हिंदू धर्म में देव उठनी एकादशी का पर्व हर साल कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मनाया जाता है. इस दिन भगवान विष्णु चार महीने की योग निद्रा से जागते हैं, इसलिए इसे ‘प्रबोधिनी एकादशी’ भी कहा जाता है. इस दिन भगवान विष्णु क्षीरसागर में शेषनाग पर शयन करते हुए 4 महीने की योग निद्रा से जागते हैं और सृष्टि के संचालन की जिम्मेदरी अपने हाथों में लेते हैं. इसी दिन से सभी शुभ और मांगलिक कार्य शुरू किए जाते हैं. शादियों, गृह प्रवेश आदि जैसे शुभ कार्य इसी दिन से शुरू होते हैं. यह दिन भगवान विष्णु को समर्पित होता है. इस दिन व्रत रखने और भगवान की पूजा करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है.
पंचांग के अनुसार, कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 11 नवंबर को शाम 6 बजकर 46 मिनट पर शुरू होगी. वहीं, इस तिथि का समापन 12 नवंबर की शाम 4 बजकर 04 मिनट पर होगा. ऐसे में 12 नवंबर को देवउठनी एकादशी का व्रत रखा जाएगा. जो लोग देवउठनी एकादशी व्रत का पालन कर रहे हैं, उन्हें पारण समय के अनुसार ही पारण करना चाहिए, क्योंकि पारण के बाद ही व्रत का पूरा फल प्राप्त होता है.
देव उठनी एकादशी पूजा विधि
- देव उठनी एकादशी के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें.
- भगवान विष्णु का ध्यान करें और उनकी महिमा का गुणगान करें.
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- पूजा स्थल को साफ करें और फूल, दीपक, धूप आदि से सजाएं.
- भगवान विष्णु की मूर्ति या चित्र को किसी साफ स्थान पर स्थापित करें.
- भगवान विष्णु के चारों हाथों में शंख, चक्र, गदा और पद्म का प्रतीक रखें.
- भगवान विष्णु को पुष्प, अक्षत, रोली, चंदन आदि से अर्चना करें.
- घी का दीपक जलाएं और धूप दें.
- भगवान विष्णु को फल, फूल, मिठाई आदि का भोग लगाएं.
- भगवान विष्णु के मंत्रों का जाप करें.
- भगवान विष्णु की आरती करें और पूजा के बाद प्रसाद ग्रहण करें.
इन चीजों का लगाएं भोग
- फल: फल भगवान विष्णु को बहुत प्रिय होते हैं. आप सेब, अंगूर, केला, आम आदि फल भोग लगा सकते हैं.
- दूध और दही: दूध और दही को शुद्ध माना जाता है और भगवान विष्णु को बहुत प्रिय होता है. आप दूध और दही से बने व्यंजन जैसे कि खीर, दही आदि भोग लगा सकते हैं.
- पनीर: पनीर भी भगवान विष्णु को प्रिय है. आप पनीर से बने व्यंजन जैसे कि पनीर बर्फी आदि भोग लगा सकते हैं.
- मिठाई: मिठाई भगवान विष्णु को बहुत प्रिय होती है. आप मोतीचूर लड्डू, गुलाब जामुन, बर्फी आदि मिठाई भोग लगा सकते हैं.
- कद्दू: कद्दू को भगवान विष्णु को बहुत प्रिय माना जाता है. आप कद्दू से बने व्यंजन जैसे कि कद्दू की सब्जी, कद्दू का हलवा आदि भोग लगा सकते हैं.
- तुलसी के पत्ते: तुलसी के पत्ते भगवान विष्णु को बहुत प्रिय होते हैं. आप तुलसी के पत्तों को भगवान विष्णु के चरणों में अर्पित कर सकते हैं.
देव उठनी एकादशी का महत्व
देव उठनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा का विशेष महत्व होता है. इस दिन से सभी शुभ और मांगलिक कार्य शुरू किए जाते हैं. शादियों, गृह प्रवेश आदि जैसे शुभ कार्य इसी दिन से शुरू होते हैं. यह दिन भगवान विष्णु को समर्पित होता है. इस दिन व्रत रखने और भगवान की पूजा करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है. भगवान विष्णु की पूजा करने से सभी पापों का नाश होता है. भगवान विष्णु की कृपा से जीवन में सुख-समृद्धि आती है और मन शांत होता है. भगवान विष्णु के मंत्रों का जाप करें जैसे “ॐ नमो नारायणाय”, “ॐ विष्णवे नमः” आदि.