प्रशांत किशोर की जन सुराज बिहार में राष्ट्रीय जनता दल के किले में सेंध न लगा पाए, इसके लिए तेजस्वी यादव ने 4 स्ट्रैटजी पर काम शुरू कर दिया है. सूत्रों के मुताबिक जल्द ही आरजेडी की यह रणनीति ग्राउंड पर भी नजर आ सकती है. बिहार में आरजेडी एक प्रमुख पार्टी है, जो 2025 के विधानसभा चुनाव में सत्ता की प्रबल दावेदार है.
प्रशांत को कैसे घेरेगी आरजेडी, 4 प्लान
1. प्रोफेशनल एजेंसी हायर करने की तैयारी- आरजेडी से जुड़े सूत्रों के मुताबिक प्रशांत किशोर जमीन के आंशिक आंकड़ों के जरिए सोशल मीडिया और मीडिया में माहौल बना रहे हैं. यह काम उनके प्रोफेशनल एजेंसी कर रही है. आरजेडी ग्राउंड पर मजबूत होने के बावजूद इस तरह का माहौल तैयार नहीं कर पाई है.
ऐसे में आरजेडी हाईकमान ने भी प्रोफेशनल एजेंसी की मदद लेने का फैसला किया है. हाल के दिनों में पीके के साथ ही काम कर चुके कुछ पुराने लोगों से आरजेडी की तरफ से संपर्क साधा गया है.
वहीं आरजेडी राजस्थान और कर्नाटक में कांग्रेस के लिए काम कर चुकी एक पॉलिटिकल कंस्लटेंसी से भी संपर्क में है. कहा जा रहा है कि अगर बात बन जाती है तो बिहार चुनाव 2025 में यह एजेंसी आरजेडी के लिए काम कर सकती है.
आरजेडी में अब तक डेटा जुटाने और सोशल मीडिया देखरेख का काम आंतरिक स्तर पर ही होता रहा है.
2. नए प्रदेश अध्यक्ष पर भी फैसला संभव- आरजेडी में वर्तमान में जगदानंद सिंह प्रदेश अध्यक्ष हैं. सिंह का कार्यकाल अगस्त 2025 तक है. बिहार में अक्टूबर 2025 में विधानसभा के चुनाव होने हैं. आरजेडी सूत्रों के मुताबिक अगस्त 2025 में अगर किसी को अध्यक्ष नियुक्त किया जाता है, तो उसके पास ग्राउंड तैयार करने के लिए सिर्फ 3 महीने का ही वक्त रहेगा.
इतना ही नहीं, जगदानंद सिंह खुद भी कई अध्यक्ष पद से छुट्टी देने की अपील हाईकमान से कर चुके हैं. उम्र फैक्टर इसकी वजह है. जगदानंद सिंह 80 साल के हो चुके हैं.
आरजेडी के भीतर मुस्लिम प्रदेश अध्यक्ष बनाने की सुगबुगाहट है. पार्टी के एक धड़ा का कहना है कि यह वक्त कोर वोटरों को जोड़े रखने का है. मुस्लिम और यादव बिहार में आरजेडी के कोर वोटर माने जाते हैं.
किसी मुस्लिम चेहरा को अगर अध्यक्ष बनाया जाता है तो अब्दुल बारी सिद्दीकी का नाम रेस में सबसे आगे है. सिद्दीकी लालू परिवार के काफी करीबी माने जाते हैं. सिद्दीकी एक समय आरजेडी विधायक दल के नेता भी थे.
3. पुराने नेताओं का मान-मनौव्वल शुरू- आरजेडी ने अपने पुराने नेताओं का मान-मनौव्वल शुरू कर दिया है. इस कड़ी में पहला नाम हीना शहाब का है. सीवान के पूर्व सांसद शहाबुद्दीन की पत्नी हीना शहाब ने हाल ही में लालू और तेजस्वी से मुलाकात की है.
आरजेडी सूत्रों के मुताबिक प्रशांत किशोर की यात्रा का परफॉर्मेंस सबसे ज्यादा सीवान में ही खराब रहा. इसकी वजह हीना शहाब का अपने लोगों को जोड़े रखना है. आरजेडी की कोशिश हीना को जल्द से पार्टी में शामिल कराने की है.
हालांकि, कहा जा रहा है कि पद और प्रतिष्ठा को लेकर हीना और आरजेडी हाईकमान ने बात फंसी हुई है.
आरजेडी की तरफ से पूर्णिया के सांसद पप्पू यादव को भी मनाने की कवायद शुरू हो गई है. पप्पू यादव प्रशांत किशोर पर सबसे ज्यादा हमलावर हैं. हाल ही में पप्पू यादव के पिता की श्रद्धांजलि सभा में मीसा भारती गई थीं. कहा जा रहा है कि मीसा ने यहां दोनों परिवार के बीच उत्पन्न रिश्तों के जख्म को भरने की कोशिश की है.
इन दोनों नेताओं के अलावा आरजेडी हाईकमान उन नेताओं को भी साधने की तैयारी है, जिनका ग्राउंड पर एक मजबूत जनाधार है और वो पार्टी छोड़ चुके हैं.
4. जिला स्तर पर संगठन को किया जा रहा दुरुस्त- लोकसभा चुनाव में मधुबनी, नवादा, सीवान जैसे जिलों में आरजेडी के भीतर बगावत हो गई थी. इन जगहों पर पार्टी बुरी तरह हारी भी.
विधानसभा के चुनाव में आरजेडी लोकसभा वाली गलती नहीं दोहराना चाहती है. वो भी तब, जब प्रशांत किशोर फैक्टर बिहार की सियासत पर हावी है.
आरजेडी ने जिला और ब्लॉक स्तर पर इसकी समीक्षा शुरू कर दी है. तेजस्वी यादव खुद इसकी मॉनिटरिंग कर रहे हैं. हाल ही में तेजस्वी ने मिथिलांचल की 4 जिलों में यात्रा के जरिए इसे दुरुस्त करने की कोशिश की थी.
कहा जा रहा है कि त्योहार खत्म होने के बाद तेजस्वी फिर से पूरे बिहार में यात्रा करेंगे. इसका जल्द ही रोडमैप तैयार किया जाएगा.