Breaking
चुनाव में गर्मी की चुनौती- हर वोटर कतार पर छांव, पेयजल और हर बूथ पर कूलर की तैयारी सीधी के रामपुर नैकिन में चर्चित संविदा शिक्षक भर्ती घोटाले के मास्टर माइंड के प्रकरण की अपील खारिज थाना प्रभारी बनकर दवा विक्रेता से 10000 लूटने की कोशिश प्रतिष्ठानों का संचालन विभागीय प्रविधानों व फायर सेफ्टी के साथ ही होगा कूल बेड्स रखेगे पालतू को गर्मी में कूल-कूल, तीन डिग्री तक रखेंगे ठंडा नगर में 25 अप्रैल को प्रधानमंत्री के रोड-शो के संकेत मिले, समय मिलने का इंतजार यूं मिले दिल से दिल... पढ़िए मप्र कैडर के दो युवा आइपीएस अधिकारियों की प्रेम कहानी मेडिकल कॉलेज में डॉ नवनीत सक्सेना ने स्थाई अधिष्ठाता का पदभार संभाला शिप्रा नदी में प्रदूषित जल मिलाने का विरोध, नाले के पानी में बैठे कांग्रेस उम्मीदवार महेश परमार दो ने लिए नाम वापस, मैदान में 19 प्रत्याशी, हर केंद्र पर लगेंगी दो बैलेट यूनिट

मास्को पहुंची उड़ान, आए काबुल में फंसे रूस व अफगानिस्तान के नागरिक

Whats App

मास्को। मास्को के चाकालोवस्की (Chkalovsky airport) एयरपोर्ट पर उतरे तीन उड़ानों में से एक में रूस व अफगानिस्तान के नागरिकों को लाया गया है। दरअसल तीन रूसी सैन्य ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट को काबुल में मानवीय सहायता पहुंचाने व वहां फंसे रूस, किर्गिस्तान और अफगान के विद्यार्थियों को  निकाल कर लाने के लिए भेजा गया था। स्पूतनिक न्यूज एजेंसी के अनुसार 214 यात्रियों को लेकर काबुल से प्लेेन रवाना हुई।

रूस के रक्षा मंत्रालय की ओर से जानकारी दी गई कि  अफगानिस्तानी व रूसी  नागरिकों को लेकर पहलेे प्लेन की लैंडिंग चकालोवस्की एयरपोर्ट पर हुई। यहां उतरने के बाद इन यात्रियों का कस्टम चेक किया गया और कोविड-19 टेस्ट से जुड़ी प्रक्रिया भी जारी है।

करीब तीन माह पहले तालिबान ने अफगानिस्तान की सत्ता पूरी तरह हथिया ली और लोकतांत्रिक प्रक्रिया से चुने गए सरकार को बाहर कर दिया। इसके बाद तालिबान ने अपने अंतरिम सरकार का गठन किया। इस बीच तालिबान ने दुनिया को अफगानिस्तान की बेहतर तस्वीर की भरसक कोशिश की ताकि इसे वैश्विक स्तर पर पहचान मिल सके। लेकिन विशेषज्ञों ने कहा कि तालिबान के काबिज होते ही काबुल एयरपोर्ट पर जो मंजर था वह हालात इसके लिए काफी था कि आतंकी समूह अपने हिंसक प्रवृति के साथ देश में वापस आए हैं।

Whats App

बता दें कि सितंबर माह में जर्मनी के राष्ट्रपति ने तालिबान के कब्जे के बाद अफगानिस्तान में फंसे जर्मन नागरिकों को वहां से विमान से स्वदेश लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले कमांडर को देश के सर्वोच्च पुरस्कार से सम्मानित किया। जर्मनी की सेना ने अगस्त में अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद काबुल से 45 देशों के 5300 से ज्यादा नागरिकों को निकाला। इस तहत वैश्विक अभियान में 1,20,000 से ज्यादा लोग विमान के जरिए अफगानिस्तान से निकाले गए।

इस क्रम में  ब्रिटेन ने अमेरिका से काबुल से लोगों के निकासी अभियान की समय सीमा बढ़ाने का आग्रह किया था। कुछ ब्रिटिश सैन्य अधिकारियों ने अगस्त में यहां तक कहा था कि अमेरिकियों की वापसी के बाद भी ब्रिटेन को काबुल एयरपोर्ट पर अपने सैनिकों को रखना चाहिए।

चुनाव में गर्मी की चुनौती- हर वोटर कतार पर छांव, पेयजल और हर बूथ पर कूलर की तैयारी     |     सीधी के रामपुर नैकिन में चर्चित संविदा शिक्षक भर्ती घोटाले के मास्टर माइंड के प्रकरण की अपील खारिज     |     थाना प्रभारी बनकर दवा विक्रेता से 10000 लूटने की कोशिश     |     प्रतिष्ठानों का संचालन विभागीय प्रविधानों व फायर सेफ्टी के साथ ही होगा     |     कूल बेड्स रखेगे पालतू को गर्मी में कूल-कूल, तीन डिग्री तक रखेंगे ठंडा     |     नगर में 25 अप्रैल को प्रधानमंत्री के रोड-शो के संकेत मिले, समय मिलने का इंतजार     |     यूं मिले दिल से दिल… पढ़िए मप्र कैडर के दो युवा आइपीएस अधिकारियों की प्रेम कहानी     |     मेडिकल कॉलेज में डॉ नवनीत सक्सेना ने स्थाई अधिष्ठाता का पदभार संभाला     |     शिप्रा नदी में प्रदूषित जल मिलाने का विरोध, नाले के पानी में बैठे कांग्रेस उम्मीदवार महेश परमार     |     दो ने लिए नाम वापस, मैदान में 19 प्रत्याशी, हर केंद्र पर लगेंगी दो बैलेट यूनिट     |    

पत्रकार बंधु भारत के किसी भी क्षेत्र से जुड़ने के लिए इस नम्बर पर सम्पर्क करें- 9431277374