अमेरिकी कंपनी जनरल इलेक्ट्रिक (GE) से इंजन की सप्लाई में देरी के कारण तेजस के एडवांस फाइटर बनाने का प्रोजेक्ट अटका हुआ है. वहीं भारतीय वायु सेना को इस देरी से झटका लगा है, क्योंकि इस देरी के कारण HAL 2025 में IAF को केवल 2-3 तेजस मार्क-1A फाइटर ही दे पाएगा. जबकि भारत ने 83 जेट विमानों के लिए फरवरी 2021 में 46,898 करोड़ रुपये का सौदा किया था.
तेजस विमान के अपग्रेड वर्जन के लिए HAL को एडवांस इंजन की जरूरत है, ताकि यह विमान शानदार प्रदर्शन कर सके. भारत ने 2021 में GE के साथ 99 इंजनों का करार किया था, लेकिन अब तक ये समय पर डिलीवरी नहीं हो पाए हैं. इससे भारतीय वायु सेना को नई रणनीति अपनानी पड़ी है. इस देरी के कारण भारतीय वायु सेना को पुराने रिजर्व इंजनों के साथ परीक्षण जारी रखना पड़ा है. इससे न केवल लड़ाकू क्षमता पर प्रभाव पड़ा है, बल्कि सैन्य तैयारियों में भी देरी हो रही है.
मार्च 2023 में होनी थी डिलीवरी
मार्च 2023 में GE इंजन की डिलीवरी शुरू होनी थी, लेकिन अमेरिकी कंपनी GE द्वारा एक और साल की देरी की सूचना के बाद अब अप्रैल 2025 से इंजन मिलने की उम्मीद है. हाल ही में प्रधानमंत्रीनरेंद्र मोदीऔर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अमेरिका दौरे पर इस मुद्दे को प्राथमिकता से उठाया था. GE का कहना है कि दक्षिण कोरियाई सप्लायर से आपूर्ति में परेशानी होने के कारण यह देरी हुई है.
सूत्रों के अनुसार $716 मिलियन के अनुबंध के अनुसार HAL चाहे तो पेनल्टी लगा सकता है, क्योंकि ये एक कमर्शियल कॉन्ट्रैक्ट है तो इस बात की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता. हालांकि रक्षा मंत्रालय ने GE पर किसी भी तरह के फाइन की पुष्टि नहीं की है. वहीं अगर इसे अमेरिकी कंपनी GE की नजर से देखें तो यह एक लॉजिस्टिक समस्या है GE का कहना है कि उसे अपने एक दक्षिण कोरियाई सप्लायर से आपूर्ति श्रृंखला में समस्याओं का सामना करना पड़ा है.