Breaking
क्या शादीशुदा लोग बन सकते हैं नागा साधु? गृहस्थ लोगों के लिए ये हैं नियम कौन हैं हर्षा रिछारिया के गुरु, कैसे बनीं एंकर से साध्वी? म्यांमार के जेड खनन क्षेत्र में भूस्खलन,1 2 लोगों की मौत, कई लापता पीएम नरेंद्र मोदी ने दिल्ली में नारायणा गांव के लोगों के साथ मनाई लोहड़ी, बांटी खुशियां भारतीय सेना ने किया एंटी-टैंक फायर-एंड-फॉरगेट गाइडेड मिसाइल ‘नाग Mk 2’ का सफल परीक्षण कोटा से अचानक गायब हुई बिहार की कोचिंग छात्रा, 6 दिन बाद दिल्ली में इस हाल में मिली… वजह जान उड़े सभ... अयोध्या में राम मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा के दौरान देश की ‘सच्ची स्वतंत्रता’ प्रतिष्ठित हुई… बोले मोह... संविधान, भ्रष्टाचार और मोदी-केजरीवाल पर हमला… राहुल गांधी की रैली की बड़ी बातें फ्लैट-अपार्टमेंट ही नहीं LDA के पास अपना फाइव स्टार होटल, हैं 186 लग्जरी रूम; आप भी कर सकते हैं बुक महाकुंभ का पहला अमृत स्नान कल, क्या है मकर संक्रांति पर संगम में डुबकी लगाने का महत्व?

32 साल पहले ही ओक की लकड़ी से बन चुका था महारानी एलिजाबेथ का ताबूत

Whats App

लंदन। ब्रिटेन के शाही परिवार की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय का अवसान पूरी दुनिया के साथ उनके परिजनों के लिए लिए बड़ा आघात है। महारानी पार्थिव देह के लिए उपयोग में लिया गया ताबूत कथित तौर पर तीन दशक से अधिक समय पहले तैयार किया गया था। रानी के ताबूत को कम से कम 32 साल पहले अंग्रेजी ओक की लकड़ी से बनाया गया था, जो आजकल दुर्लभ है। अब ज्यादातर लकड़ी के ताबूत अमेरिकी ओक से बन रहे हैं। यह चारों ओर से शीशा से बना हुआ है, यह एक शाही परंपरा है जो शव को कब्र में दफनाने के बाद लंबे समय तक संरक्षित रखने में मदद करती है।एक खबर के अनुसार कहा जाता है कि शीशा ताबूत को वायुरोधी बनाता है, जिससे नमी को अंदर जाने से रोकने में मदद मिलती है लेकिन यह काफी भारी हो जाता है। ताबूत को हिलाने के लिए आठ पालबियरों की आवश्यकता होती है। यह दिवंगत रानी के पति प्रिंस फिलिप के लिए बनाई गई एक अन्य से मेल खाती है जिनकी पिछले साल मृत्यु हो गई थी और उन्हें कब्र में दफनाया गया था। ताबूत को विशेष रूप से इसके ढक्कन पर सुरक्षित रूप से कीमती फिटिंग रखने के लिए डिजाइन किया गया है। इसमें इंपीरियल स्टेट क्राउन, ओर्ब और राजदंड शामिल होते हैं, जो सम्राट की शक्तियों के विभिन्न पहलुओं का प्रतिनिधित्व करते हैं। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार ताबूत पर पीतल के हैंडल भी विशिष्ट रूप से शाही ताबूत के लिए डिजाइन किए गए हैं।महारानी एलिजाबेथ द्वितीय का ताबूत बीते रविवार को पहली बार सामने आया, जहां उनकी मृत्यु हो गई थी। ताबूत को स्कॉटिश शाही मानक और बाल्मोरल एस्टेट के बगीचों से सफेद हीदर, दहलिया और मीठे मटर की एक माला के साथ कवर किया गया था। यह रविवार रात स्कॉटिश राजधानी एडिनबर्ग में होलीरूडहाउस के महल में रुका था। महारानी एलिजाबेथ का पार्थिव शरीर सोमवार को खुली ताबूत गाड़ी में यात्रा करने के बाद बुधवार तक लंदन के वेस्टमिंस्टर हॉल में पहुंचेगा।

क्या शादीशुदा लोग बन सकते हैं नागा साधु? गृहस्थ लोगों के लिए ये हैं नियम     |     कौन हैं हर्षा रिछारिया के गुरु, कैसे बनीं एंकर से साध्वी?     |     म्यांमार के जेड खनन क्षेत्र में भूस्खलन,1 2 लोगों की मौत, कई लापता     |     पीएम नरेंद्र मोदी ने दिल्ली में नारायणा गांव के लोगों के साथ मनाई लोहड़ी, बांटी खुशियां     |     भारतीय सेना ने किया एंटी-टैंक फायर-एंड-फॉरगेट गाइडेड मिसाइल ‘नाग Mk 2’ का सफल परीक्षण     |     कोटा से अचानक गायब हुई बिहार की कोचिंग छात्रा, 6 दिन बाद दिल्ली में इस हाल में मिली… वजह जान उड़े सभी के होश     |     अयोध्या में राम मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा के दौरान देश की ‘सच्ची स्वतंत्रता’ प्रतिष्ठित हुई… बोले मोहन भागवत     |     संविधान, भ्रष्टाचार और मोदी-केजरीवाल पर हमला… राहुल गांधी की रैली की बड़ी बातें     |     फ्लैट-अपार्टमेंट ही नहीं LDA के पास अपना फाइव स्टार होटल, हैं 186 लग्जरी रूम; आप भी कर सकते हैं बुक     |     महाकुंभ का पहला अमृत स्नान कल, क्या है मकर संक्रांति पर संगम में डुबकी लगाने का महत्व?     |