महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में वादों की झड़ी लग गई है. एक तरफ सत्ताधारी महायुति ने 10 गारंटी दी है तो दूसरी ओर से विपक्षी महाविकास अघाड़ी ने 5 बड़े वादे किए हैं. दोनों ही गठबंधन के केंद्र में महिलाएं, किसान और युवा हैं. एक तरह से ये भी कह सकते हैं कि चुनाव में जीत चाहे जिस भी गठबंधन का हो, लेकिन सत्ता के केंद्र में ये तीन वर्ग रहेंगे. इन तीनों ही वर्गों को हर महीने पैसे देने का वादा किया गया है.
सबसे पहले महायुति के घोषणा पत्र की बात करें तो इसे 5 नवंबर को जारी किया गया था. महायुति के मेनिफेस्टो में पहले नंबर पर लाडली बहना योजना को स्थान दिया गया था. मेनिफेस्टो में कहा गया है कि अगर सरकार में उनकी वापसी होती है तो प्यारी बहनों को 2100 रुपए दिए जाएंगे. इसके अलावा महिला सुरक्षा के लिए पुलिस बल में 25 हजार महिलाओं की भर्ती की जाएगी.
किसानों के लिए ऋण माफी का वादा
वहीं, किसानों के लिए ऋण माफी का वादा किया गया है और कहा गया है कि कृषक सम्मान योजना की राशि को 12000 से बढ़ाकर 15000 किया जाएगा. इसके अलावा 25 लाख रोजगार सृजन और 10 लाख छात्रों को प्रशिक्षण के जरिए हर महीने 10 हजार रुपए ट्यूशन फीस देने का वादा किया गया है. मेनिफेस्टो में आंगनबाड़ी और आशा सेवकों की सैलरी बढ़ाकर 15 हजार करने का भी जिक्र है.
महायुति के मेनिफेस्टो में शामिल 10 बड़े वादे
- लाडली बहना योजना के अंतर्गत हर महीने मिलने वाली राशि को बढ़ाकर 2100 करने का वादा
- किसानों की ऋण माफी की जाएगी और कृषक सम्मान योजना की राशि को 12 से बढ़ाकर 15000 देने का वादा
- राज्य में 25 लाख रोजगार पैदा करने, 10 लाख छात्रों को प्रशिक्षण के जरिए हर महीने 10 हजार ट्यूशन फीस का वादा
- हर गरीब को भोजन और आश्रय देने का वादा! यानी कि मुफ्त राशन की सुविधा देने का वादा
- वृद्धावस्था पेंशन धारकों को हर महीने 1500 रुपए से बढ़ाकर 2100 रुपए देने का वादा
- राज्य जरूरी वस्तुओं की कीमतों में स्थिरता लाने का वादा किया गया है
- राज्य के 45 हजार गांवों में पक्की सड़कें बनाई जाएंगी
- आंगनवाड़ी और आशा सेवकों को 15000 रुपए महीने की सैलरी और सुरक्षा का वादा
- बिजली बिलों में 30 फीसदी की कटौती करके सौर और नवीकरणीय ऊर्जा पर ध्यान केंद्रित करने का वादा
- सरकार बनने के बाद विजन महाराष्ट्र 2029, 100 दिनों के भीतर वादा पूरा करने का आश्वासन
दूसरी ओर से विपक्षी महाविकास अघाड़ी गठबंधन की बात करें तो इसमें शामिल दलों की ओर से पांच गारंटी का वादा किया गया है. पांच वादों में महालक्ष्मी, कुटुंब रक्षा, कृषि समृद्धि, युवाओं को वचन और समानता की गारंटी का वादा किया गया है. महाविकास अघाड़ी की ओर से कहा गया है कि अगर चुनाव में उन्हें जीत मिलती है तो फिर इन पांच वादों को पहले पूरा किया जाएगा.
महालक्ष्मी: इस योजना के जरिए महिलाओं को हर महीने 3000 रुपए और पूरे राज्य में महिलाओं को फ्री में बस सेवा की सुविधा मिलेगी.
कुटुंब रक्षा: इस योजना के जरिए 25 लाख रुपए तक स्वास्थ्य बीमा दिया जाएगा. इसके अलावा मुफ्त दवा की भी सुविधा मिलेगी.
समानता की गारंटी: राज्य में जातिगत जनगणना कराई जाएगी और 50 फीसदी आरक्षण की सीमा को हटाने का वादा किया गया है.
कृषि समृद्धि: किसानों को 3 लाख रुपए तक कर्ज माफ होगा और नियमित कर्ज चुकाने पर 50 हजार रुपए का प्रोत्साहन दिया जाएगा.
युवाओं को वचन: राज्य के बेरोजगारों को हर महीने 4000 रुपए की मदद का वादा किया गया है.
अब देखना है कि चुनाव में किसका वादा किस पर भारी पड़ता है. दोनों गठबंधन की ओर से वोटरों को लुभाने के लिए बड़े-बड़े वादे किए गए हैं. जातीय जनगणना कराने पर महाविकास अघाड़ी का स्टैंड पहले से भी साफ रहता है. जिन जिन राज्यों में कांग्रेस की सरकार है, वहां जाति जनगणना को प्रमुखता दी जा रही है. जहां तक लाडली बहना योजना की बात है तो महायुति में शामिल दलों को इससे बहुत उम्मीद है. मध्य प्रदेश के चुनाव में बीजेपी को मिली जीत का श्रेय इसी योजना दिया जाता है जिसे तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शुरू की थी.