Breaking
नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री बनाने में मेरी भूमिका… पप्पू यादव ने क्यों कही ये बात? प्रोबा-3 मिशन की लॉन्चिंग टली, इसरो ने दी जानकारी, अब कल लॉन्च होगा ESA का सोलर मिशन पूर्व बीजेपी सांसद प्रवेश वर्मा लड़ेंगे दिल्ली विधानसभा चुनाव, केजरीवाल के खिलाफ उतारने की तैयारी डिप्टी सीएम पद पर एकनाथ शिंदे ने नहीं खोले पत्ते, कहा- शाम को बताऊंगा सीएम-डिप्टी सीएम सिर्फ तकनीकी शब्द, हमें विश्वास है कि सरकार में शामिल होंगे शिंदे: देवेंद्र फडणवीस यह कानून बहुत कठोर, हम विचार करेंगे- UP के गैंगस्टर एक्ट पर बोला SC प्रेमी का गला घोंटा, फिर प्राइवेट पार्ट काटा… दिल दहला देगी प्रेमिका के इंतकाम की ये कहानी ‘फेमिना मिस इंडिया वेस्ट बंगाल’ शिवांकिता दीक्षित हुईं डिजिटल अरेस्ट, जालसाजों ने ठग लिए 99 हजार रुप... टन-टन से लेकर टिक-टिक का सफर फिर शुरू, कानपुर की 4 ऐतिहासिक घड़ियां हुईं चालू; रोचक है इनकी कहानी जिसका कोई नहीं उसका ‘अनिल’ है…11 महीने में 114 लावारिस लाशों का किया अंतिम संस्कार, निभा रहे मानवीय ...

भगवान विष्णु को क्यों कहा जाता है विट्ठल, क्या है इसके पीछे की कहानी?

Whats App

त्रिदेव मे से एक भगवान विष्णु को सृष्टि के रक्षक के रूप में पूजा जाता है. क्योंकि इन्होंने धरती और धर्म की रक्षा के लिए 10 अवतार लिए. इन अवतारों को दशावतार कहा जाता है. जिसमें से एक भगवान विष्णु का एक अवतार श्री हरी विठ्ठल है. खास तौर पर भगवान विष्णु को इस नाम से महाराष्ट्र और कर्नाटक में जाना जाता है.विठ्ठल को अक्सर ‘विठोबा’ के नाम से भी पुकारा जाता है. यहां भगवान विठ्ठल के कई मंदिर हैं. जहां पूरे भक्ति भाव से लोग भगवान विठ्ठल की पूजा करते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि भगवान विष्णु को यह नाम कैसे मिला और क्या है इसकी कहानी आइए जानते हैं.

श्रीहरि विठ्ठल की कथा (Srihari Vitthal ki Katha )

कथा के अनुसार, एक बार देवी रुक्मिणी, भगवान विष्णु से किसी बात पर नाराज होकर द्वारका से चली गई. जिसके बाद भगवान विष्णु उन्हें ढूंढते हुए दिंडी वन पहुंचे, जहां उन्हें देवी रुक्मिणी मिलीं और उनका क्रोध शांत हुआ. उसी समय वहां एक आश्रम में भगवान विष्णु का भक्त रहता था, जिसका नाम था पुंडलिक. वह अपने माता-पिता की बहुत सेवा करता था. भगवान विष्णु, पुंडलिक की भक्ति से प्रसन्न होकर, देवी रुक्मिणी के साथ उसके आश्रम गए. लेकिन तब पुंडलिक अपने माता-पिता की सेवा में व्यस्त था और ऐसे में जब श्रीहरि ने पुंडलिक से मिलने की बात कही तो पुंडलिक ने भगवान को थोड़ा इंतजार करने को कहा.

Whats App

ईट पर खड़े होकर किया इंतजार

पुंडलिक ने भगवान विष्णु के पास एक ईंट फेंककर कहा कि वह उस पर खड़े रहें और इंतजार करें. जिसके बाद भगवान ने अपने भक्त की बात मानी और ईंट पर खड़े होकर उसका इंतजार करने लगे. साथ में देवी ररुक्मिणी भी ईंट पर ही खड़े होकर प्रतीक्षा करनी लगीं. माता-पिता की सेवा करने के बाद जब पुंडलिक उनके पास आया तो भगवान विष्णु ने उससे वरदान मांगने को कहा.

पुंडलिक ने किया निवेदन

भगवान विष्णु ने जब पुंडलिक से वरदान मांगने को कहा तब पुंडलिक ने श्रीहरि से निवेदन किया कि वह यहीं रुक जाए. जिसके बाद भक्त की इस श्रद्धा को देख श्रीहरि उसी ईंट पर खड़े होकर, कमर पर हाथ रखकर, प्रसन्न मुद्रा में खड़े हो गए. कहा जाता है कि यह मुद्दा ही विठ्ठल अवतार कहलाई. क्योंकि ईंट को मराठी में विट कहते हैं तो ईंट ओर खड़े होने के कारण प्रभु का नाम विट्ठल पड़ा.

नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री बनाने में मेरी भूमिका… पप्पू यादव ने क्यों कही ये बात?     |     प्रोबा-3 मिशन की लॉन्चिंग टली, इसरो ने दी जानकारी, अब कल लॉन्च होगा ESA का सोलर मिशन     |     पूर्व बीजेपी सांसद प्रवेश वर्मा लड़ेंगे दिल्ली विधानसभा चुनाव, केजरीवाल के खिलाफ उतारने की तैयारी     |     डिप्टी सीएम पद पर एकनाथ शिंदे ने नहीं खोले पत्ते, कहा- शाम को बताऊंगा     |     सीएम-डिप्टी सीएम सिर्फ तकनीकी शब्द, हमें विश्वास है कि सरकार में शामिल होंगे शिंदे: देवेंद्र फडणवीस     |     यह कानून बहुत कठोर, हम विचार करेंगे- UP के गैंगस्टर एक्ट पर बोला SC     |     प्रेमी का गला घोंटा, फिर प्राइवेट पार्ट काटा… दिल दहला देगी प्रेमिका के इंतकाम की ये कहानी     |     ‘फेमिना मिस इंडिया वेस्ट बंगाल’ शिवांकिता दीक्षित हुईं डिजिटल अरेस्ट, जालसाजों ने ठग लिए 99 हजार रुपए     |     टन-टन से लेकर टिक-टिक का सफर फिर शुरू, कानपुर की 4 ऐतिहासिक घड़ियां हुईं चालू; रोचक है इनकी कहानी     |     जिसका कोई नहीं उसका ‘अनिल’ है…11 महीने में 114 लावारिस लाशों का किया अंतिम संस्कार, निभा रहे मानवीय धर्म     |