राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की तैयारी में कांग्रेस, SP-TMC का मिला समर्थन
संसद के शीतकालीन सत्र के दोनों सदनों की कार्यवाही सुचारू रूप से नहीं चल पा रही है. विपक्षी सांसदों की ओर से सभापति पर पक्षपात करने का आरोप लगाया जाता रहा है. लेकिन अब सूत्रों का कहना है कि संसद के ऊपरी सदन राज्यसभा में विपक्षी सांसद अब सभापति के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की तैयारी कर रहे हैं. कई सांसदों ने इसके लिए अपनी रजामंदी भी जताई है.
सूत्रों के अनुसार, विपक्षी दलों के गठबंधन INDIA की ओर से राज्यसभा के सभापति के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाए जाने की संभावना है. विपक्ष ने उन पर सदन में पक्षपातपूर्ण तरीके से काम करने का आरोप लगाया है. विपक्षी पार्टियां संविधान के अनुच्छेद 67(बी) के तहत अविश्वास प्रस्ताव पेश करेंगी.तृणमूल कांग्रेस पार्टी (TMC), आम आदमी पार्टी (AAP), समाजवादी पार्टी (SP) समेत इंडिया गठबंधन की सभी पार्टियों ने अविश्वास प्रस्ताव के समर्थन में अपने हस्ताक्षर कर दिए हैं.
सभापति ने कल सुबह बुलाई बैठक
केंद्र में सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के सांसदों ने कांग्रेस और उसके शीर्ष नेताओं पर विदेशी संगठनों और लोगों के जरिए से देश की सरकार तथा अर्थव्यवस्था को अस्थिर करने की कोशिश का आरोप लगाया. साथ ही इस मुद्दे पर चर्चा कराने की मांग करते हुए सत्ता पक्ष के सांसदों ने सोमवार को राज्यसभा में जोरदार हंगामा किया, जिस वजह से कार्यवाही बार-बार स्थगित करनी पड़ी.
दूसरी ओर, राज्यसभा में गतिरोध दूर करने के लिए राज्यसभा सभापति ने अहम बैठक बुलाई है. सभापति कल मंगलवार सुबह 10.30 बजे राज्यसभा के फ्लोर लीडर्स के साथ बैठक करेंगे.
विपक्षी सांसदों ने उठाए सवाल
सांसदों के हंगामे के बीच कांग्रेस के सांसद राजीव शुक्ला ने आसन से सवाल पूछा कि सत्ताधारी दल के सदस्यों को किस नियम के तहत बोलने की इजाजत मिल रही है. उन्होंने कहा, “ये अपनी सारी बातें रख रहे हैं. इस दौरान इनके माइक भी खुले रहते हैं. इनके फोटो भी (राज्यसभा टीवी पर) लगातार दिखाए जा रहे हैं. यह सब कुछ बिल्कुल गलत है। शोरगुल और हल्ला नहीं दिखाया जाता है, लेकिन इन्हें दिखाया जा रहा है.”
कांग्रेस के एक अन्य सांसद दिग्विजय सिंह ने भी सभापति पर पक्षपात का आरोप लगाया और यह सवाल किया कि किस नियम के तहत उन्होंने इस मुद्दे पर चर्चा शुरू की है.
जबकि इससे पहले, सुबह राज्यसभा में सूचीबद्ध सभी कार्यों को नियम 267 के तहत स्थगित कर अलग-अलग मुद्दों पर चर्चा कराने की मांग संबंधी नोटिस आसन ने खारिज कर दिया.
बाजपेयी के मौका मिलने से भड़का विपक्ष
हालांकि बीजेपी के लक्ष्मीकांत बाजपेयी को शून्यकाल में जब बोलने का मौका मिला तो उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर बोलना शुरू किया. इस पर कांग्रेस के जयराम रमेश ने उनकी टिप्पणी पर आपत्ति जताई और कहा कि जब सभापति ने नियम 267 के तहत सभी नोटिस खारिज कर दिए तो उसमें उल्लिखित मुद्दों को उठाने की अनुमति नहीं मिलनी चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि बहुत गलत हो रहा है. आप सभापति हैं. आप सदन के रक्षक हैं। कृपया आप पक्षकार मत बनिए.
इस बीच संसदीय कार्यमंत्री किरन रीजिजू ने कहा कि हंगामा करने और आसन के सामने आ जाने वाले AAP के सांसद संजय सिंह की ओर से ऐसी बातें शोभा नहीं देतीं. नेता प्रतिपक्ष मल्लिाकर्जुन खरगे ने कहा, “बहुत देर से मैंने अपना हाथ उठाया रखा था. जब सदन के नेता ने कुछ बात कही लेकिन मैं उससे सहमत नहीं था. मैंने ऊंगली उठाकर आपका ध्यान अपनी ओर करने की कोशिश की, लेकिन आपने मौका नहीं दिया. आपने मंत्री को बुला लिया जो कि यह अच्छा नहीं है.”
इस पर धनखड़ ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष को उनके ऊपर आरोप लगाने की जदह अपनी बात रखनी चाहिए. उन्होंने कहा, “आप हर बार कहते हो कि मैं मंत्री का पक्ष लेता हूं. नेता सदन का पक्ष लेता हूं. यह आपके श्रीमुख से शोभा नहीं देता. मुझे आरोपित क्यों कर रहे हैं.”