
नई दिल्ली। इस बात पर जोर देते हुए कि अफगानिस्तान गरीबी और आतंकवाद सहित कई समस्याओं का सामना कर रहा है, अफगानिस्तान पर दिल्ली क्षेत्रीय सुरक्षा वार्ता में ईरान ने बुधवार को कहा कि काबुल में एक समावेशी सरकार ही मौजूदा संकट से निपटने का समाधान है। रूस और ईरान के अलावा पांच मध्य एशियाई देश ताजिकिस्तान, किर्गिस्तान, कजाकिस्तान, उज्बेकिस्तान और तुर्कमेनिस्तान भी नई दिल्ली की बैठक में भाग ले रहे हैं।
ईरान के सर्वोच्च राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के सचिव अली शामखानी ने कहा कि अफगानिस्तान को सभी तरह के संकटों का सामना करना पड़ रहा है। इन संकटों का समाधान सभी जातीय समूहों की भागीदारी के साथ एक समावेशी सरकार के गठन के माध्यम से ही हो सकता है। उन्होंने आगे कहा कि हम वास्तव में आशान्वित हैं कि विचारों के आदान-प्रदान के माध्यम से हम इस मंच के उद्देश्यों को प्राप्त करने में सक्षम होंगे।
शामखानी ने यह भी कहा कि उन मुद्दों पर भी चर्चा की जाएगी जो पहले ही अफगानिस्तान को नष्ट कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि मुझे इस बात पर बहुत गर्व और खुशी है कि तेहरान में बैठकें जारी हैं और हम संकट को हल करने के लिए एक-दूसरे से परामर्श करने में सक्षम हैं। बता दें कि इसी तरह के प्रारूप में ईरान ने पहले संवादों की मेजबानी की थी।

अफगानिस्तान पर वार्ता की अध्यक्षता कर रहे अजीत डोभाल ने पहले अफगानिस्तान के मुद्दे पर क्षेत्रीय देशों के बीच अधिक सहयोग और बातचीत और समन्वय का आह्वान किया। डोभाल ने कहा, ‘हम आज अफगानिस्तान से संबंधित मामलों पर चर्चा करने के लिए बैठक कर रहे हैं। हम सभी उस देश के घटनाक्रम पर नजर रखे हुए हैं।’ उन्होंने कहा, मुझे विश्वास है कि हमारा विचार-विमर्श उपयोगी साबित होगा और अफगानिस्तान के लोगों की मदद करने में योगदान देगा।
विदेश मंत्रालय के अनुसार, बैठक के दौरान सातों देश अफगानिस्तान में हाल के घटनाक्रम से उत्पन्न क्षेत्र में सुरक्षा स्थिति की समीक्षा करेंगे। यह 2018 और 2019 में तेहरान द्वारा शुरू किए गए प्रारूप की निरंतरता है, हालांकि, इस बार संवाद में सात देशों की सबसे अधिक भागीदारी है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि वार्ता शांति, सुरक्षा और स्थिरता को बढ़ावा देने में अफगानिस्तान के लोगों का समर्थन करेगी।
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