लखनऊ गोमती नगर के विक्रांत खंड में अयोध्या राष्ट्रीय राजमार्ग पर निर्मित एलडीए का बजट होटल जल्द ही संचालित होगा. इसके लिए लखनऊ विकास प्राधिकरण तीन निजी कंपनियों (कंसोर्टियम) के साथ 50 साल का अनुबंध करने जा रहा है. इसके तहत यह कंपनियां बजट होटल का संचालन व अनुरक्षण करेंगी. आगंतुकों को बजट होटल में 186 लग्जरी कमरों के साथ फूड कोर्ट, मीटिंग हॉल, डाइनिंग एरिया और टेरेस गार्डेन आदि की सुविधा मिलेगी.
लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष प्रथमेश कुमार ने बताया कि बजट होटल 10,968 वर्गमीटर क्षेत्रफल के भूखण्ड पर बना है, जिसका कंस्ट्रक्शन एरिया लगभग दो लाख वर्गफिट है. गोमती नगर में अयोध्या राष्ट्रीय राजमार्ग और शहीद पथ के टी-प्वाइंट के पास बने इस होटल की लोकेशन काफी प्राइम है. वर्तमान में परिसर के ओपन एरिया में अवध बस अड्डा संचालित है, जहां प्रतिदिन बड़ी संख्या में यात्रियों का आवागमन रहता है. आठ मंजिला बजट होटल के ग्राउंड फ्लोर पर रिसेप्शन एरिया है, जिसके ऊपर फूड कोर्ट व प्रथम तल पर टेरेस एरिया व मीटिंग हॉल के लिए स्थान निर्धारित है.
इसके अलावा दूसरी मंजिल से सातवीं मंजिल तक प्रत्येक तल पर 31 कमरों की सुविधा है. इस प्रकार से होटल में कुल 186 कमरे हैं. होटल की आठवीं मंजिल पर काफी बड़ा डाइनिंग एरिया है, जिसके साथ टेरेस गार्डेन भी है. होटल में आगंतुकों के लिए बेसमेंट पार्किंग की व्यवस्था है, जहां एक बार में 150 से अधिक गाड़ियों की पार्किंग की जा सकती है. बजट होटल संचालित होने से लखनऊ वासियों व शहर में घूमने के लिए आने वाले पर्यटकों को बड़ी सुविधा मिलेगी.
उपाध्यक्ष ने बताया कि बजट होटल काफी समय से संचालित नहीं हो पा रहा था, जिसकी वजह से स्ट्रक्चर भी खराब हो रहा था. इसे ध्यान में रखते हुए होटल के संचालन व अनुरक्षण के लिए आर.एफ.पी. आमंत्रित किया गया था, जिसमें विभिन्न कंपनियों ने रूचि दिखाते हुए प्रस्ताव प्रस्तुत किया. इसके आधार पर तीन निजी कंपनियों के कंसोर्टियम के साथ होटल के संचालन व अनुरक्षण के लिए 50 साल का अनुबंध किया जा रहा है, जो कि 10-10 वर्षों के लिए बढ़ाया जा सकेगा.
आर.एफ.पी. के नियम व शर्तों के अंतर्गत कंसोर्टियम को सिक्योरिटी के तौर पर 4.50 करोड़ रुपए की बैंक गारंटी जमा करानी होगी. होटल को संचालित करने के लिए परिसर में कराए जाने वाले निर्माण, विकास और मार्केटिंग का कार्य भी कंसोर्टियम द्वारा कराया जाएगा. इस अनुबंध से प्राधिकरण को लगभग 378 करोड़ रुपए की आय होगी, जो कि परियोजना में आई लागत से कई गुना अधिक है.