रतन टाटा के निधन के बाद उनके उत्तराधिकार को लेकर कई तरह के सवाल बने हुए थे. हालांकि, अब इस पर विराम लग गया है, क्योंकि रतन टाटा के सौतेले भाई नोएल टाटा को सर्वसम्मति से टाटा ट्रस्ट का नया चेयरमैन बनाया गया है. नोएल टाटा पहले से ही टाटा ट्रस्ट के ट्रस्टी भी हैं.
नोएल टाटा पिछले 40 सालों से टाटा कंपनी के साथ जुड़े हुए हैं. अभी नोएल टाटा इंटरनेशनल, वोल्टास और टाटा इन्वेस्टमेंट कॉर्पोरेशन के चेयरमैन हैं और टाटा स्टील और टाइटन कंपनी लिमिटेड के वाईस चेयरमैन भी हैं. इसके अलावा नोएल सर रतन टाटा ट्रस्ट और सर दोराबजी टाटा ट्रस्ट के भी मेंबर हैं.
संभालेंगे करोड़ों का कारोबार
रतन टाटा के निधन के बाद मुंबई में आज हुई सर रतन टाटा ट्रस्ट और सर दोराबजी टाटा ट्रस्ट की बैठक में सर्वसम्मति से नोएल को चेयरमैन बनाने का फैसला लिया गया है. ट्रस्ट के फैसले के बाद अब नोएल अपने 3 बच्चों नेवेल, माया और लिआ के साथ दुनियाभर के 100 से ज्यादा देशों में फैले टाटा ग्रुप का अरबों का कारोबार भी संभालेंगे. नोएल के तीनों बच्चे मौजूदा समय में टाटा ग्रुप में अलग-अलग जिम्मेदारियां निभा रहे हैं.
रतन टाटा के सौतेले भाई नोएल टाटा अपने पारिवारिक संबंधों और ग्रुप की कई कंपनियों में भागीदारी के कारण टाटा की विरासत को आगे बढ़ाने के लिए काफी मजबूत हैं.
13.8 लाख करोड़ की ग्रुप में 66% की हिस्सेदारी
टाटा ट्रस्ट की अहमियत और आकार इस तरह समझ सकते हैं कि यह टाटा ग्रुप की परोपकारी संस्थाओं का समूह है, जो 13 लाख करोड़ रुपए के रेवेन्यू वाले टाटा ग्रुप में 66% की हिस्सेदारी रखता है. इसके तहत आने वाले सर दोराबजी टाटा ट्रस्ट और सर रतन टाटा ट्रस्ट के पास ही टाटा संस की 52% हिस्सेदारी है.
क्या करते हैं उनके तीनों बच्चे?
नोएल टाटा के तीनों ही बच्चे मीडिया लाइम लाइट से दूर रहते हैं. उन्होंने रतन टाटा की मेंटरशिप में वो तमाम गुर सीख लिए हैं, जिससे उनके दुनियाभर में फैले अरबों रुपए के कारोबार को संभाल सकें. नोएल टाटा की सबसे बड़ी बेटी लिआ टाटा होटल इंडस्ट्री का कारोबार संभाल रही हैं. उन्होंने अपने करियर की शुरुआत ताज होटल रिसॉर्ट्स एंड पैलेसेस में असिसटेंट सेल्स मैनेजर के तौर पर की थी. लिआ टाटा की छोटी बहन माया टाटा ने रतन टाटा के मार्गदर्शन में टाटा अपॉर्चुनिटीज फंड में अपने करियर की शुरुआत की थी.