ग्वालियर। वो 29 घंटे मेरे साथ क्या हो रहा था, मुझे खुद कुछ समझ नहीं आ रहा था। ऐसा लग रहा था मानो वो ठग हर समय मुझे कहीं से देख रहा है। वो कहता तब खाना खाते, उसी के कहने पर पानी पीते थे, सोना जागना सभी कुछ उसी ठग के कहने पर ही कर रहे थे।
मानो उन 29 घंटों तक हमारा रिमोट कंट्रोल उन ठगों के पास था। नईदुनिया से चर्चा करते हुए यह बात डिजिटल अरेस्ट का शिकार हुए ग्वालियर के आयुर्वेदिक चिकित्सक डॉ. मुकेश शुक्ला ने कही। उन्होंने बताया कि ठगों ने न सिर्फ उन्हें धमकाया बल्कि उनकी पत्नी को भी वीडियो काल के माध्यम से धमकाया और छवि धूमिल करने की भी बात कही।
एआई का उपयोग कर रहे थे ठग
ठगों ने ऐसा खेल रचा, जिससे उनकी बातों में फंसते चले गए। ठग इतने शातिर थे कि एआई का उपयोग कर सीबीआई के डायरेक्टर प्रवीण सूद बनकर बात की, यानी वीडियो कॉल उठाते ही स्क्रीन पर चीफ का चेहरा ही दिखा।
उसने कहा कि प्रधानमंत्री ने मुझे विशेष आदेश दिया है कि मनी लांड्रिंग करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करूं। डॉक्टर शुक्ला ने डिजिटल अरेस्ट रहने के उन 29 घंटों के बारे में और भी काफी बातें साझा कीं। बताया कि क्या हुआ उन 29 घंटों में….।
पहले मुझे डराया, फिर मेरी पत्नी को
डा. शुक्ला ने कहा कि जो व्यक्ति सीबीआइ डायरेक्टर प्रवीण सूद बनकर बात कर रहा था, उसने पहले उन्हें डराया। गिरफ्तारी का भय दिखाकर गिरफ्तार करने की बात कही। तभी अचानक ठग बोला कि ‘घर पर और कौन है?’ उन्होंने पत्नी की मौजूदगी बताई तो कहा कि बुलाओ उनसे बात करना है।
ठग ने डॉक्टर की पत्नी को कैमरे के सामने बिठाकर धमकाया। महिला को भावनात्मक चोट पहुंचाते हुए कहा कि ‘तुम्हारे पति की इन काले कारनामों में तुम भी दोषी हों। तुम दोनों को तो अब जेल होगी और तुम्हारी बच्ची अनाथालय जाएगी। आपके घर के पास ही घूम रहे हैं सीबीआई वाले, एक इशारे पर दोनों के मुंह पर काला कपड़ा डाल के ले जाएंगे।