध्य प्रदेश सरकार और मध्य प्रदेश प्रशासन विभाग और हमारे डिंडोरी और जबलपुर , रीवा जिले की प्रशासनिक विभाग को हम बहुत-बहुत धन्यवाद देना चाहते हैं उनका अभिनंदन करना चाहते हैं उन्होंने हमारे इस संकट की घड़ी में सहायता किए हैं और हम लोगों को नेपाल से सुरक्षित हम लोगों का ग्रह ग्राम पहुंचने की व्यवस्था की है बहुत-बहुत धन्यवाद।
काबरे नामक जगह पर फंस गए
काठमांडू में बारिश और जमीन धंसने के बाद जबलपुर के असि. प्रोफेसर के पद पर पदस्थ डा. राकेश बरहैया और अपनी पत्नी, बच्चे और माता-पिता के साथ काबरे नामक जगह पर फंस गए थे। सोमवार को डा. बरहैया ने वॉइस मैसेज कर जबलपुर वेटरनरी कालेज के डीन डा. आरके शर्मा को बताया कि वे काठमांडू के पास काबरे नामक जगह में फंसे रहे। भीषण बाढ़ में दोनों तरफ की सड़क और पुलिया बह गई हैं। न तो स्थानीय प्रशासन उनकी मदद कर रहा है और न ही भारतीय एम्बेसी से अब तक उन्हें कोई मदद मिली है।
शहर से बाहर होने की वजह से संपर्क नहीं हो सका
डीन ने तत्काल इसकी जानकारी जबलपुर पुलिस अधीक्षक को दी, लेकिन उनके शहर से बाहर होने की वजह से संपर्क नहीं हो सका। ऐसे में उन्होंने सीधे सीएम हाउस में वेटरनरी कालेज के पदस्थ प्रोफेसर से संपर्क किया और उन्हें घटना की पूरी जानकार वाटसएप पर दी। सीएम हाउस में इसकी खबर लगते ही तत्काल इसकी सूचना नेपाल स्थित भारतीय दूतावास को दी, जिसके बाद हैलीकाप्टर के जरिए काठमांडू के सुरक्षित उन्हें निकाला गया। वे बुधवार को बस से रवाना होकर भारत की सीमा तक आएंगे, जहां से यूपी सरकार की मदद से उन्हें मध्यप्रदेश लाया जाएगा।
सभी सुरक्षित हैं लोग
जिला प्रशासन के मुताबिक जबलपुर के साथ रीवा और डिंडोरी के लोग भी काठमांडू में फंसे हैं। डिंडोरी के एक परिवार ने भी इस घटना की सूचना डिंडौरी जिला प्रशासन को दी, जिसक बाद प्रशासन हरकत में आया और राहत तथा बचाव का कार्य शुरू किया । इस दौरान नेपाल के भारतीय दूतावास से सम्पर्क कर सभी की सुरक्षित वापसी की कवायद जबलपुर जिला प्रशासन ने शुरू कर दी।