Breaking
माफी मांगो नहीं तो केस…कैश कांड पर तावड़े का पलटवार, खरगे-राहुल और सुप्रिया को नोटिस बिहार में नेशनल हाइवे का नेटवर्क अमेरिका के बराबर हो जाएगा: गडकरी रेवड़ी के मुद्दे पर बीजेपी को घेर रहे केजरीवाल, विनिंग फॉर्मूल से चौथी बार दिल्ली फतह का प्लान प्रदूषण पर दिल्ली सरकार के जवाब से हम संतुष्ट नहीं: सुप्रीम कोर्ट औरैया में पेड़ से टकराकर खाई में पलटी कार, 4 लोगों की मौत; शादी में जा रहे थे सभी महाराष्ट्र: ठाकरे-शिंदे-फडणवीस-पवार… सीएम पद के दावेदार, कौन निभाएगा मुख्य किरदार? बागी और निर्दलीय उम्मीदवारों पर बीजेपी की पैनी नजर, देवेंद्र फडणवीस ने की बैठक बीजेपी दिल्ली की सत्ता में आई तो बंद कर देगी ये 6 रेवड़ियां… अरविंद केजरीवाल का हमला अमन अरोड़ा होंगे पंजाब में AAP के अध्यक्ष, सीएम भगवंत मान ने किया ऐलान मानहानि मामले में CM आतिशी को बड़ी राहत, सुनवाई पर लगी रोक, जानें क्या है मामला

Ratan Tata ने जिस कंपनी की नौकरी छोड़ बचाई Tata Steel, आज उससे 9 गुना ज्यादा है उसका मार्केट कैप

Whats App

टाटा स्टील, जिसे रतन टाटा के करियर की शुरुआत का गवाह माना जाता है, टाटा समूह की सबसे पुरानी और महत्वपूर्ण कंपनियों में से एक है. 117 साल पुरानी इस कंपनी से रतन टाटा ने अपने करियर की शुरुआत की थी, जब उन्होंने आईबीएम का शानदार ऑफर ठुकराकर 1961 में टाटा स्टील ज्वाइन किया. यह निर्णय न केवल उनके करियर के लिए महत्वपूर्ण साबित हुआ, बल्कि टाटा स्टील के साथ उनका गहरा संबंध भी बना.

टाटा स्टील का इतिहास शानदार है. इसे जमशेदजी टाटा ने 1907 में शुरू किया था और यह भारत की पहली प्राइवेट स्टील कंपनी बनी. इस कंपनी ने देश की औद्योगिक प्रगति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, खासकर आजादी से पहले और बाद में. आजादी के समय जब देश को स्टील की भारी जरूरत थी, तब टाटा स्टील ने कंधे से कंधा मिलाकर भारत के विकास में सहयोग दिया. यह कंपनी स्टील उत्पादन के क्षेत्र में देश की रीढ़ की हड्डी बनी रही है.

9 गुना का है अंतर

टाटा स्टील का वर्तमान वैल्यूएशन लगभग 2 लाख करोड़ रुपए है और इसके शेयर की कीमत करीब 159 रुपए है. जब हम इस कंपनी की तुलना टाटा समूह की अन्य कंपनियों से करते हैं, तो यह अपेक्षाकृत छोटी नजर आती है. वहीं जब हम इसकी तुलना उस कंपनी से करते हैं, जिसकी नौकरी कभी रतन टाटा ने छोड़ दी थी, तो 9 गुना का अंतर नजर आता है. आईबीएम का मार्केट कैप लगभग 18 लाख करोड़ रुपए है, जो टाटा स्टील से कहीं अधिक है. बता दें कि रतन टाटा ने यह ऑफर जेआरडी टाटा के कहने पर छोड़ा था. वह नहीं चाहते थे कि रतन टाटा अपना हुनर किसी और की कंपनी के ग्रोथ के लिए खर्च करें. इसलिए उन्होंने रतन टाटा को टाटा स्टील से जुड़ने के लिए बोला. रतन टाटा ने जेआरडी टाटा के बात को अनसुना नहीं किया और टाटा स्टील की कमान ले ली.

टाटा को इससे था खास जुड़ाव

रतन टाटा के साथ टाटा स्टील का संबंध बहुत ही खास रहा है. इस कंपनी ने न केवल उन्हें उनके करियर की शुरुआत दी, बल्कि उन्हें नेतृत्व कौशल और व्यवसाय प्रबंधन के अनुभव भी सिखाए. टाटा स्टील की शांत और स्थिर कार्यशैली ने इसे देश की सबसे भरोसेमंद कंपनियों में से एक बना दिया है. इसने कई उतार-चढ़ाव देखे हैं, लेकिन हमेशा खुद को साबित किया है.

टाटा स्टील का योगदान भारतीय औद्योगिक जगत में अविस्मरणीय है. इस कंपनी ने न केवल देश की अर्थव्यवस्था में योगदान दिया है, बल्कि सामाजिक विकास और सामुदायिक उत्थान में भी अग्रणी भूमिका निभाई है. यह कंपनी न केवल भारत की औद्योगिक विकास की कहानी का हिस्सा है, बल्कि देश की तरक्की में भी एक अहम अध्याय लिख चुकी है.

माफी मांगो नहीं तो केस…कैश कांड पर तावड़े का पलटवार, खरगे-राहुल और सुप्रिया को नोटिस     |     बिहार में नेशनल हाइवे का नेटवर्क अमेरिका के बराबर हो जाएगा: गडकरी     |     रेवड़ी के मुद्दे पर बीजेपी को घेर रहे केजरीवाल, विनिंग फॉर्मूल से चौथी बार दिल्ली फतह का प्लान     |     प्रदूषण पर दिल्ली सरकार के जवाब से हम संतुष्ट नहीं: सुप्रीम कोर्ट     |     औरैया में पेड़ से टकराकर खाई में पलटी कार, 4 लोगों की मौत; शादी में जा रहे थे सभी     |     महाराष्ट्र: ठाकरे-शिंदे-फडणवीस-पवार… सीएम पद के दावेदार, कौन निभाएगा मुख्य किरदार?     |     बागी और निर्दलीय उम्मीदवारों पर बीजेपी की पैनी नजर, देवेंद्र फडणवीस ने की बैठक     |     बीजेपी दिल्ली की सत्ता में आई तो बंद कर देगी ये 6 रेवड़ियां… अरविंद केजरीवाल का हमला     |     अमन अरोड़ा होंगे पंजाब में AAP के अध्यक्ष, सीएम भगवंत मान ने किया ऐलान     |     मानहानि मामले में CM आतिशी को बड़ी राहत, सुनवाई पर लगी रोक, जानें क्या है मामला     |