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महाराष्ट्र जीतने को लेकर इतनी कॉन्फिडेंट क्यों है बीजेपी? जानें इसके पीछे की असल वजह

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बीजेपी महाराष्ट्र जीतने को लेकर कॉन्फिडेंट दिख रही है. बीजेपी को लग रहा है कि विधानसभा चुनाव में महायुति महाविकास अघाड़ी पर भारी पड़ेगी. इसलिए महाविकास अघाड़ी को लोकसभा चुनाव में ज्यादा सीटें महाराष्ट्र में मिलने के बाद उनकी उम्मीदों को करारा झटका विधानसभा चुनाव में लगेगा, ये बीजेपी तय मान रही है. दरअसल, झारखंड की तरह बीजेपी महाराष्ट्र में कांग्रेस और शिवसेना (उद्धव) को कमजोर कड़ी मान रही है.

बीजेपी को महाराष्ट्र में कांग्रेस कमजोर कड़ी क्यों दिख रही?

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बीजेपी महाराष्ट्र में 152 सीटों पर चुनाव लड़ रही है. इनमें 76 सीटों पर बीजेपी का सीधा मुकाबला कांग्रेस से है. बीजेपी को भरोसा है कि कांग्रेस के साथ सीधे मुकाबले में उसको हमेशा बढ़त मिली है और कांग्रेस को मुंह की खानी पड़ी है. इसलिए बीजेपी कैंप मानकर चल रहा है कि तकरीबन पचास सीटों पर बीजेपी कांग्रेस को पटखनी देने में कामयाब रहेगी और कांग्रेस बीजेपी से जीतने में नाकामयाब रहेगी.

बीजेपी पिछले दस सालों के चुनाव का हवाला देते हुए मानती है कि 102 सीटों पर लड़ने वाली कांग्रेस अपने मुद्दे और रणनीति को लेकर असहज है. इसलिए कांग्रेस महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव में महाविकास अघाड़ी की हार का बड़ा कारक बनेगी. झारखंड में भी कांग्रेस 81 में से 30 सीटों पर चुनाव लड़ रही है, जहां कांग्रेस का कैंपेन बेहद फीका देखा गया है.

इंडिया गठबंधन में कांग्रेस के कैंपेन के तौर-तरीकों को लेकर काफी नाराजगी है. इसलिए कांग्रेस के उम्मीदवार के लिए दूसरे चरण में हेमंत सोरेन और उनकी पत्नी कल्पना सोरेन जोरदार प्रचार करती देखी गईं. कहा जा रहा है कि महाराष्ट्र में भी कांग्रेस की स्थिति झारखंड से अलग नहीं है. इसलिए महाविकास अघाड़ी को झटका लगना तय है.

बीजेपी शिवसेना (उद्धव) को भी महाविकास अघाड़ी में खराब परफॉरमर के रूप में क्यों देख रही है?

बीजेपी कैंप में इस बात को लेकर चर्चा है कि महाविकास अघाड़ी में सीट बंटवारे में एनसीपी (शरद पवार) ने बाजी मारी ली है. इसलिए महाविकास अघाड़ी में शरद पवार की पार्टी बेहतर परफॉर्म करेगी. जबकि कांग्रेस और शिवसेना (उद्धव) कई खराब सीटों के चयन की वजह से उम्मीदों से कहीं खराब परफॉर्म करने जा रही है. सीटों के अलावा मुद्दों के चुनाव में भी कांग्रेस और शिवसेना (उद्धव) की ओर से भारी खामी देखी गई है.

इसलिए कांग्रेस और शिवसेना (उद्धव) महाविकास अघाड़ी में कमजोर परफॉरमेंस करेंगे, ये तय माना जा रहा है. बीजेपी की नजरों में शिवसेना (उद्धव) सबसे कमजोर कड़ी के रूप में भी सामने आ सकती है. वहीं, शिवसेना (शिंदे) लाडली बहन योजना और विकास के नाम पर बेहतर कैंपेन चलाने की वजह से बेहतर करने जा रही है.

इसलिए महायुति का परफॉरमेंस शिवसेना (शिंदे) और बीजेपी की वजह से महाविकास अघाड़ी की तुलना में कहीं बेहतर होगी और महायुति तकरीबन 155 सीटें जीतने में कामयाब रहेगी. दरअसल, बीजेपी शरद पवार का लोहा मानती है. बीजेपी कैंप को लग रहा है कि एनसीपी (शरद) महाविकास अघाड़ी में शरद पवार के नेतृत्व में जबरदस्त फाइट देगी लेकिन बाकी के दो घटक दल के खराब परफॉरमेंस की वजह से महाविकास अघाड़ी सरकार बनाने से चूक जाएगी.

आरएसएस का साथ और हिंदू एकजूटता महायुति का सरकार बनाने में होगी सहायक?

पीएम के नारे ‘एक रहेंगे तो सेफ रहेंगे’ और योगी आदित्यनाथ के शब्द ‘बंटोगे तो कटोगे’ ने हिंदू एकता को बल दिया है. पीएम के नारों के बाद ओबीसी की एकजूटता में बढ़ोतरी हुई है. वहीं, आरएसएस इस चुनाव में मैदान में उतरकर बेहतर कॉर्डिनेशन में लगा है. लोकसभा चुनाव में आरएसएस को लेकर बीजेपी अध्यक्ष द्वारा दिए गए बयान से भ्रम की स्थिति थी. आरएसएस के कैडर बीजेपी के वोटर्स को बूथ तक पहुंचाने में जी जान से नहीं उतरे थे. इस बार के विधानसभा चुनाव में कहानी उलट है.

आरएसएस के कार्यकर्ता राहुल गांधी के नारों का करारा जवाब देने के लिए मैदान में उतरे हैं. राहुल सोमवार को पीएम के नारों का करारा जवाब देने के लिए तिजोरी लेकर पहंचे थे. बीजेपी को लग रहा है कि राहुल कैंप में एक रहोगे तो सेफ रहोगे के नारों को लेकर बेचैनी है. वहीं पीएम मोदी और योगी के नारों ने हिंदू वोटों को जोड़ने का काम किया है. इसलिए महाविकास अघाड़ी सरकार बनाने से कोसों दूर रहने जा रही है. इतना ही नहीं विदर्भ में किसानों की खराब हालत की वजह से लोकसभा चुनाव में खराब प्रदर्शन करने वाली बीजेपी को भरोसा है कि विदर्भ में संविधान में बदलाव और किसानों की खराब स्थिति मुद्दा नहीं रहा है.

लोकसभा में मिली हार के बाद कपास और सोयाबीन व्यापारियों के लिए रिलीफ पहुंचाने का काम किया है. इसलिए बेहतर मौसम, बेहतर पैदावार और रिलीफ की वजह से विदर्भ में भी बीजेपी की स्थितियां लोकसभा से उलट रहने जा रही हैं. जाहिर है कि विधानसभा चुनाव में संविधान बचाने से लेकर और किसानों की खराब स्थितियों को मुद्दा बनाकर कांग्रेस लोकसभा चुनाव की तरह डैमेज पहुंचाने में असफल रहेगी. इसलिए बीजेपी महायुति को ड्राइविंग सीट पर महाराष्ट्र में देख रही है.

पार्सल में आया बम, डिलीवरी लेते वक्त फटा; 2 लोग जख्मी     |     मणिपुर में सुरक्षा बलों ने तेज की कार्रवाई, अलग-अलग सफल अभियानों में कई गोला-बारूद बरामद     |     धक्का-मुक्की कांड: कल घायल सांसदों का बयान दर्ज कर सकती है क्राइम ब्रांच, CCTV फुटेज इकट्ठा करने की कवायद तेज     |     ‘बेशक कुछ लोगों ने…’, भुजबल की नाराजगी पर अब अजित पवार ने तोड़ी चुप्पी     |     संगीता बलवंत ने नेहरू के जन्मदिन पर बाल दिवस मनाने पर उठाए सवाल, कही ये बात     |     बिहार पंचायत के पुस्तकालयों में IAS के पिता की कई किताबें, मंत्री बोले- जांच कराई जाएगी     |     एक दिन बड़ा आदमी बनूंगा…जब भरी महफिल में अनिल कपूर के कपड़ों का बना मजाक तो रोते हुए एक्टर ने खाई कसम     |     सुरेश रैना का 24 गेंदों वाला तूफान, फाइनल में 9 चौके 1 छक्का जड़कर की रनों की बौछार     |     नया बिजनेस शुरू करने के लिए 1 करोड़ काफी नहीं, बिड़ला ने क्यों कही ये बात?     |     तिरुमाला के ‘श्री वेंकटेश्वर मंदिर’ में AI लाने की तैयारी, तीर्थयात्रियों को ऐसे होगा फायदा     |