उज्जैन। कार्तिक पूर्णिमा पर आठ नवंबर मंगलवार को चंद्र ग्रहण रहेगा। उज्जैन में शाम 5.43 से शाम 6.19 बजे तक कुल 36 मिनट ग्रहण रहेगा। कार्तिक अमावस्या के ठीक 15 दिन बाद पूर्णिमा पर दूसरा ग्रहण होने जा रहा है। चंद्रग्रहण के कारण श्री महाकालेश्वर मंदिर में मंगलवार को ग्रहण के मोक्ष के बाद मंदिर का शुद्धीकरण कर भगवान की संध्या पूजन व आरती की जाएगी।।ज्योतिषाचार्य पं.आनंद शंकर व्यास ने बताया कि खग्रास चंद्रग्रहण है, लेकिन अपने यहां खग्रास नही दिखाई देगा। यहां पर ग्रहण लगा हुआ उदित होगा चंद्रमा। ग्रहण लगेगा 2.40 बजे से और 6.19 मिनट पर मोक्ष होगा। आंशिक चंद्रग्रहण दिखाई देगा। वो भी नीचे होने के कारण छत पर चढ़कर या यंत्र से दिखाई देगा। इस नाते उसका दर्शन थोड़ी देर के लिए होगा। उसका पालन सूर्य के पहले से करना चाहिए और मोक्ष के बाद भोजन, पूजन, पाठ किया जाना चाहिए।ग्रहण के मोक्ष होने के बाद होगी महाकाल संध्या आरतीकार्तिक मास की पूर्णिमा 8 नवंबर पर खग्रास चंद्रग्रहण होने के कारण संध्या के समय ग्रहण के स्पर्श होने के बाद महाकाल मंदिर के गर्भगृह में किसी का प्रवेश नही होगा। मंदिर के पुजारी आशीष पुजारी ने बताया कि ग्रहण काल के दौरान भगवान का स्पर्श नही किया जाता है। ग्रहण का वेध सुबह से ही लग जाएगा। इसलिए भगवान की सुबह 11 बजे की आरती के दौरान भी वेध रहेगा। ग्रहण काल समाप्त होने के पश्चात सम्पूर्ण मंदिर का शुद्धिकरण होगा। इसके बाद श्री महाकालेश्वर भगवान को भोग लगेगा और संध्या पूजन व आरती होगी।मंगलनाथ व अंगारेश्वर मंदिर में नही होगी भात पूजाइस बार मंगलवार 8 नवंबर को शाम को चंद्र ग्रहण होने और सुबह से ही ग्रहण का सूतक होने से मंगलनाथ और अंगारेश्वर मंदिरों में भात पूजा नहीं होगी। श्री मंगलनाथ मंदिर के प्रबंधक केके पाठक ने बताया कि चंद्र ग्रहण का सूतक 12 घंटे पहले मंगलवार को सुबह से शुरू होकर ग्रहणकाल सांय 5.43 से 6.19 बजे तक रहेगा। श्री मंगलनाथ मंदिर और श्री अंगारेश्वर महादेव मंदिर पर गर्भगृह में प्रवेश तथा पूजन पूर्णत: प्रतिबंधित रहेगी।
Breaking