ग्वालियर। ग्वालियर शहर के हरिशंकरपुरम इलाके में रहने वाले आटो पार्ट्स कारोबारी जसपाल सिंह आहूजा और उनकी पत्नी अमरजीत सिंह कौर को शातिर ठगों ने डिजिटल अरेस्ट कर लिया। दंपती को गुरुवार सुबह नौ से रात एक बजे तक घर के बेडरूम में ही बंधक बनाकर रखा।
इन्हें भी जेट एयरवेज के मालिक नरेश गोयल मनी लांड्रिंग केस में जुड़े होने की धमकी मिली थी। ठग दिल्ली क्राइम ब्रांच का डीसीपी बनकर वॉट्सएप वीडियो कॉल के जरिये इन्हें धमकाता रहा। इन्हें इतना डराया गया कि 17 वर्षीय बेटे हन्नू सिंह को भी बहाने से अपनी बहन के घर भेज दिया।
एएसपी व्यापारी के फुफेरे भाई हैं
न तो रिश्तेदार के फोन उठाए, न ही घर पर रिश्तेदारों के पहुंचने पर दरवाजा खोला। जब रिश्तेदारों को लगा कि जसपाल और अमरजीत किसी मुसीबत में हैं, तब उन्होंने इंदौर के एएसपी मंजीतसिंह चावला को रात एक बजे फोन किया। एएसपी चावला कारोबारी जसपाल के फुफेरे भाई हैं।
पहले तो एएसपी मंजीत ने खुद जसपाल को फोन कर समझाया, लेकिन उन्हें लगा कि वह अब भी ठगों के जाल से बाहर नहीं आ सके हैं तो रात को ग्वालियर पुलिस कंट्रोल रूम में फोन किया। रात 1.20 बजे पुलिस फोर्स को जसपाल के घर भेजा। डीएसपी किरण अहिरवार, एसआइ ओमप्रकाश शर्मा और झांसी रोड थाने की फोर्स ने आखिरकार दंपती को मुक्त कराया।
लिंक भेज मोबाइल की स्क्रीन शेयर करा ली
शातिर ठगों ने इन्हें एक लिंक भेजकर मोबाइल की स्क्रीन तक शेयर करा ली थी। एक्सेस उनके पास पहुंच गया था। 20 लाख रुपये की मांग की गई थी।
आपबीती : कारोबारी की जुबानी…
झांसी रोड इलाके में मेरी आटो पार्ट्स की दुकान है। गुरुवार सुबह बेटा कोचिंग चला गया था। बड़ा बेटा विदेश में है। छोटा बेटा हन्नू सिंह 11वीं का छात्र है। सुबह करीब नौ बजे मैं और मेरी पत्नी अमरजीत सिंह कौर घर पर थे। अचानक पत्नी के मोबाइल पर अनजान नंबर से कॉल आया। कॉल करने वाले ने कहा कि वह टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया से बोल रहा है। आपके मोबाइल नंबर और बैंक खाते नरेश गोयल मनी लांड्रिंग केस में संलिप्त पाए गए हैं। यह फोन दिल्ली क्राइम ब्रांच और सीबीआइ को ट्रांसफर होगा। सीधे डीसीपी इसकी जांच कर रहे हैं। हम घबरा गए।
मैंने बात की और समझाने का प्रयास किया कि हमारा कोई लेनदेन नहीं है तो वह धमकाने लगा। उसने एक अरेस्ट वारंट, एफआइआर की कापी और बैंक स्टेटमेंट भेजा। मेरी पत्नी का नाम उस पर लिखा था, फोटो भी था। हम घबरा गए। इन लोगों ने घर, रिश्तेदार, कारोबार, जमीन, गहनों और बैंक में जमा पैसों की जानकारी ली। सामने वर्दीधारी था, हम घबरा गए थे। खिड़की, दरवाजे बंद करा दिए।
कहा कि किसी भी रिश्तेदार, परिचित का काल नहीं उठाना है। बेटा दोपहर दो बजे आया तो उसे हमने रिश्तेदार के घर भेज दिया। उससे कहा कि दोस्त के बेटे की सगाई में भोपाल जा रहे हैं। फिर रिश्तेदारों के फोन आना शुरू हुए तो नंबर ब्लाक करते गए। यह लोग बोल रहे थे कि जांच में सहयोग करेंगे तो ठीक, वर्ना 10 साल की जेल, 10 लाख का जुर्माना, संपत्ति जब्त हो जाएगी।
हम घबरा गए, खाना बनाने से लेकर वाशरूम जाने, पानी तक पीने के लिए अनुमति लेनी पड़ रही थी। शुक्रवार सुबह रुपये लेने जाने थे, इसी बीच इंदौर से फुफेरे भाई मंजीत सिंह चावला का फोन आया। उन्होंने फोर्स भेजी। हमें कहा था कि बर्बाद कर देंगे, इसलिए डर गए थे।