कथा वाचक देवकी नंदन ठाकुर के सनातन बोर्ड बनाने की मांग को श्री काशी विद्वत परिषद ने खारिज कर दिया है. श्री काशी विद्वत परिषद ने ये स्पष्ट कर दिया कि किसी वक्फ बोर्ड की नकल कर सनातन बोर्ड की मांग करना ही अव्यवहारिक है. सनातन परम्परा आद्योपाद भगवान शंकराचार्य के मठाम्नाय महानुशासनम से संचालित होती है. हमारे यहां शंकराचार्य की परम्परा,श्री काशी विद्वत परिषद और अखाड़ा परिषद जैसी संस्थाएं और संत समिति जैसे संगठन हैं.
श्री काशी विद्वत परिषद ने कहा कि किसी भी विषय पर अगर किसी को कोई बात रखनी हो या प्रसाद – व्यवस्था आदि में कोई परिवर्तन करना हो तो उसके लिए हमारे यहां राष्ट्रीय स्तर पर विमर्श की परम्परा रही है. आप कोई भी सनातन संस्कृति से जुड़ा विषय विमर्श के लिए ला सकते हैं. लेकिन सनातन बोर्ड जैसी संस्था जिसका कोई प्रारूप नहीं कोई नियम कोई दृष्टिकोण नही सिर्फ बोर्ड के गठन की मांग हो रही है ये आश्चर्यजनक है.
सनातन बोर्ड जैसी संस्था नही है स्वीकार्य
परिषद ने कहा कि कथा वाचक देवकी नंदन ठाकुर ने न तो काशी विद्वत परिषद से कोई सम्पर्क स्थापित किया है और न ही कोई विमर्श ही किया है. इस विषय पर अखाड़ा परिषद और संत समिति सहित शंकराचार्य भी एक मत हैं कि सनातन बोर्ड जैसी संस्था स्वीकार्य नही है.
सनातन धर्म बोर्ड की मांग के समर्थन के लिए जारी किया नंबर
भागवत वक्ता देवकीनंदन ठाकुर ने हाल ही में संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय परिसर के दीक्षांत मंडप में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा के दौरान कहा था कि आजादी के बाद जब वक्फ बोर्ड बन सकता है तो सनातन बोर्ड क्यों नहीं बन सकता. हम यदि अपने जनप्रतिनिधियों से सनातन बोर्ड का जवाब मांगना शुरू कर दें तो अगले चुनाव से पहले यह स्वरूप ले लेगा. ठाकुर महाराज ने सभी काशीवासियों से सनातन बोर्ड के लिए हर स्तर पर आवाज उठाने का आह्वान किया है. कथा वाचक ने सनातन धर्म बोर्ड की मांग के समर्थन के लिए मिस्ड कॉल नंबर 992730037 जारी किया है.