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जलशक्ति राज्यमंत्री ने नदी में छोड़ा मत्स्य बीज, बोले- मत्स्य पालन अपनाकर अच्छी कमाई कर सकते हैं

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बांदा: बांदा में विश्व मात्स्यिकी दिवस मनाया गया। इस अवसर पर जलशक्ति राज्यमंत्री रामकेश निषाद जनपद पहुंचे। उन्होंने केन नदी के राजघाट आरती स्थल में आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा लिया। इस मौके पर उन्होंने “प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा” योजनान्तर्गत ट्रेनिंग एवं कैपेसिटी बिल्डिंग एक दिवसीय वर्कशाप कॉन्फ्रेंस का शुभारंभ किया। उन्होंने नदी में मत्स्य बीज डाले।नदी में मत्स्य बीज डालते राज्यमंत्रीइस अवसर पर उन्होंने मत्स्य पालन को बढ़ावा देने के साथ किसानों के लिए आय का विशेष स्रोत बताया। कहा कि खेत -तालाब योजना में मत्स्य पालन की बहुत उपयोगिता है। जल शक्ति राज्यमंत्री रामकेश ने इस अवसर पर कार्यशाला में कहा कि नीली क्रांति के माध्यम से आर्थिक क्षेत्र में प्रगति लाने के लिए मत्स्य पालन क्षेत्र में परिवर्तन करने हेतु सरकार बढ़-चढ़ कर काम कर रही है।इस पहल के माध्यम से उत्पादन और उत्पादकता में वृद्धि, गुणवत्ता में सुधार तथा अपशिष्ट में कमी के माध्यम से किसानों की आय बढ़ाने की कल्पना की गई है । इस क्षेत्र की वृहद क्षमता को देखने हुए, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मई 2020 में पांच वर्ष की अवधि के लिए 20,050 करोड़ रुपए से अधिक के बजट के साथ “प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (पीएमएमएसवाई) की शुरुआत की थी।विश्व मात्स्यिकी दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा लेते अतिथिपीएमएमएसवाई का लक्ष्य 2024-25 तक मछली उत्पादन को वर्तमान में 15.0 एमएमटी से बढाकर 22 एमएमटी तक करना और इस क्षेत्र के माध्यम से लगभग 55 लाख लोगों को अतिरिक्त रोजगार के अवसर पैदा करना है।कार्यशाला में विभागीय अधिकारी, मत्स्य पालन में लगे लोग एवं अन्य जनप्रतिनिधि भी उपस्थित रहे।

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