बसंत कुमार सिन्हा
बिहार में शराबबंदी के बावजूद शराब कीतस्करी थमने का नाम नहीं ले रही है। बेगुसराय में जगह-जगह खुलेआम शराब की बिक्री हो रही है। शराब माफिया के हौसले इतने बुलंद हैं कि आम लोगों को तो छोड़िए पुलिस वालों को भी नहीं बख्श रहे हैं। शराब के तस्कर बेगुसराय में गांव-गांव तक अड्डा जमाए बैठे हैं। अवैध शराब की बिक्री का यह आरोप अब आम हो रहा है बातचीत के दौरान अक्सर लोग बताते हैं कि अवैध शराब की खरीद-बिक्री हो ही रही है बस पहले की तरह खुलकर नहीं होती। जो काम पहले वैध तौर पर पारदर्शिता के साथ टैक्स जमा करके होता था वही अब अपराध की तरह ढके-छुपे ढंग से और पुलिस-प्रशासन की सांठगांठ से किया जा रहा है। इससे जहां एक तरफ सरकार को राजस्व का भारी नुकसान हो रहा है, खजाना खाली होने के कारण जरूरी सरकारी नियुक्तियां नहीं हो पा रही हैं, वहीं राज्य में भ्रष्टाचार और आपराधिक प्रवृत्तियों को बढ़ावा मिल रहा है।
बेगूसराय डीएम अरविद कुमार वर्मा ने शराब की होम डिलीवरी से जुड़े मामलों को गंभीरता से लेने का निर्देश अधिकारियों को दिया है। इस कार्य से जुड़े व्यक्तियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश भी अधिकारियों को दिया है।
सूबे में धड़ल्ले से शराब की बिक्री पर पुलिस विभाग का दावा है कि जो भी शराबबंदी कानून के खिलाफ काम करेगा उस पर पुलिस कार्रवाई कर रही है। हालांकि, कुछ मामलों में शराब जब्त करने के साथ शराबियों पर कार्रवाई हो रही है।
हर जगह अड्डा जमाए हुए हैं अवैध शराब के कारोबारी l
बेगुसराय में लगभग सभी थाना क्षेत्रो में अवैध शराब के कारोबारी अड्डा जमाए हुए हैं। यहां वीरपुर, खोदाबंदपुर, चेरियाबरियारपुर, भगवानपुर, बछवाड़ा, तेघरा, बरौनी, साहेब पुर कमाल सहित कई क्षेत्र कई गांवों में शराब का धंधा फलफूल रहा है । लोगों की मानें तो इस धंधे में लिप्त लोग खुलेआम कानून की अवहेलना कर रहे हैं।
चंद रुपयों की खातिर लोगों की जिंदगी कर रहे तबाहl
चंद रुपयों की खातिर माफिया लोगों की जिंदगी तबाह कर रहे हैं। शराब के इस काले धंधे में बेरोजगार युवक और महिलाएं संलिप्त हैं। कुछ लोगों को बिहार से सटे झारखंड और पश्चिम बंगाल से शराब की तस्करी करने में लगाया गया है। वहीं दूसरी तरफ क्षेत्र के हिसाब से स्टॉक कर शराब रखी जाती है, ताकि मांग होने पर आपूर्ति की जा सके। इस धंधे में बच्चों को भी शामिल किया गया है, जो कमर में बोतल बांध कर निर्धारित स्थान तक पहुंचाने का काम कर रहे हैं।
शराबबंदी के बावजूद नहीं हो रहा सुधार
गौरतलब है कि बिहार में राज्य सरकार ने शराबबंदी का कानून लागू किया है, लेकिन रोज शराब और शराबी पकड़े जा रहे हैं। घरों के अंदर छिपा कर रखी बोतलें तक राज्य में शराब पर बैन लगने के बाद मिल चुकी हैं। दूसरे राज्यों से ट्रकों व अन्य वाहन पर लाई जा रही शराब भी पकड़ी जा रही है। पुलिस आरोपितों के विरूद्ध कार्रवाई भी करती है मगर सुधार नहीं हो रहा।
बेशक, शराब एक बुराई है जिसका अतिरेक व्यक्ति का स्वास्थ्य धन और परिवार तक नष्ट कर सकता है। लेकिन सवाल यह है कि इस बुराई को नियंत्रित कैसे किया जाए। अब तक के अनुभव बार-बार साबित करते रहे हैं कि नशाखोरी जैसी आदतें कड़े कानून बनाकर और सख्त सजाएं देकर नहीं दूर की जा सकतीं, अलबत्ता इस कोशिश में भ्रष्टाचार जैसी अन्य कई बुराइयां जरूर जोर पकड़ने लगती हैं। बिहार में भी यही होता दिख रहा है। वक्त आ गया है कि बार-बार नाकाम साबित हुई शराबबंदी की नीति को लागू करते हुए उसका नुकसान उठाते रहने के बजाय इस नीति को पलटने का फैसला किया जाए।
राम रतन सिंह, विधायक, तेघड़ा विधानसभा।
सरकार के तरफ से पूर्ण शराबबंदी है लेकिन इसके बावजूद शराब की अवैध बिक्री लगातार जारी है। बिहार के हर जिले में हर कोने में शराब की बिक्री होती है। इसमें लोकल प्रशासन की मिलीभगत रहती है। जिसमें पैसे के लेन-देन में सब हिस्सेदार होते हैं। इससे समाज बर्बाद हो रहा है ।
सत्तानन्द सम्बुद्ध, विधायक, साहेब पुर कमाल ।
बेगूसराय में शराबबंदी पूर्णतः विफल है। आए दिन कहीं ना कहीं अवैध शराब पकड़े जाने की खबर सामने आती है। होम डिलीवरी के माध्यम से शराब हर जगह आसानी से उपलब्ध हो जाती है। अवैध शराब बंदी के कारोबारी पर नकेल कसने में सरकार पूर्णतः विफल है।
राजबंशी महतो, विधायक, चेरिया बरियारपुरl
बेगूसराय में शराबबंदी जैसी कोई चीज नहीं दिखती है। खुलेआम शराब बिक रही ह।ै प्रतिबंध के नाम पर सिर्फ दिखाबा है। शराब की आड़ में पुलिस की अवैध कमाई बढ़ गई है। पुलिस प्रशासन अवैध शराब के कारोबार को रोकने में विफल है।
शिव प्रकाश गरीब दास, युवा प्रदेश उपाध्यक्ष, कांग्रेस सह पूर्व विधानसभा प्रत्याशी बछ्बारा।
शराबबंदी जैसा कहीं कुछ भी नहीं है। हर जगह शराब की होम डिलीवरी उपलब्ध है। सामाजिक जीवन प्रभावित हो रहा है। पुलिस संगीन अपराधियों को छोड़कर शराब कारोबारियों के पीछे व्यस्त है। शराब के नाम पर अवैध वसूली का सिलसिला जारी है। पुलिस और शराब कारोबारी के गठजोड़ से बेगूसराय में अवैध शराब का कारोबार काफी फल-फूल रहा है। जिस पर लगाम लगाने में बेगूसराय पुलिस विफल है।
रतन सिंह, वरिष्ठ जदयू नेता सह पूर्व चेयर मेन जिला परिषद् बेगुसराय।
शराबबंदी बिहार सरकार का सराहनीय प्रयास है। इसमें थोड़ी बहुत कमी भी है जिसे सुधारने का प्रयास किया जा रहा है। समाज को भी इसमें आगे आना चाहिए। युवा पीढ़ी से भी अपेक्षा है कि समाज के कल्याण में सहयोग करें इसका दुष्परिणाम का प्रभाव सामाजिक आर्थिक तथा स्वास्थ्य पर भी होता है। सरकार के शराबबंदी कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए समाज का सकारात्मक प्रयास भी जरूरी है।
कौशल किशोर सिंह, उपाध्यक्ष, द सेन्ट्रल को ऑपरेटीव बैंक बेगूसराय।
बिहार में शराबबंदी कागजों तक ही सीमित है। हर जगह शराब की होम डिलीवरी आसानी से हो जाती है। बेगूसराय में अपराध और अपराधियों का मनोबल बढ़ने का बड़ा कारण शराब भी है पुलिस और शराब कारोबारी के गठजोड़ से बेगूसराय में अवैध शराब का कारोबार धड़ल्ले से फल-फूल रहा है। जिसमें सामाजिक जीवन प्रभावित हो रहा है ।
रमेश सिंह, सामाजिक कार्यकर्ता सह भावी मुखिया प्रत्याशी बिक्रमपुर बेगूसराय
बेगूसराय में अवैध शराब का कारोबार फल-फूल रहा है महुआ शराब भी जगह-जगह बनता है आए दिन शराब का ट्रक पकड़ा जाता है फिर भी अवैध शराब का बिक्री में वृद्धि हो रही है सरकार की गलती के कारण लोग जहरीली शराब का सेवन कर रहे हैं राजस्व का भी बड़े पैमाने पर घाटा हो रहा है जिसका खामियाजा समाज के हर वर्ग को उठाना पड़ रहा है ।
रवि कुमार, सामाजिक कार्यकर्ता सह सक्रिय कार्यकर्ता कांग्रेस l
शराबबंदी पर सरकार का कोई नियम ही नहीं है इससे बेहतर पूर्व में शराब लेने के लिए कम से कम लोग दुकान पर जाते थे अभी तो होम डिलीवरी का सिस्टम है घर बैठे लोग शराब आसानी से मंगा सकते हैं शराब की खपत भी पहले से ज्यादा है पुलिस प्रशासन की मिलीभगत से शराब का अवैध कारोबार फल-फूल रहा है ।