‘अविनाश की नेहा से शादी…’ 40 गाड़ियों में फर्जी बराती बनकर अफसरों की एंट्री, आयकर विभाग के छापे से हड़कंप
बिहार के रक्सौल जिले में आयकर विभाग की बरात पहुंची. 40 गाड़ियों में आयकर विभाग के अफसर और कर्मचारी बाराती बनकर पहुंचे. कार पर दूल्हा और दुल्हन ने नाम के पोस्टर चिपके हुए थे. लेकिन बरात का यह काफिला किसी मैरिज हॉल में नहीं बल्कि रक्सौल की बड़ी चावल कंपनी रिपुराज एग्रो प्राइवेट लिमिटेड पर पहुंची. यहां टीम ने छापामार कार्रवाई की. टीम ने 16 घंटों से ज्यादा तलाशी अभियान चलाया. इसमें आयकर अधिकारी और कर्मचारी, एसएसबी के जवान शामिल थे.
शुक्रवार को आयकर के पटना जांच निदेशालय ने रक्सौल, मोतिहारी, पटना और दिल्ली में इस समूह के 15 से अधिक परिसरों में तलाशी और छापेमारी अभियान चलाया. बिहार और झारखंड के 150 से अधिक आयकर अधिकारियों और 70 एसएसबी, केंद्रीय अर्धसैनिक बल के अधिकारियों ने दोपहर में उनके परिसरों पर छापा मारा. सूत्रों से पता चला है कि यह समूह काफी समय से उनके रडार पर था और आयकर विभाग ने उनकी हरकतों पर भी कड़ी नजर रखी थी. साथ ही नेपाल सीमा के जरिए उनके चावल के निर्यात पर भी विभाग की नजर बनी हुई थी.
मेल नहीं खा रहे दस्तावेज
शुरुआती जांच में पुष्टि हुई है कि आयकर विभाग ने पहले ही भूमि में उनके निवेश का विश्लेषण किया है और पाया है कि उनके आयकर रिटर्न उन निवेशों से मेल नहीं खा रहे हैं, जो करोड़ों में हैं. आयकर विभाग की टीमें अपनी साइबर फोरेंसिक टीम और मूल्यांकनकर्ताओं के साथ मिलकर निदेशकों और उनकी बिक्री टीम के अन्य कर्मचारियों के कंप्यूटर, मोबाइल और ईमेल की जांच कर रही है. बताया जा रहा है कि वहां भारी मात्रा में नकदी और कीमती सामान मिला है . 16 घंटों से छापेमारी जारी है.
रिपुराज ग्रुप का कैसे हुआ विस्तार?
रिपुराज ग्रुप का नेतृत्व रामेश्वर प्रसाद गुप्ता और उनके दो बेटे रिपु रमन और रिषु रमन करते हैं, जिन्होंने मेसर्स रिपुराज एग्रो प्राइवेट लिमिटेड के नाम से बिहार के रक्सौल में गैर-बासमती चावल पर चावल मिलिंग उद्योग में खुद को प्रमुख उद्योगपति के रूप में स्थापित किया है. कंपनी को वित्तीय वर्ष 2010-11 में शुरू किया गया था. कम्पनी की पहली चावल मिल ने 12 जून 2012 को परिचालन शुरू किया था. 2018 में दूसरी मिल और 2023 में तीसरी मिल के साथ कारोबार का विस्तार हुआ.
थोड़े समय में, ‘रिपुराज’ चावल उद्योग में एक प्रतिष्ठित ब्रांड बन गया, जिसकी आपूर्ति बिहार के अलावा भारत के अन्य राज्यों और भारत के बाहर भी फैल गई. रामेश्वर गुप्ता परिवार ने वित्तीय वर्ष 2019-20 में एक और प्रमुख कंपनी मेसर्स डिग्गा फूड्स प्राइवेट लिमिटेड भी शुरू की. इन दो कंपनियों के अलावा, मेसर्स एम.आर. फूड्स, मेसर्स राधिका एंटरप्राइजेज और मेसर्स त्रिकाल ब्रदर्स गुप्ता परिवार के पारिवारिक सदस्यों के नाम पर उनके स्वामित्व वाली कंपनियां हैं. समूह का कुल कारोबार लगभग 1100 करोड़ रुपये है.