भोपाल मध्यप्रदेश के मेडिकल स्टूडेंट के पैर कटने के मामले में उपभोक्ता फोरम ने तीन डॉक्टरों को नोटिस भेजा है। इनमें दो डॉक्टर भोपाल और एक नागपुर से है। डॉक्टरों को 5 अप्रैल तक पेश होने का समय दिया है। तीनों पर इलाज में लापरवाही का आरोप है। 23 साल के विकास रायकवार ने 50 लाख का क्लेम किया है। वह छिंदवाड़ा से भोपाल प्राइवेट मेडिकल यूनिवर्सिटी से डीएमएलटी की पढ़ाई करने आया था।
विकास 5 जनवरी 2021 को बाइक फिसलने से घायल हो गया था। उसे जेपी अस्पताल में भर्ती कराया गया। जेपी के डॉक्टर ने उसे प्राइवेट अस्पताल जाने की सलाह दी। यहां उन्होंने ही उसका ऑपरेशन किया। लापरवाही के चलते उसका पैर खराब हो गया। एक साल इलाज के बाद उसने भोपाल में उपभोक्ता फोरम में केस दर्ज कराया था। गुरुवार को मामले की सुनवाई हुई।
विकास रायकवार की नागपुर में किसी तरह डॉक्टरों ने जान तो बचा ली, लेकिन एक पैर काटना पड़ा। विकास ने नागपुर के डॉक्टर राजू देशमुख, भोपाल के जेपी अस्पताल के डॉक्टर तन्मय शाह और अरेरा ट्रॉमा एंड क्रिटिकल केयर अस्पताल के डॉक्टर अंकित शर्मा के खिलाफ हबीबगंज थाने में FIR करवाई। पुलिस ने ही उपभोक्ता फोरम में जाने की सलाह दी थी।
पिता ने लाखों रुपए कर्ज लेकर कराया इलाज
विकास ने बताया कि वह हिम्मत नहीं हारा है। वह तीन भाई-बहनों में सबसे छोटा है। परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। वह पढ़ाई करके पापा की मदद करना चाहता था। पापा इलाज के लिए अब तक 7 लाख रुपए से ज्यादा खर्च कर चुके हैं। उन्होंने रिश्तेदारों से लेकर कई लोगों से उधार लिया है। उन पर बहुत कर्ज हो चुका है। डॉक्टरों की लापरवाही के कारण विकास का जीवन बर्बाद हो गया है। अब शादी भी नहीं होगी। एक साल पहले तक वह लोगों के साथ डांस करता था, लेकिन अब वह अपने दम पर खड़े तक नहीं हो पाता।