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कठुआ गैंगरेप: मास्‍टरमाइंड सांझी राम सहित 6 आरोपी दोषी करार, 4 बजे होगा सजा का ऐलान

नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर के कठुआ में पिछले साल आठ साल की बच्ची के साथ सामूहिक दुष्कर्म और हत्या की देश भर को झकझोर देने वाली घटना में अदालत ने सोमवार को इस जघन्य अपराध में शामिल कुल सात आरोपियों में से छह को दोषी करार दिया है। दोषियों पर सजा के बारे में फैसला 4 बजे किया जाएगा। पठानकोट स्थित विशेष अदालत ने आज इस मामले का फैसला सुनाया।

घटना में शामिल मुख्य आरोपी सांझी राम समेत छह को दोषी करार दिया गया जबकि सातवें आरोपी विशाल को बरी कर दिया गया है। दोषी ठहराये गए लोगों में मुख्य आरोपी ग्राम प्रधान सांझी राम, विशेष पुलिस अधिकारी दीपक खजूरिया, परवेश कुमार, सहायक पुलिस निरीक्षक तिलक राज , आनंद दत्ता और सुरेंद्र कुमार शामिल हैं।

 इस मामले में एक ग्राम प्रधान समेत आठ आरोपी थे, जबकि किशोर आरोपी के खिलाफ मुकदमा अभी शुरू नहीं हुआ है और उसकी उम्र संबंधी याचिका पर जम्मू कश्मीर हाईकोर्ट सुनवाई करेगा। देश को स्तब्ध कर देने वाले इस मामले में बंद कमरे में सुनवाई तीन जून को पूरी हुई। तब जिला और सत्र न्यायाधीश तेजविंदर सिंह ने घोषणा की थी कि 10 जून को फैसला सुनाया जा सकता है।

अधिकारियों ने रविवार को कहा कि कठुआ में फैसला सुनाये जाने के मद्देनजर अदालत और उसके आसपास कड़े सुरक्षा बंदोबस्त किये गये हैं। उन्होंने कहा कि हालात पर करीब से नजर रखी जाएगी। पंद्रह पन्नों के आरोपपत्र के अनुसार पिछले साल 10 जनवरी को अगवा की गयी आठ साल की बच्ची को कठुआ जिले के एक गांव के धार्मिक स्थल में बंधक बनाकर उसके साथ दुष्कर्म किया गया। उसे चार दिन तक बेहोश रखा गया और बाद में उसकी हत्या कर दी गयी।

कठुआ मामला घटनाक्रमः

  • 10 जनवरी, 2018: जम्मू कश्मीर में कठुआ जिले के रसाना गांव में बकरवाल जनजाति की आठ साल की बच्ची मवेशी चराते समय लापता हुई।
  • 12 जनवरी, 2018: बच्ची के पिता की शिकायत पर हीरानगर पुलिस थाना में एक मामला दर्ज किया गया।
  • 17 जनवरी, 2018: बच्ची का शव बरामद। पोस्टमॉर्टम में बच्ची से सामूहिक बलात्कार और हत्या की पुष्टि हुई।
  • 22 जनवरी, 2018: मामला जम्मू कश्मीर अपराध शाखा को सौंपा गया।
  • 16 फरवरी, 2018: दक्षिणपंथी समूह ‘हिंदू एकता मंच’ ने एक आरोपी के समर्थन में प्रदर्शन किया।
  • एक मार्च, 2018: बच्ची के अपहरण और बलात्कार की घटना के संबंध में ‘देवीस्थान’ (मंदिर) के प्रभारी के भतीजे की गिरफ्तारी के बाद राज्य में सत्तारूढ़ पीडीपी-भाजपा गठबंधन सरकार में दो मंत्री भाजपा के चंद्र प्रकाश गंगा और लाल सिंह ‘’हिंदू एकता मंच’ द्वारा आयोजित रैली में शामिल हुए।
  • नौ अप्रैल, 2018: पुलिस ने आठ आरोपियों में से सात के खिलाफ कठुआ अदालत में आरोपपत्र दायर किया।
  • 10 अप्रैल, 2018: आठवें आरोपी के खिलाफ भी आरोपपत्र दायर किया गया जिसने नाबालिग होने का दावा किया था। पुलिस ने अपराध शाखा के अधिकारियों को नौ अप्रैल को आरोपपत्र दायर करने से रोकने की कोशिश करने और प्रदर्शन करने के आरोप में वकीलों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की।
  • 14 अप्रैल, 2018: हिंदू एकता मंच की रैली में शरीक हुए भाजपा के मंत्रियों ने राज्य मंत्रिमंडल से इस्तीफा दिया। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने इस अपराध को ‘‘खौफनाक” बताया और प्रशासन से शीघ्र न्याय के लिए कहा।
  • 16 अप्रैल, 2018: कठुआ में प्रधान सत्र अदालत के जज के समक्ष सुनवाई शुरू हुई। सभी आरोपियों ने खुद को निर्दोष कहा।
  • सात मई, 2018: उच्चतम न्यायालय ने सुनवाई के लिये मामला कठुआ से पंजाब के पठानकोट स्थानांतरित किया। शीर्ष अदालत ने मामले की सुनवाई शीघ्रता से करने का निर्देश दिया। साथ ही यह भी कहा कि सुनवाई मीडिया से दूर, बंद कमरे में हो।
  • तीन जून, 2019: सुनवाई पूरी हुई।

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