उत्तर प्रदेश में जेपी जयंती को लेकर सियासत छिड़ गई है. जहां एक तरफ लगातार समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव जेपी सेंटर को लेकर योगी सरकार को घेर रहे हैं और उनका कहना है कि योगी सरकार हमें जेपी सेंटर जाकर माल्यार्पण करने से रोक रही है. वहीं, दूसरी तरफ अब सरकार ने अखिलेश को जेपी सेंटर जाने से रोकने की वजह सामने रख दी है. सरकार ने कहा, सेंटर निर्माणाधीन है और वहां आवांछित जीव-जन्तु ‘सांप-बिच्छू’ हो सकते हैं.
हालांकि, सरकार की तरफ से रोकने की दी गई वजह को लेकर अब अखिलेश ने तीखी टिप्पणी की है. समाजवादी पार्टी के प्रमुख ने कहा,सरकार कह रही वहां सांप और बिच्छू है, इस सरकार को हमारे स्वास्थ्य की चिंता की जरूरत नहीं.
सरकार ने अखिलेश यादव को क्यों रोका?
जय प्रकाश नारायण की 11 अक्टूबर को जयंती होती है. इसी मौके पर अखिलेश यादव ने 8 अक्टूबर को लखनऊ विकास प्राधिकरण को पत्र लिखा था. पत्र में कहा गया था कि जेपी जयंती के मौके पर अखिलेश यादव 11 अक्टूबर को सुबह 10:30 बजे माल्यार्पण करेंगे. इसी के बाद 10 अक्टूबर को एलडीए ने अखिलेश यादव को इस संबंध में पत्र लिखकर उन्हें माल्यार्पण की इजाजत नहीं दी.
जेड पल्स सुरक्षा बनी वजह?
उत्तर प्रदेश के पूर्व सीएम अखिलेश यादव के पत्र के जवाब में लखनऊ विकास प्राधिकरण ने पत्र लिखकर कहा, जेपीएनआईसी फिलहाल निर्माण स्थल है, जहां निर्माण का सामान बेतरतीब ढंग से फैला हुआ है और बारिश की वजह से कई कीड़े ‘सांप-बिच्छू’ भी होने की संभावना है. सपा प्रमुख अखिलेश यादव को जेड प्लस श्रेणी की सुरक्षा हासिल है, जिसकी वजह से सुरक्षा कारणों से उनका प्रतिमा पर माल्यार्पण करना और JPNIC का दौरा करना सुरक्षित और उचित नहीं है.
रात को ही किया जेपी सेंटर का दौरा
इस पत्र के सामने आने के बाद जेपी जयंती को लेकर सियासत छिड़ गई. अखिलेश यादव गुरुवार रात को ही अचानक जेपी सेंटर पहुंच गए और उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा कि, जेपी सेंटपर पर टिन की दीवारें बनाई जा रही है. इसी के बाद शुक्रवार को अखिलेश यादव ने बीजेपी सरकार को घेरते हुए उनको जेपी सेंटर न जाने के तर्क पर तीखा पलटवार करते हुए कहा,
“हमारे स्वास्थ्य की चिंता न करें”
जो सरकार भेड़ियों से लोगों को नहीं बचा पा रही, अभी तक यह सरकार पता नहीं कर पाई कि गरीबों के बच्चों पर हमला कौन कर रहा है, जिनकी वजह से जान रही है. उस सरकार को हमारे स्वास्थ्य की चिंता करने की जरूरत नहीं है. सरकार कह रही वहां सांप और बिच्छू है, जेपी सेंटर के रखरखाव की जिम्मेदारी सरकार की थी. उसे पूरा करने की जिम्मेदारी सरकार की थी लेकिन आज तक जेपी सेंटर नहीं खुला है.
इन्हें हमारे स्वास्थ्य की इतनी चिंता क्यों है? अगर जेड प्लस सुरक्षा में हमें वहां खतरा था तो सरकार को अपनी सुरक्षा में हमें वहां ले जाना चाहिए था.
पिछले साल भी रोका गया
ऐसा पहली बार नहीं है कि जेपी जयंती पर सपा और बीजेपी के बीच सियासी जंग देखी जा रही हो. इससे पहले भी पिछली बार ऐसी ही तस्वीर सामने आई थी. अखिलेश यादव को साल 2023 में भी जेपी सेंटर जाने की इजाजत नहीं गई थी, लेकिन वो सेंटर की दीवार से कूद कर अंदर गए थे और माल्यार्पण किया था.
समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने मुख्यमंत्री रहते हुए साल 2016 में जेपी सेंटर का उद्घाटन किया था और केंद्र का काम कराया जा रहा था, लेकिन साल 2017 में सरकार बदली और सेंटर का काम अधूरा रह गया. अभी भी लखनऊ विकास प्राधिकरण के पत्र के मुताबिक जेपी सेंटर निर्माणाधीन है.