पटना : कोरोना संक्रमण की चौथी लहर से 12 वर्ष से अधिक और 15 वर्ष से कम उम्र के बच्चों-किशोरों को सुरक्षित करने के मामले में निजी स्कूलों का प्रदर्शन बेहतर है। सरकारी स्कूलों में जहां अबतक महज पांच प्रतिशत बच्चों को वैक्सीन की डोज दी गई है, वहीं निजी स्कूलों के 53 प्रतिशत बच्चों का टीकाकरण हो चुका है। इसका कारण सरकारी स्कूलों में कम उपस्थिति को बताया जा रहा है। आलम यह है कि यहां 20 डोज की एक वाइल खोलने पर महज चार से पांच बच्चों का ही टीकाकरण हो पा रहा है, शेष 15 से 16 डोज बर्बाद हो रही है। बताते चलें कि 4 अप्रैल को स्कूल खुलने के बाद टीकाकरण के रफ्तार पकडऩे की बात कही गई थी लेकिन सरकारी स्कूल इसमें बाधा बन रहे हैं।
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