युद्ध के दूसरे दिन ही रूसी सेना यूक्रेन की राजधानी कीव पहुंच चुकी है. ऐसे में यूक्रेन अकेला महसूस कर रहा है. NATO हो या अमेरिका, यूक्रेन की मदद के लिए कोई देश आगे नहीं आ रहा है.
नई दिल्ली: यूक्रेन और रूस का युद्ध पिछले दो दिनों से जारी है. जंग में रूस की सेना यूक्रेन में दाखिल होती चली जा रही है और यूक्रेन भी रूस से डटकर युद्ध कर रहा है. दूसरे दिन ही रूसी सेना यूक्रेन की राजधानी कीव पहुंच चुकी है. ऐसे में यूक्रेन अकेला महसूस कर रहा है. NATO हो या अमेरिका, यूक्रेन की मदद के लिए कोई देश आगे नहीं आ रहा है.
अकेला पड़ा यूक्रेन
युद्ध में US ने अपनी सेना भेजने से इनकार कर दिया है. पश्चिमी देशों के इस ‘धोखे’ पर यूक्रेनी राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की (Volodymyr Zelensky) ने अपना गुस्सा बयां किया है. उन्होंने कहा है कि हमें रूस से मुकाबले के लिए अकेला छोड़ दिया गया. साथ ही उन्होंने यह भी कहा, ‘मैं रूस का नंबर एक टारगेट हूं, मेरा परिवार दूसरे नंबर का टारगेट है.’
लोगों के मन में सवाल
ऐसे में आम लोगों के मन में भी कई सवाल उठ रहे है. कई रक्षा जानकार कह रहे हैं कि यूक्रेन को आत्मसमर्पण कर देना चाहिए. इससे उसके स्थानीय लोगों की जान तो सुरक्षित बच जाएगी. लोग यह भी मान रहे हैं कि ये युद्ध ज्यादा दिन नहीं चलेगा और यूक्रेन जल्द ही ढेर हो जाएगा.
यूक्रेन के राष्ट्रपति के पास अब ये 3 विकल्प
मौजूदा हालातों को समझें तो खुद के दम पर लड़कर यूक्रेन ज्यादा देर तक रूस से युद्ध नहीं कर सकता है. जेलेंस्की ने स्पष्ट भी किया है कि हम 96 घंटे से ज्यादा रूस को नहीं रोक पाएंगे. रूसी सेना किसी भी वक्त यूक्रेन के राष्ट्रपति भवन में दाखिल हो सकती है. ऐसे में राष्ट्रपति जेलेंस्की के पास तीन रास्ते हैं. या तो वो हार मानकर समर्पण कर दें, देश छोड़कर भाग जाएं या रूसी सेना के हाथों गिरफ्तार हो जाएं.
अगले 24 घंटे में स्पष्ट होगी स्थिति
माना जा रहा है कि अगले 24 घंटों में अगर यूक्रेन खुद आत्मसमर्पण नहीं करता है तो हो सकता है कि रूसी सेना राष्ट्रपति भवन पर कब्जा कर यूक्रेन के राष्ट्रपति को गिरफ्तार कर ले. यूक्रेन के गृह मंत्री एंटोन गेराशचेंको ने एक बयान जारी कर बताया भी कि शुक्रवार, 25 फरवरी को रूस की योजना यूक्रेन की राजधानी कीव को घेरने की है.