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एमपी में परोसा जा रहा घटिया मध्यान्ह भोजन… ऊर्जा मंत्री के बाद अब पार्षद को मिली पानी सी दाल

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ग्वालियर। ग्वालियर में मध्यान्ह भोजन के नाम पर मजाक चल रहा है। जिम्मेदार लाख अच्छे भोजन के दावे करें लेकिन स्कूल के नौनिहालों के मुंह तक क्वालिटी वाला खाना नहीं पहुंच रहा है। सरकार का भारी भरकम बजट और संसाधन से लेकर पूरे सिस्टम पर सवाल खड़े हो रहे हैं। सितंबर माह में डीआरपी लाइन के सरकारी स्कूल से गुजरने के दौरान खुद प्रदेश के उर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर को घटिया मध्यान्ह भोजन मिला था यहां सब्जी में आलू ही नहीं थे।

अब रविवार को किलागेट क्षेत्र में शरणार्थी प्राथमिक स्कूल में पार्क की तैयारियां देखने पहुंचे भाजपा पार्षद दिनेश सिकरवार के सामने मध्यान्ह भोजन की पोल खुल गई। यहां दाल पतली पानी जैसी थी और सब्जी भी घटिया मिली। पार्षद यह देख चौंक गए और तत्काल मौके से एसडीएम ग्वालियर सिटी अतुल सिंह को काल करके पूरा मामला बताया। वहीं इस स्कूल में 63 बच्चों पर एक ही टीचर मिली जिसको लेकर कलेक्टर को शिकायत की गई है।

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बता दें कि मध्याह्न भोजन के लिए ग्वालियर में दो सेंट्रल किचन हैं। एक किचन शिवपुरी लिंक रोड पर है जहां विदिशा की संस्था वर्णिता के पास ठेका है। दूसरी किचन पुरानी छावनी पर स्थित है जहां सुशीला देवी संस्था के पास ठेका है। इन दो किचिनों से ही भोजन भेजा जाता है। अलग अलग स्कूलों के लिए गाडियों को लगाया गया है जो खाना देकर आती हैं। 19 सितंबर को उपनगर ग्वालियर में आने वाली डीआरपी लाइन में गुरुवार को ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर एक धार्मिक आयोजन में शामिल होने पहुंचे थे।

यहां से निकले तो पास ही पीएमश्री शासकीय उच्चतर माध्यमिक स्कूल को देखा तो अंदर चले गए। यहां स्कूल के बच्चे मध्याह्न भोजन के तहत भोज कर रहे थे, जहां ऊर्जा मंत्री भी सहज रूप से खाना खाने बैठे गए। मंत्रीजी को जब खाना परोसा गया तो वे दंग रह गए। यहां खाने में आलू की सब्जी में आलू ही नहीं थे। इस मामले का वीडियो भी बहुप्रसारित हो गया था।

पार्षद दिनेश सिकरवार ने यहां टीचर से पूछा कि 30 बच्चों का खाना कैसे आ गया जबकि बच्चे तो इतने नहीं है। इस पर टीचर ने बताया कि एक दिन पहले ही बच्चों की जानकारी भेज दी जाती है। आनलाइन यह जानकारी जाती है। एक दिन पहले अगर तीस बच्चे अाए थे तो दूसरे दिन के लिए तीस ही बच्चों का खाना मंगवाया जाता है। पार्षद ने कहा कि इस तरह का खाना बच्चों को दिया जाता है तो इसपर टीचर के पास कोई जवाब नहीं था।

शरणार्थी प्राथमिक स्कूल में पार्क बनवाने की हमारी योजना है जिसको लेकर मैं तैयारियां देखने के लिए गया था। यहां मेरे सामने ही मध्यान्ह भोजन आ गया और देखा कि खाने की क्वालिटी खराब है। मैंने इस संबंध में टीचर से भी पूछा और जानकारी ली। ग्वालियर सिटी एसडीएम को भी इस मामले की जानकारी दी गई है।

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