
पटनाः बिहार विधान परिषद सदस्य एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रेमचंद मिश्रा ने मखाना के जीआई टैग को बदलने का विरोध किया और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार के सदन में दिए गए आश्वासन के अनुरूप मखाना उत्पादों को मिथिला के नाम पर होने की मांग की।
प्रेमचंद मिश्रा ने शुक्रवार को इसके नाम बदलने को अनुचित ठहराया और कहा कि ऐसा करने वाले मिथिला की भावना तथा उसकी भौगोलिक पहचान के विपरीत आचरण करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि पिछले बजट सत्र में उनके ही प्रश्न के उत्तर में राज्य के कृषि मंत्री अमरेन्द्र प्रताप सिंह ने लिखित रूप से सदन को अवगत कराया था कि मखाना का जीआई टैग नहीं बदला जाएगा। उसे मिथिला का मखाना के नाम से ही जीआई टैग मिलेगा।
कांग्रेस नेता ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से इस मामले में तत्काल हस्तक्षेप करने की मांग की और कहा कि मखाना मिथिला क्षेत्र की पहचान है, जहां इसका लगभग छह हजार टन उत्पादन होता है और यह विश्व में मखाना उत्पादन का 90 फीसदी है। ऐसे में इस उत्पाद का जीआई टैग सिर्फ मिथिला का मखाना ही होना चाहिए। लेकिन, सत्ता में बैठे लोगों की मानसिकता मिथिला विरोध की बनी हुई है और उसी वजह से मिथिला से जुड़े उत्पाद की भौगोलिक पहचान को मिटाने की साजिश के तहत मखाना का जीआई टैग बदलकर उसे बिहार का मखाना किया जा रहा है।

मिश्रा ने पूछा कि भागलपुरी शिल्क, मुजफ्फरपुर की लीची, हाजीपुर का केला, सिलाव का खाजा की भौगोलिक पहचान पर जब किसी को कोई आपत्ति नही तो मिथिला के मखाना को लेकर इतनी परेशानी क्यों हो रही है। उन्होंने इस मुद्दे पर मिथिला क्षेत्र से आने वाले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और जनता दल यूनाइटेड (जदयू) नेताओं एवं जनप्रतिनिधियों के मौन व्रत धारण करने को दुर्भाग्यपूर्ण बताया।