आजकल के गलत खानपान और खराब लाइफस्टाइल का असर बच्चों पर भी दिखने लगा है. कम उम्र पर बच्चों का वजन जरूरत से ज्यादा बढ़ जाता है, आंखों पर चश्मा लग जाता है, इसके अलावा भी ऐसी तमाम समस्याएं हैं, जो उन्हें समय से पहले झेलनी पड़ रही हैं. इसकी दो खास वजह हैं. पहली, आउटडोर एक्टिविटीज की बजाय इनडोर एक्टिविटीज में व्यस्त रहना, दूसरी, हेल्दी फूड की बजाय बाहर का जंकफूड फास्टफूड और शुगरी ड्रिंक्स आदि की आदत. इन समस्याओं से बचने के लिए अपनी डाइट को बेहतर करना बहुत जरूरी है, साथ ही आउटडोर एक्टिविटीज करना बहुत जरूरी है. इसके लिए योगासन एक अच्छा तरीका हो सकता है. योगासन करने से बच्चों का शरीर लचीला बनता है, बच्चे फुर्तीले होते हैं और उनका दिमाग काफी तेज काम करता है, आत्मविश्वास बढ़ता है और इम्यून सिस्टम मजबूत होता है. यहां जानिए बच्चों के लिए कौन से आसन जरूरी हैं.
ताड़ासन : करने से बच्चों के शरीर की स्ट्रेचिंग हो जाती है. बच्चों का दिमाग तेज होता है और शरीर में रक्त संचार बेहतर होता है. इसे करने के लिए सबसे पहले सीधे खड़े हो जाएं. अब पैर के पंजों के बीच लगभग दस सेंटीमीटर की दूरी रखें. दोनों पैरों पर समान वजन रखें और दोनों हाथों को ऊपर की ओर लें जाएं. शरीर को सीधा रखते जुए और ऊपर की तरफ स्ट्रेच करें.
वृक्षासन : इसे ट्री-पोज नाम से भी जाना जाता है. इस योगासन में शरीर को एक पैर पर ही संभालना होता है. ये बच्चे की एकाग्रता बढ़ाता है, तनाव और चिंता को दूर करता है. इसे करने के लिए सीधे खड़े हो जाएं. दोनों पैरों को आपस में जोड़ दें, अब बाएं घुटने को मोड़ते हुए तलवे को दाईं जांघ पर अंदर की तरफ रखें. हाथों को ऊपर आसमान की तरफ उठाएं और नमस्कार की मुद्रा बनाएं. क्षमतानुसार इसी अवस्था में बने रहें. यही क्रम दूसरी तरफ से भी दोहराएं.
भुजंगासन : को कोबरा पोज भी कहा जाता है. ये बच्चे की इम्युनिटी को मजबूत करता है. स्ट्रेस कम करता है और शरीर को फ्लैक्सिबिल बनाता है. इसके लिए पेट के बल सीधे लेट जाएं. फिर हथेलियों को कंधे के पास फर्श से सटा लें. अब सांस लेते हुए सिर को जितना हो सके उतना ऊपर की ओर उठाएं और आकाश की तरफ देखें. कोशिश करें कि शरीर नाभि तक उठ जाए. सांस छोड़ते हुए प्रारंभिक मुद्रा में वापस आएं. इस क्रम को बार बार दोहराएं.
धनुरासन : इस योगासन में धनुष की आकृति बन जाती है, इसलिए इसे धनुरासन कहा जाता है. धनुरासन से बच्चों के कंधे, घुटने, रीढ़ और टखने मजबूत होते हैं. लिवर अच्छी तरह काम करता है. इसे करने के लिए पेट के बल लेट जाएं. फिर घुटने मोड़कर हाथों से टखनों को मजबूती से पकड़ें. सीने, सिर और जांघ को सांस लेते हुए ऊपर उठाएं. इससे आपके शरीर की आकृति धनुष जैसी बन जाएगी. क्षमतानुसार इसी स्थिति में रुकें. इसके बाद सामान्य स्थिति में आ जाएं. इस क्रम को 4 से 5 बार दोहराएं.