उत्तर प्रदेश के बागपत में एक शादी का प्रोग्राम चल रहा था. बारात दुल्हन के घर पर आ चुकी थी. दूल्हा अपनी दुल्हनिया का इंतजार कर रहा था. तभी एंट्री हुई पुलिस की. शादी वाले घर में पुलिस को देख सभी चौंक गए. पुलिस ने दूल्हन के परिवार से पूछा- किसकी शादी हो रही है. वो बोले- हमारी बेटी की. पुलिस ने कहा कि हमें तुम्हारी बेटी ने ही बुलाया है. वो नाबालिग है और तुम ऐसे कैसे उसकी शादी करवा सकते है. पुलिस की डांट सुनकर दुल्हन और दूल्हे का परिवार दोनों हक्का-बक्का रह गए. इसके बाद बारात को बिना दुल्हन ही वापस लौटना पड़ा.
मामला पाली गांव का है. यहां 15 साल की लड़की का रिश्ता उसके घर वालों ने एक परिवार में तय कर दिया. बुधवार को बारात दुल्हन के घर पहुंची. दूल्हे राजा और बारातियों का स्वागत किया गया. जयमाल की रस्म हुई. फिर दूल्हा दुल्हन को 7 फेरे लेने के लिए मंडप पर लाया गया. तभी दुल्हन वहां से भागकर अपने कमरे में गई. उसने 100 नंबर पर फोन किया. पुलिस को कहा- सर, मैं नाबालिग हूं. अभी पढ़ाई करना चाहती हूं. मगर परिजन मेरी शादी करा रहे हैं और मेरी बरात भी आ गई है.
इसके बाद पुलिस की टीम वहां पहुंची. उन्होंने फिर इस शादी को रुकवाया. बारात को फिर बिना दुल्हन की वापस लौटना पड़ गया. जानकारी के मुताबिक, बुधवार को सरूरपुर से पाली गांव में बारात आई थी. दुल्हन के परिजनों से जब पुलिस ने दस्तावेज दिखाने को कहा तो वो घबरा गए. लड़की के दस्तावेज देखे तो पाया कि वो महज 15 साल की है.
परिवार ने बताई समस्या
पुलिस ने दुल्हन के परिवार को फटकार लगाई. परिवार ने कहा साहब हमारी आर्थिक हालत ठीक नहीं है. हम बेटी की पढ़ाई का खर्च नहीं उठा सते. इसलिए उसकी शादी तय कर दी. यह सुनकर पुलिस ने उन्हें समझाया. उसके बाद दूल्हा पक्ष को भी फटकार लगाई. पुलिस बोली- लड़की नाबालिग है, फिर भी तुम यह शादी करने को राजी हो गए. दूल्हा पक्ष बोला- हमें लड़की की उम्र का नहीं पता था. इसके बाद बारात को वापस लौटना पड़ा. वो भी बिना दुल्हन के.
उधर अब किशोरी का कक्षा छह में दाखिला कराया जाएगा और सरकार की योजना का लाभ देकर उसकी पढ़ाई कराई जाएगी. योजना के तहत किशोरी को हर माह चार हजार रुपये मिलेंगे, जिससे वह अपनी पढ़ाई का खर्च उठा सकेगी.