इंदौर : साफ्टवेयर इंजीनियर मोहित मौर्य को डिजिटल अरेस्ट कर सवा लाख रुपये वसूलने वाले साइबर अपराधियों के विरुद्ध क्राइम ब्रांच ने शुक्रवार को एफआइआर दर्ज कर ली है। जांच में पता चला कि आरोपितों ने हरियाणा और उत्तर प्रदेश के बैंक खातों में ठगी के रुपये जमा करवाए थे। पुलिस ने उस स्काइप आइडी की जानकारी निकाल ली, जिससे मोहित को वीडियो काल लगाया था। आरोपितों ने ID सीआईडी
साफ्टवेयर इंजीनियर को डिजिटल अरेस्ट
शुभम पैलेस (एरोड्रम क्षेत्र इंदौर) निवासी साफ्टवेयर इंजीनियर मोहित को सोमवार शाम डिजिटल अरेस्ट कर लिया गया था। आरोपितों ने आतंकवादी गतिविधियों और मनी लांड्रिंग में लिप्त होने का आरोप लगाकर ऑनलाइन पूछताछ की। गुरुवार को दोस्त अक्षय तिवारी (वकील) पुलिस लेकर घर जा पहुंचे।
30 हजार रुपये का इनाम घोषित
एडिशनल डीसीपी (अपराध) राजेश दंडोतिया के मुताबिक मामले में मोहित के कथन दर्ज कर अज्ञात अपराधियों के विरुद्ध प्रकरण दर्ज कर लिया है। पुलिस आयुक्त संतोष कुमारसिंह ने आरोपितों की गिरफ्तारी पर 30 हजार रुपये का इनाम घोषित कर दिया।
हरियाणा और उप्र के खातों में जमा रुपये
पुलिस को जांच में पता चला कि जिन खातों में मोहित से एक लाख 30 हजार रुपये जमा करवाए वो हरियाणा और उप्र के हैं। पुलिस बैंक से मिली जानकारी के आधार पर आरोपितों की तलाश में दबिश दे रही है। सात प्रकरण में 17 आरोपित गिरफ्तार अपराध शाखा डिजिटल अरेस्ट की सात घटनाओं की जांच कर रही है।
17 आरोपित गिरफ्तार
पुलिस इस मामले में पश्चिम बंगाल, गुजरात, छग, मप्र से 17 आरोपितों की गिरफ्तारी कर चुकी है। एडीसीपी के मुताबिक आरोपित पैडलर के खातों का इस्तेमाल कर रहे हैं। टेलीग्राम के माध्यम से कमीशन पर खाते खरीदे जा रहे हैं।