न्यूजीलैंक की जो टीम श्रीलंका जैसी कमजोर टीम के खिलाफ 0-2 से हारी उसी टीम ने टीम इंडिया को बेंगलुरु में नाको चने चबवा दिए. बेंगलुरू टेस्ट के दूसरे दिन टीम इंडिया की बल्लेबाजी एम चिन्नास्वामी की पिच पर ताश के पत्तों की तरह ढेर हो गई. टीम इंडिया ने पहली पारी में सिर्फ 46 रन ही बनाए. हालत ये रही कि टीम इंडिया के 2 ही बल्लेबाज दहाई के आंकड़े तक पहुंचे, वहीं आधी टीम खाता ही नहीं खोल पाई. विराट कोहली, केएल राहुल, सरफराज खान, रवींद्र जडेजा और आर अश्विन का तो खाता ही नहीं खुला. ऋषभ पंत 20 रन बनाकर टीम के लीडिंग रन स्कोरर रहे.
टीम इंडिया का सबसे छोटा स्कोर
46 रन टीम इंडिया का अपनी घरेलू सरजमीं पर सबसे कम स्कोर है. इससे पहले भारतीय टीम 1979 में वेस्टइंडीज के खिलाफ 75 रनों पर ढेर हुई थी. टेस्ट क्रिकेट में टीम इंडिया का ये तीसरा सबसे छोटा स्कोर है. 2020 में टीम इंडिया ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 36 रनों पर ढेर हुई थी और अब ये टीम अपने ही घर पर 50 रन तक नहीं पहुंच पाई.
चिन्नास्वामी में चित हुई टीम इंडिया
चिन्नास्वामी के जिस मैदान पर छक्के-चौकों की बारिश होती है, उसी मैदान पर टीम इंडिया के लिए रन बनाना दूभर हो गया. खेल के दूसरे दिन सिक्के की बाजी कप्तान रोहित शर्मा ने जीती और उन्होंने पहले बल्लेबाजी चुनी. इसके बाद न्यूजीलैंड के गेंदबाजों ने खेल कर दिया. टिम साउदी ने टीम इंडिया को पहला झटका दिया, जिन्होंने रोहित शर्मा को महज 2 रन पर बोल्ड किया. इसके बाद विराट कोहली क्रीज पर आए और ये खिलाड़ी बिना खाता खोले निपट गया. इसके बाद सरफराज खान के साथ भी यही हुआ.
नहीं रुका विकेट गिरने का सिलसिला
ऐसा लगा कि ऋषभ पंत, यशस्वी जायसवाल पारी संभाल लेंगे लेकिन न्यूजीलैंड के तेज गेंदबाजों के मंसूबे अलग थे. विलियम ओरौर्के ने यशस्वी जायसवाल को भी आउट कर दिया. केएल राहुल भी खाता नहीं खोल पाए और टीम इंडिया ने आधी टीम 33 रन पर गंवा दी. इसके बाद दो मानों विकेट गिरने की लाइन ही लग गई. जडेजा और अश्विन भी जीरो पर निपटे और देखते ही देखते टीम इंडिया शर्मनाक स्कोर पर सिमट गई. जो कि घरेलू टेस्ट मैच में उसका सबसे कम स्कोर है.