जीवन के 80 वसंत देख चुकी राज लक्ष्मी, तैराकी प्रतियोगिता में पुरुषों को हराकर जीता रजत पदक मध्यप्रदेश By Ajay Kumar Dubey On Nov 13, 2024 भोपाल। राज लक्ष्मी की उम्र 80 साल से अधिक हो गई है, लेकिन वह पुरुष तैराकों के साथ स्विमिंग पूल में उतरीं और अपने दमखम और फुर्ती के सहारे प्रतियोगिता में दूसरा स्थान प्राप्त किया। वहीं एंजियोप्लास्टी करवाने के दो साल बाद फिर से पानी में उतरीं 75 वर्षीय कालिन्दनी ने सबको पीछे छोड़ जीत हासिल कर जोरदार जयकारा लगाया। वहीं जयपुर से मोटर साइकिल से प्रतियोगिता में हिस्सा लेने पहंचे दंपती आनंद और कृष्णा के जज्बे को सभी सलाम करते दिखाइ दिए। हम बात कर रहे हैं प्रकाश तरण पुष्कर में आयोजित 20वीं मास्टर्स ट्रेनर्स चैंपियनशिप की, जिसका मंगलवार को समापन हुआ। मप्र तैराकी संघ द्वारा प्रकाश तरुण पुष्कर में तीन दिवसीय मास्टर्स ट्रेनर्स तैराकी प्रतियोगिता की चर्चा हार-जीत से हटकर इसमें भाग लेने वाले खिलाडि़यों के जज्बे की हो रही है। इसमें विभिन्न राज्यों के खिलाड़ियों ने भाग लिया। इनमें कुछ ऐसे खिलाड़ी भी थे, जो उम्र में बुजुर्गी की दहलीज पार करने को हैं, लेकिन उनकी जीवन के प्रति उमंग और जज्बा बानाए रखने का अंदाज सभी के दिलों में उतर गया। तैराकी की गुरु-मां हमनें बात की तैराकी की गुरु मां राज लक्ष्मी से। वह 80 प्लस के समूह में पुरुषों के साथ भाग लेने उतरीं और दूसरा प्रतियोगिता में स्थान प्राप्त किया। इस प्रतियोगिता में उनके साथ उनके शिष्यों के शिष्य भी भाग ले रहे थे। यानी तीन पीढ़ी के तैराकों के साथ वह यहां पहुंची। उनकी सबसे बड़ी उपलब्धि यही है कि सभी उनको गुरु मां कहकर सम्मान देते हैं। ऐसी ही तैराकी को समर्पित एक और 75 वर्षीय खिलाड़ी पुणे की कालिन्दनी ने अपनी एंजियोप्लास्टी होने के दो साल बाद फिर से पानी में उतरने का निर्णय लिया और पांच पदक जीत लिए। इससे पहले वह नेशनल चैंपियन रह चुकी हैं। इसी तरह सभी को जीवन जीने का अंदाज सिखाते तैराक दंपती आनंद और कृष्णा शेखावत जहां भी जाते हैं, अपनी मोटर साइकिल से जाते हैं। वे बताते हैं कि अभी तक उनकी सबसे लंबी यात्रा विशाखापट्टनम से कोलकाता की 8000 किमी रही। आठ बार मास्टर्स प्रतियोगिता जीत चुके आऩंद कहते हैं कि जीवन चलने का नाम है, हम दोनों पर्यावरण के प्रति जागरूकता के लिए सादा जीवन जीने का संदेश दे रहे हैं Share