उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर में सरकारी स्कूल की प्रिंसिपल गजब का भ्रष्टाचार कर रहीं थी. मिड डे मील में बच्चों को दिए जाने वाले दूध में ही मैडम साहिबा ने जुगाड़ लगा ली. वह स्कूल के 150 बच्चों को केवल 2 लीटर दूध में निपटारा करने लगी. गांववालों ने प्रिंसिपल की वीडियो बनाकर वायरल कर दी. बेसिक शिक्षा अधिकारी को मामले का संज्ञान हुआ. उन्होंने एक्शन लेते हुए आरोपी प्रिंसिपल को सस्पेंड किया है.
परिषदीय विद्यालयों के एमडीएम में शिक्षकों की लूट के मामले आए दिन सामने आते रहते हैं. नया मामला मिर्जापुर के सरकारी स्कूल से सामने आया है. यहां दो लीटर दूध 150 बच्चों को बांटा जा रहा था. बच्चों के अभिभावकों ने अधिकारियों से मामले की शिकायत की. खंड शिक्षा अधिकारी ने जांच की और रिपोर्ट बीएसए को सौंपी. इधर, स्कूल के वायरल वीडियो को लेकर बीएसए ने की कार्रवाई करते हुए प्रभारी प्रधानाध्यापक सरिता देवी को निलंबित कर दिया. मामले की जांच के लिए टीम का गठन किया गया है.
इस स्कूल का है मामला
पूरा मामला मिर्जापुर जिले के जमालपुर विकासखंड के ग्राम सभा हिनौता में स्थित कंपोजिट विद्यालय का है. स्कूल में बच्चों को मिड डे मील में दूध का वितरण किया जाता है. 4 दिसंबर को बच्चों लो दूध दिया जाना था. स्कूल की प्रभारी प्रिंसिपल सरिता देवी एक बर्तन में दूध लिए बैठी थीं. तभी स्कूल में बच्चों के अभिभावक व ग्रामीण पहुंच गए. उन्होंने प्रभारी प्रधानाध्यापिका से पूछा कि बच्चों को दिए जाना वाला दूध कितना है? उन्होंने बताया 3 लीटर दूध बच्चों को दिया जाना है. जब ग्रामीणों ने इसकी नाप कराई तो वह 2 लीटर दूध निकला.
2 लीटर दूध बांटा जा रहा था 150 बच्चों को
वहां मौजूद लोगों ने इसकी वीडियो बनाई, मामले की जानकारी ग्रामीण खंड शिक्षा अधिकारी जमालपुर को दी गई. खंड शिक्षा अधिकारी देवमणि पांडेय ग्रामीणों की शिकायत पर स्कूल पहुंचे और दूध की जांच की. उन्होंने इसकी रिपोर्ट बीएसए को सौंप दी. बीएसए ने प्रभारी प्रधानाध्यापिका सरिता को निलंबित कर दिया है. बेसिक शिक्षा अधिकारी अनिल कुमार ने बताया कि कंपोजिट विद्यालय हिनौता में एमडीएम के गुणवत्ता और दूध वितरण के संबंध में खंड शिक्षा अधिकारी की जांच रिपोर्ट में अवगत कराया गया था.
उन्होंने बताया कि जैसे ही मामला संज्ञान में आया प्रभारी प्रधानाध्यापिका सरिता देवी को अनुशासनिक कार्रवाई करते हुए सस्पेंड कर दिया गया है. जांच के लिए टीम बना दी गई है. यदि घटना पुष्टि होती है तो उनके खिलाफ कठोर दंडरात्मक कार्रवाई आगे की जाएगी. मिड डे मील में 1 से लेकर कक्षा 5 तक के बच्चों को डेढ़ सौ ग्राम और 6 से लेकर 8 तक के बच्चों को 200 ग्राम दूध देने का प्रावधान है.