‘एकात्मक पर्व’ के रूप में मनाई गई आदिगुरू शंकराचार्य की जयंती, CM शिवराज बोले-विश्व का कल्याण हो,यही एकात्म का सूत्र
भोपाल। आचार्य शंकर सांस्कृतिक एकता न्यास के द्वारा आचार्य शंकर के प्रकटोत्सव ‘एकात्मक पर्व’ के रूप में मनाई गई। कार्यक्रम कुशाभाऊ ठाकरे हाल में आयोजित किया गया। इसमें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने शिकरत की। कार्यक्रम में आचार्य शंकर के जीवन दर्शन पर राजकोट के स्वामीजी परमात्मानंद सरस्वती ने सारस्वत दिया।
वहीं सीएम शिवराज ने कहा, एक ही चेतना हम सबमें है। सृष्टि के कण-कण में वही विराजमान है। मनुष्य ही नहीं, पेड़-पौधों, समस्त जीवों में वही है। हम सभी ईश्वर का अंश हैं। भारत के ऋषियों की वाणी है ‘विश्व का कल्याण हो’, जो हजारों साल से गूँज रही है। यही तो एकात्म का सूत्र है और इसी की व्याख्या आदिगुरू शंकराचार्य जी ने की है।
भारत के ऋषियों की वाणी है ‘विश्व का कल्याण हो’, जो हजारों साल से गूँज रही है। यही तो एकात्म का सूत्र है और इसी की व्याख्या आदिगुरू शंकराचार्य जी ने की है: CM pic.twitter.com/ewbcHt5RLC— CMO Madhya Pradesh (@CMMadhyaPradesh) May 6, 2022
एकात्म पर्व कार्यक्रम में केरल के राज्यपाल मो.आरिफ खान ने कहा कि सौभाग्य की बात है कि जिस राज्य से आदि शंकराचार्य है, उस राज्य का मैं मुखिया हूं। मो. आरिफ खान ने ओमकारेश्वर प्रोजेक्ट की तारीफ भी तारीफ की। उन्होंने कहा कि ओमकारेश्वर में पर लगने वाला प्रोजेक्ट मध्य प्रदेश ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में प्रचलित होगा।
आदि शंकराचार्य दिव्य हैं साधारण नहीं। स्वामी विवेकानंद के बाद मैंने जब आदि शंकराचार्य को पढ़ा, तब समझ आया। अवतार के रूप में भगवान राम और कृष्ण ही नहीं आये, बल्कि इस धरती पर जब भी धूल जमी है स्वामी विवेकानंद और आदिशंकराचार्य भी आये। एकता हमारी आवश्यकता है।मानवता जब से सभ्यता के रास्ते चलना शुरु हुई है उसे एकता की जरूरत पड़ी। अलग-अलग भाषा बोलने वाले अलग-अलग आस्था रखने वाले हिंदुस्तान में ये आश्चर्य की बात नहीं है।