Breaking
नौकरियों का झांसा देकर वोट मांग रहे हैं परवेश वर्मा, उनके घर रेड की जाए… CEC से केजरीवाल की मांग वीकेंड पर मसूरी, मनाली और शिमला जाने का बना रहे हैं प्लान? जाने से पहले जरूर पढ़ें मौसम का ये अपडेट ‘पुराने सिक्के दो, पैसे लो…’, लालच देकर महिला को किया डिजिटल अरेस्ट, 3 साइबर ठग अरेस्ट कबूतरों का हत्यारा पड़ोसी, गर्दन मरोड़कर 28 को मारा; किस बात की थी खुन्नस? जनता के लिए GST का मतलब ‘गृहस्थी सत्यानाश टैक्स’ हो गया है… प्रियंका गांधी का सरकार पर हमला भगवा गमछा, साड़ी और मटका सिल्क… महाकुंभ में भागलपुर के बुनकरों को मिला 5 करोड़ का ऑर्डर गोल्डेन शाही मस्जिद या बाला-ए-किला? अलीगढ़ की 300 साल पुरानी इमारत पर हिंदू पक्ष ने ठोंका दावा बिहार की ‘बराबर की गुफा’, जिस पर बनी हॉलीवुड फिल्म और मिला ऑस्कर अवॉर्ड अब्बास अंसारी को सुप्रीम कोर्ट से राहत, प्रॉपर्टी पर मिला स्टे; हाइकोर्ट को दिया ये निर्देश बिहार: चुनावी साल में राजद की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक, प्रदेश अध्यक्ष समेत कई मुद्दों पर हो सक...

UP के 27000 बेसिक स्कूल नहीं होंगे बंद, विभाग ने जारी किया बयान

Whats App

उत्तर प्रदेश के 27000 बेसिक शिक्षा के स्कूल नहीं बंद होंगे और इन स्कूलों को दूसरे में समायोजित करने का विलय करने की भी कोई योजना नहीं है. इस संबंध में बेसिक शिक्षा विभाग, उत्तर प्रदेश ने अपने आधिकारिक एक्स अकाउंट पर पोस्ट किया है. जिसमें विभाग ने कहा कि प्रदेश के 27000 बेसिक स्कूलों को बंद करने की खबर पूरी तरह से भ्रामक और गलता है. साथ ही विभाग ने कहा कि किसी भी विद्यालय को बंद करने की कोई प्रक्रिया नहीं चल रही है.

मीडिया में ऐसी खबरें चल रहीं थी कि उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा विभाग राज्य भर में लगभग 27,000 ऐसे बेसिक स्कूलों को बंद कर सकता है, जिनमें 50 से कम छात्र नामांकित हैं. विभाग की ओर से बयान जारी करने के बाद अब स्पष्ट हो गया है कि प्रदेश में बेसिक शिक्षा का कोई भी स्कूल नहीं बद हो रहा है.

एक से दूसरे में विलय की थी योजना

माडिया रिपोर्ट्स के अनुसार शिक्षा महानिदेशक कंचन वर्मा ने 23 अक्टूबर को एक समीक्षा बैठक की थी, जिसके दौरान उन्होंने सभी ब्लॉक स्कूल प्रशासकों (बीएसए) को इन खराब प्रदर्शन करने वाले स्कूलों का आकलन करने और विलय के लिए तैयारी करने का निर्देश दिए थे.

यह निर्णय केंद्र सरकार के मौजूदा बुनियादी ढांचे को मजबूत करने और इन स्कूलों में उपलब्ध सीमित सुविधाओं का अधिकतम उपयोग करने के प्रस्ताव के मद्देनजर लिया गया था. वहीं एक अधिकारी ने कहा था कि प्राथमिक उद्देश्य कम छात्र आबादी वाले स्कूलों को अधिक नामांकन वाले नजदीकी स्कूलों में एकीकृत करके संसाधनों को मजबूत करना है.

बैठक में होनी थी चर्चा

13 या 14 नवंबर इस संबंध में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों की बैठक होनी थी, जिसमें इस मुद्दे पर चर्चा की जानी थी. अकेले लखनऊ में 1,618 सरकारी प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में से 300 से अधिक स्कूल ऐसे हैं, जहां छात्रों की संख्या 50 से कम हैं. हाल ही में सभी मडंलीय सहायक शिक्षा निदेशकों एवं बेसिक शिक्षा अधिकारियों की बैठक में बताया गया कि इस सत्र में बच्चों की संख्या 1.49 करोड़ है.

नौकरियों का झांसा देकर वोट मांग रहे हैं परवेश वर्मा, उनके घर रेड की जाए… CEC से केजरीवाल की मांग     |     वीकेंड पर मसूरी, मनाली और शिमला जाने का बना रहे हैं प्लान? जाने से पहले जरूर पढ़ें मौसम का ये अपडेट     |     ‘पुराने सिक्के दो, पैसे लो…’, लालच देकर महिला को किया डिजिटल अरेस्ट, 3 साइबर ठग अरेस्ट     |     कबूतरों का हत्यारा पड़ोसी, गर्दन मरोड़कर 28 को मारा; किस बात की थी खुन्नस?     |     जनता के लिए GST का मतलब ‘गृहस्थी सत्यानाश टैक्स’ हो गया है… प्रियंका गांधी का सरकार पर हमला     |     भगवा गमछा, साड़ी और मटका सिल्क… महाकुंभ में भागलपुर के बुनकरों को मिला 5 करोड़ का ऑर्डर     |     गोल्डेन शाही मस्जिद या बाला-ए-किला? अलीगढ़ की 300 साल पुरानी इमारत पर हिंदू पक्ष ने ठोंका दावा     |     बिहार की ‘बराबर की गुफा’, जिस पर बनी हॉलीवुड फिल्म और मिला ऑस्कर अवॉर्ड     |     अब्बास अंसारी को सुप्रीम कोर्ट से राहत, प्रॉपर्टी पर मिला स्टे; हाइकोर्ट को दिया ये निर्देश     |     बिहार: चुनावी साल में राजद की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक, प्रदेश अध्यक्ष समेत कई मुद्दों पर हो सकता है मंथन     |