उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले में एक हैरतअंगेज मामला सामने आया है. जिले के दुल्लहपुर थाना क्षेत्र के मोगरा कंपनी कारखाने में एक दिव्यांग मजदूर की करंट लगने से मौत हो गई है. मजदूर की पहचान मुन्ना चौहान के रूप में हुई है. मुन्ना की मौत के बाद कारखाने के मालिक ने ₹6 लाख मुआवजा देने की बात कही थी, लेकिन बाद में वह मुकर गया. ऐसे में स्थानीय ग्रामीणों ने कारखाने पर मजदूर का शव रख पर कई घंटे तक प्रदर्शन किया. हालांकि बाद में पुलिस ने लोगों को समझा कर मजदूर के शव का पोस्टमार्टम करवाया.
मजदूर के परिजनों ने कारखाना संचालक पिता पुत्र के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कराया है. लोगों के मुताबिक मुन्ना को किसी साजिश के तहत बिजली का करंट देकर मारा गया है. साथ ही शव को घंटो कारखाने के अंदर छुपाए रखा गया और बाद में शव को घर के पास फेंक दिया गया.
क्या है मामला?
ओडराई गांव का रहने वाला मुन्ना चौहान धर्मागतपुर में मोगरा फैक्ट्री में पिछले कई सालों से काम कर रहा था. मुन्ना की 8 अक्टूबर को मौत हो गई थी, जिसकी जानकारी होने पर परिजन और फैक्ट्री के मालिक दोनों थाने पहुंचे. थाने में फैक्ट्री मालिक ने मुआवजे के तौर पर ₹6 लाख मृतक के परिजनों को देने की बात कही. हालांकि कई घंटे बीत जाने के बाद जब पर रकम नहीं मिली तब परिजन और ग्रामीणों ने फैक्ट्री मालिक के दरवाजे पर शव रख दिया और हंगामा करने लगे. इसके बाद कई थाने की पुलिस मौके पर पहुंची और लोगों को समझा बुझाकर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा.
हत्या का मामला कराया दर्ज
वहीं पोस्टमार्टम हो जाने के बाद परिजनों ने फैक्ट्री मालिक और उनके बेटों के खिलाफ हत्या करने का मुकदमा दर्ज कराया दिया है. दुल्लहपुर पुलिस को दिए गए बयान में बताया गया है कि मुन्ना चौहान मोगरा कंपनी फैक्ट्री धर्मागतपुर में काम करता था और 8 अक्टूबर को किसी बात से खुन्नस खाए बाप और बेटे ने मुन्ना चौहान को करंट लगाकर मार दिया. इसके बाद फैक्ट्री में लगे सीसी टीवी कैमरा को बंद कर मुन्ना के शव को उसके गांव के पास फेंक दिया. दुल्लहपुर पुलिस ने इस मामले में कार्रवाई करते हुए संदीप सिंह, मोनू सिंह, कृष्ण सिंह और उनके घर के लोगों पर धारा 103(1 ) के तहत मुकदमा दर्ज कर आगे की कार्रवाई कर रही है.