दिवाली पर बाजार में भारतीय उत्पादों की जमकर खरीदारी हो रही है.धनतेरस पर देश के खुदरा क्षेत्र में जबरदस्त उछाल देखने को मिली है. कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स यानी CAIT की एक अनुमानित रिपोर्ट के मुताबिक इस साल धनतेरस पर देश भर में खुदरा व्यापार करीब 60,000 करोड़ रुपये तक पहुंच गया. यह आंकड़ा दर्शाता है कि लोगों में स्थानीय वस्तुओं के प्रति रुचि बढ़ रही है. यानी वोकल फॉर लोकल का प्रभाव अच्छा-खासा देखने को मिल रहा है. जानकारों की राय में दिवाली से संबंधित चीनी उत्पादों की बिक्री में गिरावट देखी गई है. इस सीजन में चीन को 1.25 ट्रिलियन रुपये का नुकसान हुआ है. स्थानीय उत्पादन की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए व्यापारी अब इस ओर अधिक से अधिक फोकस कर रहे हैं.
वहीं इस धनतेरस भारत में स्वर्ण भंडार को लेकर भी एक अच्छी खबर आई. आरबीआई की ओर से जारी नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक घरेलू स्तर पर रखे गए स्वर्ण भंडार की मात्रा में बड़ा इजाफा हो रहा है. आरबीआई ने बैंक ऑफ इंग्लैंड की तिजोरियों से 102 टन सोना देश में सुरक्षित आयात करने के मिशन में सफलता पाई है. 30 सितंबर तक सोने का कुल भंडार का 60 फीसदी हिस्सा बढ़ गया है, जबकि मार्च के अंत में यह 50 फीसदी था. सितंबर के अंत तक आरबीआई के पास कुल 855 टन सोना था. यह उपलब्धि रणनीति में बदलाव का संकेत है. सितंबर 2022 से अब तक 214 टन सोना स्वदेश वापस लाया है.
आरबीआई का स्वर्ण भंडार बढ़ा
मई की शुरुआत में बताया गया था कि भारत ने पहले ही यूके से 100 टन सोना वापस मंगा लिया है, जो 1990 के दशक के बाद से सबसे बड़ा स्वर्ण प्रत्यावर्तन है. उस समय सरकार ने भुगतान संतुलन संकट के चलते विदेशी बैंकों में सोना गिरवी रख दिया था. हालांकि आज भारत का मकसद आपात स्थितियों में धन का लाभ उठाने के बजाय उसे सुरक्षित रखना है.
आरबीआई की विदेशी मुद्रा भंडार के प्रबंधन पर अर्धवार्षिक रिपोर्ट में बताया गया है कि अप्रैल से सितंबर के बीच घरेलू स्तर पर रखे गए सोने में 100 टन से अधिक की वृद्धि हुई. यह मार्च के अंत में 408 मीट्रिक टन के मुकाबले 510.46 मीट्रिक टन हो गया. जबकि पिछले वित्त वर्ष के अंत में उसके पास 822.10 टन सोना था. इसमें से 324.01 टन सोना बैंक ऑफ इंग्लैंड और बैंक फॉर इंटरनेशनल सेटलमेंट्स के पास रखा गया था.
पिछले पांच साल में आरबीआई का स्वर्ण भंडार 618 टन से बढ़कर 854 टन हो गया. रिपोर्ट के मुताबिक मूल्य के संदर्भ में विदेशी मुद्रा भंडार में सोने का अनुपात इस साल मार्च में 8.15 फीसदी से बढ़कर सितंबर में करीब 9.32 फीसदी हो गया.
भारत में निर्मित आईफोन की धूम
भारत में बने विदेशी कंपनियों के मोबाइल फोन दुनिया में धूम मचा रहे हैं. भारत के मोबाइल निर्यात का परिदृश्य बदल गया है. भारत में निर्मित आईफोन का करीब 30 फीसदी निर्यात बढ़ गया है. इस साल सितंबर तक भारत में निर्मित एप्पल के आईफोन का कारोबार 6 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया है. यह पिछले साल के मुकाबले 30 फीसदी ज्यादा है. यह चीन पर निर्भरता कम से कम होने का संकेत है. अनुमान लगाया जा रहा है कि इस साल अंत तक यह कारोबार 10 बिलियन डॉलर तक पहुंच सकता है.
एक रिपोर्ट के मुताबिक तीन प्रमुख कंपनियां मसलन फॉक्सकॉन टेक्नोलॉजी ग्रुप, पेगाट्रॉन कॉर्प और टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स भारत में बने आईफोन को कई देशों में निर्यात कर रही हैं. फॉक्सकॉन का चेन्नई संयंत्र इस मामले में काफी अग्रणी है. वहीं टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स ने भी पिछले साल विस्ट्रॉन कॉर्प से अपनी फैक्ट्री का अधिग्रहण करने के बाद अप्रैल-सितंबर के बीच कर्नाटक प्लांट से आईफोन निर्यात में करीब 1.7 बिलियन डॉलर का योगदान दिया है.
सेहत के क्षेत्र में बड़ा ऐलान
धनतेरस और दिवाली के त्योहार पर प्रधानमंत्री मोदी ने स्वास्थ्य के क्षेत्र में देश को 12,850 करोड़ की कई परियोजनाओं की सौगात दी. 9वें आरोग्य दिवस पर पीएम ने जन आरोग्य योजना के तहत 70 साल और उससे अधिक आयु के सभी वरिष्ठ नागरिकों के लिए स्वास्थ्य कवरेज को विस्तार दिया.
इसी मौके पर प्रधानमंत्री ने दवा कंपनियों से 3 कैंसर रोधी दवाओं की कीमतें कम करने को भी कहा है. राष्ट्रीय औषधि मूल्य निर्धारण प्राधिकरण (NPPA) ने एक ज्ञापन जारी कर संबंधित कंपनियों को 3 कैंसर रोधी दवाएं- ट्रैस्टुजुमैब , ओसिमर्टिनिब और डर्वालुमैब पर MRP कम करने का निर्देश दिया है. रसायन और उर्वरक मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि मौजूदा बजट में की गई घोषणा के अनुरूप इन दवाओं के सीमा शुल्क से छूट दी गई है.
रियल एस्टेट आईपीओ में उछाल
भारत में रियल एस्टेट आईपीओ ने 2024 में अब तक 13,500 करोड़ रुपये जुटाए हैं. यह आंकड़ा पिछले साल जुटाई गई राशि से करीब दोगुना है. इस साल 20 अक्टूबर तक 123 आईपीओ सूचीबद्ध किए गए हैं. यह 2023 की कुल संख्या से अधिक है. यह बाजार में उछाल का संकेतक है. दूसरी तरफ खुदरा और संस्थागत निवेशकों की भागीदारी बढ़ रही है. इससे कॉर्पोरेट आय और बाजार की विश्वसनीयता बढ़ रही है. 2010 से अब तक 47 रियल एस्टेट आईपीओ सूचीबद्ध हुए हैं, जिन्होंने अकेले महामारी के बाद के दौर में 30,000 करोड़ रुपये से अधिक जुटाए हैं.
कलाकृतियों की घर वापसी
साल 2016 में प्रधानमंत्री मोदी की अमेरिका यात्रा के दौरान अमेरिकी अधिकारियों ने 157 चोरी की गई भारतीय कलाकृतियों को वापस करने का वचन दिया था. पीएम मोदी की हालिया यात्रा के दौरान 248 पुरावशेष वापस किए गए. इस लिहाज से इन कलाकृतियों की वापसी सांस्कृतिक विरासत की पुनर्स्थापना में एक मील का पत्थर है. यह चुराई गई सांस्कृतिक संपत्ति को वापस करने में अंतर्राष्ट्रीय सहयोग और कानूनी ढांचे के महत्व को उजागर करता है. पिछले कुछ सालों में भारत से कई मूल्यवान कलाकृतियां अवैध रूप से बाहर भेजी गईं. अब इन कलाकृतियों की वापसी सांस्कृतिक संपत्ति की सुरक्षा में अंतर्राष्ट्रीय कानून के बढ़ते महत्व को रेखांकित करती है.
विदेशी कर रहे UPI का उपयोग
स्पेन के प्रधानमंत्री पेड्रो सांचे ने भारत की तीन दिवसीय यात्रा के दौरान मुंबई में भगवान गणेश की मूर्ति खरीदने के लिए UPI का उपयोग करके भारतीय डिजिटल भुगतान पद्धति की प्रशंसा की. इससे पहले जनवरी में फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने भी भारत की अपनी गणतंत्र दिवस यात्रा के दौरान UPI से भुगतान किया था. मैक्रों की यात्रा के एक सप्ताह बाद, UPI को पेरिस के प्रतिष्ठित एफिल टॉवर में औपचारिक रूप से लॉन्च किया गया. अब पेड्रो सांचेज़ की यात्रा दिवाली समारोह के साथ हुई, जहां उन्होंने और उनकी पत्नी बेगोना गोमेज़ ने पारंपरिक उत्सव में भाग लिया. उन्होंने लड्डू सहित लोकप्रिय भारतीय मिठाइयों का भी आनंद लिया.
क्रेडिट कार्ड पर खर्च बढ़ा
त्योहारी सीजन के चलते क्रेडिट कार्ड पर खर्च का आंकड़ा बढ़ गया है. जानकारी के मुताबिक सितंबर में क्रेडिट कार्ड खर्च में साल-दर-साल 25 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई है, जो 6 महीनों में सबसे अधिक है. भले ही कई बैंकों ने 2024-25 की जुलाई-सितंबर तिमाही के दौरान अधिक स्लिपेज देखा, लेकिन फरवरी के बाद पहली बार खर्च में 20 फीसदी से अधिक वृद्धि रही.
भारतीय रिजर्व बैंक के आंकड़ों के मुताबिक सितंबर में खर्च 1.76 ट्रिलियन रुपये तक पहुंच गया, जबकि एक साल पहले इसी अवधि में यह 1.42 ट्रिलियन रुपये था. अगस्त 2024 में क्रेडिट कार्ड खर्च 1.68 ट्रिलियन रुपये था.
वहीं बाजार विशेषज्ञों के मुताबिक परिसंपत्ति प्रबंधन कंपनियों (AMCs) के शेयरों में आगे भी बढ़ोतरी की संभावना है. ज्यादातर ब्रोकरेज ने सभी 4 एएमसी शेयरों के लिए निर्धारित मूल्य बढ़ा दिया है. लिस्टेड एएमसी में सबसे बड़ी एचडीएफसी एएमसी ने पिछले साल की समान तिमाही में 32 फीसदी की उछाल के साथ 577 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ दर्ज किया. निप्पॉन इंडिया एएमसी के मुनाफे में 47 फीसदी की बढ़ोतरी हुई. आदित्य बिड़ला सन लाइफ (एबीएसएल) एएमसी और यूटीआई एएमसी ने मुनाफे में 36 फीसदी और 31 फीसदी की बढ़ोतरी हासिल की.