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रेवड़ी के मुद्दे पर बीजेपी को घेर रहे केजरीवाल, विनिंग फॉर्मूल से चौथी बार दिल्ली फतह का प्लान

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दिल्ली विधानसभा चुनाव का ऐलान भले ही न हुआ है, लेकिन सियासी बिसात बिछाई जाने लगी है. बीजेपी और कांग्रेस दोनों सत्ता का सियासी वनवास को खत्म करने की कवायद में है तो आम आदमी पार्टी ने चौथी बार ‘दिल्ली फतह’ का प्लान बनाया है. आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने शुक्रवार को ‘रेवड़ी पर चर्चा’ के नाम से चुनावी कैंपेन लॉन्च किया है. इस दौरान केजरीवाल ने दिल्ली की जनता को 6 रेवड़ियां पर पूरी तरह मुस्तैद रहने का वादा कर चुनावी जंग फतह करने और बीजेपी को घेरने की स्ट्रैटेजी बनाई है.

केजरीवाल ने दिल्ली में ‘रेवड़ी पर चर्चा’ अभियान की शुरुआत करते हुए कहा कि जनता पैसा जनता की रेवड़ी तो उस पर हक भी जनता की है. उन्होंने कहा कि हम 6 मुफ्त की रेवड़ी दे रहे हैं. केजरीवाल ने कहा, ‘पीएम मोदी ने कई बार कहा है कि केजरीवाल दिल्ली में मुफ़्त की रेवड़ी दे रहे हैं और इसे बंद किया जाना चाहिए. केजरीवाल खुलेआम कहा है कि हम ये रेवड़ी दे रहे हैं. दिल्ली के लोगों को तय करना है कि उन्हें ये रेवड़ी चाहिए या नहीं. अगर बीजेपी जीतती है तो वे ये योजनाएं बंद कर देगी. ये ‘मुफ़्त की रेवड़ी’ नहीं हैं बल्कि ये करदाताओं के पैसे से लागू की गई योजनाएं हैं.

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पूरी दिल्ली में ‘रेवड़ी पर चर्चा’ कार्यक्रम

आम आदमी पार्टी दिल्ली भर में अब रेवड़ी पर चर्चा अभियान करेंगे. अरविंद केजरीवाल ने खुद कहा कि रेवड़ी चर्चा अभियान के तहत दिल्ली में 65 हजार बैठकें की जाएंगी. हमारे बूथ कार्यकर्ताओं से लेकर सभी स्वयंसेवक पर्चे बांटेंगे. हमने दिल्ली के लोगों को 6 मुफ्त की रेवड़ी दी हैं. बीजेपी ने अपने और अपने गठबंधन द्वारा शासित राज्यों में इन रेवड़ियों को लागू नहीं किया है. मैंने जनता का पैसा अपने दोस्तों में नहीं बांटा, बल्कि उससे जनता को ही सुविधाएं दीं.

केजरीवाल की 6 मुफ्त रेवड़ी

1. मुफ्त बिजली

2. मुफ्त पानी

3. बुजुर्गों के लिए तीर्थ यात्रा

4. महिलाओं के लिए मुफ्त बस यात्रा

5. मुफ्त विश्वस्तरीय शिक्षा

6. मुफ्त दवा और इलाज

एक तीर से दो शिकार करने का दांव

अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले ‘रेवड़ी चर्चा’ अभियान शुरू कर एक तीर से दो शिकार करने का दांव चला है. एक तरफ केजरीवाल अपने ‘विनिंग फॉर्मूले’ को फिर से सियासी हथियार बनाकर बीजेपी को घेरने की रणनीति है. वहीं, दूसरी तरफ जिस तरह बीजेपी भ्रष्टाचार के मुद्दे पर आम आदमी पार्टी को घेर रही है, उसे डायवर्ट करने की रणनीति छिपी है. बीजेपी और खासकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कई बार ‘रेवड़ी कल्चर’ का जिक्र करके केजरीवाल के घेरती रही है. अब केजरीवाल इस मुद्दे को लेकर चुनावी रण में उतरने की कवायद की है ताकि बीजेपी को अपने सियासी पिच पर लाया जा सके.

मुश्किल भरे गुजरे केजरीवाल के पांच साल

आम आदमी पार्टी और अरविंद केजरीवाल के लिए पांच साल काफी मुश्किल भरे गुजरे हैं. सत्येंद्र जैन से लेकर मनीष सिसोदिया और अरविंद केजरीवाल सहित आम आदमी पार्टी के कई बड़े नेताओं को भ्रष्टाचार के आरोप में जेल जाना पड़ा था. इतना ही नहीं अरविंद केजरीवाल को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा तक देना पड़ा. ऐसे में दिल्ली की सियासी लड़ाई आम आदमी पार्टी के लिए काफी मुश्किल भरी लग रही थी. भ्रष्टाचार के खिलाफ खड़े हुए अन्ना आंदोलन से ही आम आदमी पार्टी का जन्म हुआ और केजरीवाल को सियासी पिच पर उतरना पड़ा.

केजरीवाल और उनकी पार्टी के लोग खुद को ईमानदार बताते रहे हैं. ऐसे में दिल्ली शराब नीति मामले को लेकर बीजेपी नेता आम आदमी पार्टी और केजरीवाल की छवि पर सवालिया निशान खड़े कर रही थी. इसके चलते आम आदमी पार्टी को चौथी बार दिल्ली को फतह करना काफी चुनौती पूर्ण बन गया था. ऐसे में केजरीवाल ने सीएम पद से इस्तीफा देकर अतीशी को सत्ता की कमान सौंप दी. केजरीवाल के साथ-साथ मनीष सिसोदिया ने भी अगले चुनाव तक कोई भी पद ना लेने का निर्णय लिया.

चुनाव के लिए केजरीवाल ने अपनाई ये रणनीति

अरविंद केजरीवाल ने पहले जिन सीटों पर आम आदमी पार्टी कमजोर दिख रही थी, उन सीटों पर दूसरे दलों के मजबूत नेताओं को अपने साथ मिलाकर उन्हें चुनावी मैदान में उतरा दिया. अब दिल्ली में’रेवड़ी चर्चा’ अभियान शुरू कर आक्रमक तेवर के साथ चुनावी एजेंडे को धार देने की रणनीति अपनाई है. केजरीवाल इस चर्चा के जरिए अपनी लोकलुभावनी फ्री योजनाओं को फिर से घर-घर पहुंचने की रणनीति है.

इन मुद्दों पर 3 विधानसभा चुनाव जीत चुके

आम आदमी पार्टी दिल्ली में फ्री बिजली, फ्री पानी और फ्री शिक्षा के मुद्दे पर तीन विधानसभा चुनाव जीत चुकी है. केजरीवाल ने इस बार भी इसे ही सियासी हथियार बनाने का दांव चला है ताकि बीजेपी को अपनी सियासी पिच पर लाया जा सके. बीजेपी लगातार भ्रष्टाचार के मुद्दे पर आम आदमी पार्टी और केजरीवाल को घेरने में जुटी है. अरविंद केजरीवाल रेवड़ी चर्चा अभियान के जरिए बीजेपी और कांग्रेस को अपने सियासी पिच पर लाकर दोनों को घेरने की स्टैटेजी है. आम आदमी पार्टी यह बताना चाहती है कि बीजेपी गरीब विरोधी है तभी दिल्ली में गरीबों को मुफ्त में मिलने वाली योजनाओं पर सवाल खड़ी कर रही है.

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