जम्मू-कश्मीर में उधमपुर पुलिस ने दो महिला आतंकवादी सहयोगियों (ओजीडब्ल्यू) को सार्वजनिक सुरक्षा अधिनियम (पीएसए) के तहत हिरासत में लिया है. इनमें से एक की पहचान मरियमा बेगम पत्नी मोहम्मद शफीक निवासी लौधारा, बसंतगढ़ के रूप में की गई है, वहीं दूसरे की पहचान अरशद बेगम पत्नी स्वर्गीय जमाल दीन निवासी राय चक, बसंतगढ़ के रूप में की गई है.
दोनों महिलाएं जम्मू-कश्मीर की सुरक्षा और स्थिरता के लिए बड़ा खतरा पैदा करने वाली गतिविधियों में शामिल थीं. पुलिस सूत्रों के मुताबिक दोनों महिलाएं आतंकवादी समूहों को महत्वपूर्ण रसद सहायता प्रदान कर रही थीं, इसके साथ ही क्षेत्र में सक्रिय आतंकवादी संगठनों के लिए मार्गदर्शक और सहायक के रूप में काम कर रही थीं. इन महिलाओं की गतिविधियों को सार्वजनिक सुरक्षा, शांति और सौहार्द के लिए गंभीर खतरा माना गया है.
पीएसए के तहत हुई महिलाओं की गिरफ्तारी
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि गिरफ्तार महिलाएं आतंकवादी संगठनों की गतिविधियों को सुविधाजनक बनाने में सक्रिय रूप से शामिल थीं. जो क्षेत्र की सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा पैदा करती थीं. उन्होंने कहा कि इस खतरे को बेअसर करने और सार्वजनिक सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पीएसए के तहत इन दोनों का गिरफ्तार बेहद होना जरूरी था.
आतंकियों की सहायता करने वालों पर होगी कड़ी कार्रवाई
अधिकारी का कहना है कि नागरिकों की सुरक्षा से समझौता करने वाली किसी भी कार्रवाई को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. उन्होंने कहा कि आतंकवाद को बढ़ावा देने या आतंकियों की सहायता करने वाले किसी भी शख्स को बख्शा नहीं जाएगा. उन्हें इसके सख्त कानूनी परिणाम भुगतने पड़ेंगे. अधिकारियों के आदेश पर पुलिस ने अस्थिरता पैदा करने वाली गतिविधियों में महिलाओं की संलिप्तता की गंभीरता को देखते हुए उन्हें सार्वजनिक सुरक्षा अधिनियम (पीएसए) के तहत हिरासत में लिया है. इनकी हिरासत क्षेत्र में आतंकवाद से लड़ने और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पुलिस की प्रतिबद्धता को दर्शाती है.
पुलिस ने की लोगों से सतर्क रहने की अपील
वहीं पुलिस ने क्षेत्र में रहने वाले लोगो से सतर्क रहने के साथ ही किसी भी संदिग्ध गतिविधि जानकारी पुलिस को देने का आग्रह किया है. फिलहाल पुलिस गिरफ्तार महिलाओं के आतंकियों से लिंक और सहयोगियों के बारे में पता लगाने की कोशिश में जुट गई है. पुलिस को शक है कि और भी लोग इसमें शामिल हो सकते हैं.