दिल्ली में राहुल गांधी और लखनऊ में अजय राय… सरकार को घेरने निकले कांग्रेस ये दो दिग्गज खुद पुलिसिया जांच के घेरे में आ गए हैं. राहुल से जुड़े मामले में दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच तो अजय राय से जुड़े मामले में यूपी पुलिस की एसआईटी जांच कर रही है. दिलचस्प बात है कि पुलिस की घेरे में आए दोनों ही नेता संविधान के मुद्दे पर सरकार को घेरने निकले थे.
दिल्ली में राहुल कैसे घिरे?
आंबेडकर पर अमित शाह के एक बयान को लेकर गुरुवार (19 दिसंबर) को राहुल गांधी कांग्रेस सांसदों के साथ संसद परिसर पर प्रदर्शन कर रहे थे. राहुल जब आंबेडकर की मूर्ति से मकर द्वार की तरफ आने लगे तो द्वार के पास पहले से बीजेपी के सांसद प्रदर्शन कर रहे थे.
आरोप है कि राहुल गांधी ने इस दौरान बीजेपी सांसद प्रताप सारंगी और मुकेश राजपूत के साथ धक्का-मुक्की की. इस मामले में दिल्ली की पार्लियामेंट स्ट्रीट थाने में एफआईआर कराई गई है. दिल्ली पुलिस ने राहुल के खिलाफ इस एफआईआर को क्राइम ब्रांच के लिए ट्रांसफर कर दिया है.
वहीं कांग्रेस का कहना है कि यह मुद्दों से भटकाने के लिए किया गया है. कांग्रेस ने संसद से सीसीटीवी फुटेज की मांग की है. पार्टी का कहना है कि सीसीटीवी फुटेज जारी होने के बाद दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा.
लखनऊ में राय कैसे घिरे?
अजय राय वर्तमान में यूपी कांग्रेस के अध्यक्ष पद पर कार्यरत हैं. संविधान के मुद्दे पर 18 दिसंबर को कांग्रेस ने विधानसभा घेराव का आह्वान किया था. इस घेराव में कांग्रेस के कई दिग्गज शामिल हुए थे. प्रदर्शन के दौरान ही गोरखपुर के कांग्रेस कार्यकर्ता प्रभात पांडेय की मौत हो गई.
कांग्रेस का आरोप है कि पुलिस की मार की वजह से उसके कार्यकर्ता प्रभात की जान चली गई. वहीं प्रभात के चाचा ने आरोप लगाया है कि प्रदर्शन के बाद अस्पताल ले जाने की बजाय प्रभात के शव को कांग्रेस के दफ्तर में रखा गया था. प्रभात के प्रदर्शन में जाने को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं.
यूपी पुलिस ने इस मामले की एफआईआर दर्ज कर जांच के लिए एसआईटी गठित कर दी है. वहीं पूरे मामले में अजय राय का कहना है कि जांच में हम सहयोग कर रहे हैं, लेकिन अगर पुलिस किसी दबाव में मुद्दे को भटकाने का प्रयास करेगी, तो हम फिर लंबी लड़ाई के लिए तैयार हैं.
दोनों केस में अब आगे क्या?
राहुल गांधी मामले की जांच क्राइम ब्रांच कर रही है. क्राइम ब्रांच इस मामले में पहले बीजेपी के दोनों सांसदों का बयान दर्ज करेगी. इसके बाद आगे का एक्शन हो सकता है. इस मामले में राहुल गांधी से भी पूछताछ की जा सकती है.
वहीं कांग्रेस पूरे मामले में सीसीटीवी फुटेज दिखाने की मांग कर रही है, इसलिए कहा जा रहा है कि यह मामला लोकसभा स्पीकर के पास भी जा सकता है. लोकसभा परिसर मामले में स्पीकर का रोल अहम है.
राहुल पर अगर जांच आगे बढ़ती है तो उन्हें मामले में जमानत भी लेनी पड़ सकती है. क्योंकि उनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 117, धारा 115, धारा 125, धारा 131, धारा 351 और धारा 3(5) के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है.
धारा 351 में सात साल तक की सजा का प्रावधान है और यह एक संज्ञेय अपराध की धारा है.
अजय राय को अभी पुलिस ने नामित आरोपी नहीं बनाया है, लेकिन प्रभात पांडेय की मौत मामले में उन्हें पूछताछ के लिए नोटिस जरूर दिया है. राय का मामला कहां तक जाएगा, यह पुलिस की जांच के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा.