Local & National News in Hindi
ब्रेकिंग
बिहार में वोटर लिस्ट समीक्षा का 94.68% काम पूरा, 7 दिन में 41 लाख फॉर्म मिलने बाकी सीओ ऋषिका सिंह ने कांवड़ियों के पैर दबाए, कहा- ड्यूटी के साथ ये मेरा फर्ज पीएम मोदी ने नीतीश के विकास कार्यों की तारीफ की, CM ने ₹7,200 करोड़ के प्रोजेक्ट्स के लिए जताया आभार कांवड़ यात्रा में कम क्यों आ रहे श्रद्धालु? पिछले साल के मुकाबले घट गई संख्या, ये है एक बड़ी वजह छप्पर पर रखी कंघी में लिपटा था सांप, बाल संवारने को लगाया हाथ तो महिला को डसा, मौत जस्टिस वर्मा ने जांच रिपोर्ट को SC में दी चुनौती, महाभियोग प्रक्रिया की सिफारिश को भी किया चैलेंज नौसेना के बेड़े में शामिल होगा INS निस्तर, दुश्मन के मंसूबों को नाकाम करेगा साइलेंट किलर सरकार से संपर्क करिए… निमिषा प्रिया को लेकर दायर नई याचिका पर बोला सुप्रीम कोर्ट दिल्ली से लेकर बेंगलुरु तक… 80 से ज्यादा स्कूलों को मिली बम की धमकी AAP नेताओं पर जांच का शिकंजा, पूर्व सीएम आतिशी ने गुजरात उपचुनाव के नतीजों से जोड़ा

डोगरों ने लाल सिंह पर नहीं दिखाया भरोसा, जमानत भी नहीं बचा पाए

0 37

जम्मू : लाल सिंह को भाजपा का साथ छोडऩा रास नहीं आया। जिस सीट पर उन्हें सबसे ज्यादा भरोसा था वहां से चौधरी अपनी जमानत भी नहीं बचा पाए और बुरी तरह से हार गये। डोगरा स्वाभीमान संगठन बनाने और कठुआ रेप केस को लेकर मंत्री पद से त्यागपत्र देने अथवा बड़ी-बड़ी रैलियां करने का भी उन्हें कोई लाभ नहीं हुआ। जम्मू-पुंछ और उधमपुर-डोडा, दोनों ही सीटों पर उन्हें करारी शिकसत का सामना करना पड़ा।

लाल सिंह 23 वर्षों से राजनीति कैरियर में हैं और उनका यह चुनाव सबसे बुरा साबित हुआ। दो बार सांसद रह चुके लाल सिंह को उम्मीद नहीं थी कि उनके साथ ऐसा भी हो सकता है। हांलाकि जनता उनके काम की कायल रही है और बतौर स्वास्थ्य मंत्री उनकी तारीफें भी होती रही हैं। लाल सिंह का सपना था कि डोगरा स्वाभीमान संगठन बनाकर विधानसभा चुनावों में वह जम्मू की सभी 33 सीटों पर चुनाव में उम्मीदवार उतारेंगे पर उनका सपना टूटा सा लग रहा है। बात अगर वोटों की करें तो लाल सिंह को इस बार चुनाव में तीन गुणा कम वोट मिले हैं।

Leave A Reply

Your email address will not be published.